Punjab: पराली जलाने के मामलों में सारी कवायद के बावजूद सरकार की मुश्किलें नहीं हो रही कम, मंगलवार को आए 513 केस
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर सख्ती तो कर दी है पर इसके बावजूद पराली जलने की घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है। मंगलवार को भी 513 जगहों पर किसानों ने पराली को आग लगाई। धान की कटाई अंतिम चरण में होने के कारण पराली जलामे की घटनाओं मे पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की फटकार के बाद सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर सख्ती तो कर दी है पर इसके बावजूद पराली जलने की घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है। मंगलवार को भी 513 जगहों पर किसानों ने पराली को आग लगाई।
अंतिम चरण में धान की कटाई
धान की कटाई अंतिम चरण में होने के कारण पराली जलाने की घटनाओं में कमी तो आई है, लेकिन इन घटनाओं पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है। यही कारण है कि पहले सुप्रीम कोर्ट से पंजाब सरकार को फटकार लगी और उसके बाद एनजीटी ने भी पंजाब सरकार की कार्रवाई पर उंगली उठा दी है।
अब तक 35,606 पराली जलाने की घटनाएं आई सामने
पंजाब सरकार की परेशानी यह है कि एक तरफ किसान संगठन पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज किए जा एफआईआर और राजस्व रिकार्ड में रेड एंट्री को लेकर विरोध पर उतर आए हैं। वहीं, एनजीटी ने तो पराली जलने की घटनाओं को प्रशासनिक असफलता बता दिया है। पंजाब में अभी तक 35,606 पराली को आग लगाने की घटनाएं हो चुकी है।
सोमवार तक पुलिस ने 1084 मामलों को किया दर्ज
जबकि सोमवार तक पंजाब पुलिस ने 1084 एफआईआर और 340 मामलों में राजस्व रिकार्ड में रेड एंट्री की है। अहम पहलू यह है कि 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले पराली जलाने के 20,978 मामले सामने आए थे। इस मामलों में 18 एफआइआर दर्ज की गई थी।
NGT ने कहा- दिल्ली के प्रदूषण के लिए पंजाब सरकार जिम्मेदार
सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पूरी सरकार आग लगने की घटनाओं को रोकने पर उतर आई। इस मामले में जहां 9 डिप्टी कमिश्नरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। वहीं, 11 जिलों के एसएसपी को भी नोटिस जारी किया गया। बता दें कि बीते कल एनजीटी ने कहा था कि दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए पंजाब सरकार जिम्मेवार है।
एनजीटी ने कहा था कि अगर सरकार पराली जलाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई कर रही है तो फिर सुधार क्यों नहीं हो रहा।
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