'कार से खींचा, बाल पकड़े और लात-घूंसों से पीटा', कर्नल बाठ ने बताई आपबीती; पुलिसकर्मियों पर जान से मारने का आरोप
कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ ने पटियाला पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिसकर्मियों ने उनके साथ बेरहमी से मारपीट की और उनके सिख धर्म के प्रतीक केशों को पकड़कर खींचा और लात-घूंसों से पीटा। इस घटना से कर्नल बाठ की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। पुलिस ने उनके बेटे अंगद सिंह बाठ के साथ भी मारपीट की।

जागरण संवाददाता, पटियाला। कर्नल और उसके बेटे से मारपीट करने के मामले में पुलिस ने आठवें दिन केस दर्ज करते हुए चार इंस्पेक्टर रौनी सिंह, हरजिंदर सिंह ढिल्लों, हैरी बोपाराय, शमिंदर सिंह समेत राजवीर सिंह और सुरजीत सिंह समेत अज्ञात खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
घटना के बाद पुलिस ने ढाबा मालिक के बयानों के आधार पर अज्ञात व्यक्तियों खिलाफ केस दर्ज कर लिया था, लेकिन कर्नल पुष्पिंदर सिंह का परिवार लगातार कर्नल पुष्पिंदर सिंह के बयानों के आधार पर केस दर्ज करवाने की मांग कर रहा था।
इसके बाद पुलिस ने उनके बयानों के आधार पर शुक्रवार देर रात एक फ्रेश एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस को दिए बयानों ने कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ (पुत्र कुलवंत सिंह) निवासी न्यू अफसर कॉलोनी, पटियाला ने अपने बेटे अंगद सिंह बाठ के साथ पुलिस मारपीट का गंभीर आरोप लगाया है।
आस्था को पहुंचाई ठेस: कर्नल बाठ
कर्नल बाठ के अनुसार, घटना के दिन इंस्पेक्टर रौनी सिंह, हरजिंदर सिंह ढिल्लों, हैरी बोपाराय और शमिंदर सिंह मौके पर मौजूद थे। उन्होंने आरोप लगाया कि इन अधिकारितों ने उनके और उनके बेटे अंगद सिंह बाठ के साथ न केवल बेरहमी से मारपीट की, बल्कि धार्मिक आस्था को भी ठेस पहुंचाई।
कर्नल बाठ ने बताया कि इंस्पेक्टर हैरी बोपाराय और हरजिंदर सिंह ढिल्लों ने उनकी कार से उन्हें जबरन बाहर खींचकर जमीन पर गिराया और डंडों और लात-घूंसों से पीटा। इस दौरान इंस्पेक्टर सुमिंदर सिंह ने बेसबाल बैट से उनकी कोहनी और घुटनों पर वार किया, जबकि इंस्पेक्टर रौनी सिंह ने डंडे से बाईं बाजु पर चोट पहुंचाई।
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फोटो: कर्नल से मारपीट मामले में विधानसभा के बाहर कांग्रेस नेताओं ने किया विरोध (जागरण संवाददाता)
कर्नल बाठ ने कहा कि पुलिस ने उनके केश (सिख धर्म का प्रतीक) को पकड़कर खींचा, जिससे उनकी धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची। उन्होंने आरोप लगाया कि इंस्पेक्टर हैरी बोपाराय ने उनके बेटे अंगद सिंह को कार में ही घूंसे मारे और फिर बाहर खींचकर बेरहमी से पीटा। चारों इंस्पेक्टरों और उनकी टीम ने उनके बेटे को जान से मारने की नीयत से हमला किया।
पुलिस ने छीना पहचान पत्र और मोबाइल
कर्नल बाठ ने आगे कहा कि हमलावर पुलिसकर्मियों ने उनका भारतीय सेना का पहचान पत्र और मोबाइल फोन छीन लिया, जो भारत सरकार की अमानत है।
उन्होंने आशंका जताई कि पुलिस ने उनके मोबाइल से महत्वपूर्ण जानकारी ट्रांसफर कर ली होगी, जिसके लिए गहराई से जांच की जानी चाहिए। बाद में डीएसपी सतनाम सिंह ने कर्नल बाठ का मोबाइल फोन और आईडी कार्ड पुलिसवालों से वापस लेकर उन्हें लौटा दिया।
झूठे आरोप लगाने का दावा
कर्नल बाठ ने आरोप लगाया कि इंस्पेक्टर हैरी बोपाराय ने अपने साथियों को बचाने के लिए जानबूझकर एक वीडियो रिकॉर्ड की, जिसमें उनके खिलाफ झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए गए कि वे वहां लड़कियों से छेड़छाड़ कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज और डीवीआर की जांच की जानी चाहिए। इस मामले में पुलिस प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं और यदि न्याय नहीं मिला, तो वे आगे की लड़ाई के लिए तैयार रहेंगे।
FIR दर्ज करके इंस्पेक्टर नामजद किए: एसएसपी
एसएसपी डॉ. नानक सिंह ने कहा कि कर्नल बाठ के बयानों के आधार पर फ्रेश एफआईआर दर्ज करके चारों इंस्पेक्टर समेत सभी आरोपितों को नामिनेट कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए सीनियर अधिकारियों की एक एसआईटी बना दी गई है।
SIT की जांच ही आरोपितों की गिरफ्तारी तय करेगी। इसके साथ ही सभी आरोपितों का तबादला जिले के बाद ट्रांस्फर करने के साथ-साथ परिवार को सिक्योरिटी मुहैया करवाई गई है।
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