Farishte Yojana In Punjab: सड़क हादसों में हुए घायलों को फ्री इलाज, फरिश्ते योजना में मुक्तसर के 24 प्राइवेट अस्पतालों को मिली जगह
Farishte Yojana In Punjab फरिश्ते योजना के तहत सड़क हादसों में घायल होने वालों का उक्त अस्पतालों में निशुल्क उपचार किया जाएगा। उधर जिला प्रशासन और सेहत विभाग की ओर से फरिश्ते योजना में शामिल अस्पतालों को लेकर अभी तक कोई प्रचार प्रसार नहीं किया गया है। जिसके चलते लोगों में जानकारी का भी अभाव देखने को मिल रहा है।
राजिंदर पाहड़ा, श्री मुक्तसर साहिब। (What is Farishte Yojana) राज्य सरकार की फरिश्ते योजना में जिले के 24 अस्पतालों को शामिल किया गया है। इनमें नौ सरकारी व 14 निजी अस्पताल रखे गए हैं। योजना में उन्हीं अस्पतालों को शामिल किया गया है जो आयुष्मान सेहत बीमा योजना के तहत नामजद किए गए थे।
फरिश्ते योजना का नहीं किया गया है प्रचार प्रसार
फरिश्ते योजना के तहत सड़क हादसों में घायल होने वालों का उक्त अस्पतालों में निशुल्क उपचार किया जाएगा। उधर, जिला प्रशासन और सेहत विभाग की ओर से फरिश्ते योजना में शामिल अस्पतालों को लेकर अभी तक कोई प्रचार प्रसार नहीं किया गया है। जिसके चलते लोगों में जानकारी का भी अभाव देखने को मिल रहा है। सड़क हादसे का शिकार होने वाले व्यक्ति को लोग सरकारी अस्पतालों में ही लेकर जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पंजाब की भगवंत मान सरकार राज्य में सड़क हादसे का शिकार हुए व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने पर मदद करने वाले को 2000 रुपये की राशि भी देगी। घायल की मदद करने वाले व्यक्ति से पुलिस या अस्पताल तब तक कोई पूछताछ नहीं करेगा जब तक वह खुद इसके लिए राजी न होगा। गणतंत्र दिवस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसकी घोषणा की थी।
क्या है फरिश्ते योजना
फरिश्ते योजना के तहत सड़क दुर्घटना पीड़ितों का मुफ्त इलाज किया जाएगा। सड़क दुर्घटना पीड़ितों के बहुमूल्य जीवन को बचाने के लिए गोल्डन आवर का अधिक से अधिक प्रयोग करना मकसद है। सरकार राष्ट्रीय, जाति या सामाजिक-आर्थिक भेदभाव के बिना सभी सड़क दुर्घटना पीड़ितों को निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया जाएगा।
फिलहाल अभी कोई केस नहीं आया सामने
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद से फिलहाल अभी तक सड़क हादसों में घायल गंभीर व्यक्ति को फरिश्ते योजना में शामिल निजी अस्पतालों में निशुल्क इलाज को अभी तक कोई मरीज नहीं पहुंचा है। लोगों में धारणा बनी हुई है कि हादसे के शिकार व्यक्ति को सरकारी अस्पताल में ही भर्ती करवाया जाए। वहीं फरिश्ते योजना में शामिल किए गए अस्पतालों की प्रशासनिक स्तर पर जागरूकता न फैलाने के कारण भी लोगों में जानकारी का अभाव है।
फरिश्ते योजना में जिले के यह 24 अस्पताल शामिल हैं -
सरकारी अस्पताल
1. जिला मुख्यालय सिविल अस्पताल मुक्तसर
2. सब डिवीजन सिविल अस्पताल मलोट
3. सब डिवीजन सिविल अस्पताल गिद्दड़बाहा
4. सीएचसी लंबी
5.सीएचसी चक्क शेरेवाला
6. सीएचसी आलमवाला
7. सीएचसी दोदा
8.सीएचसी बरीवाला
9.एसडीएच बादल
निजी अस्पताल
1. न्यू श्याम नारायण अस्पताल
2. राजिंद्रा न्यू बोर्न एंड चिल्ड्रन अस्पताल
3. ऊषा बांसल नर्सिंग होम
4. दर्शन मेमोरियल आर्थो एंड जनरल अस्पताल
5. रमेश बोनेस एंड ज्वाइंट अस्पताल
6.संधू अस्पताल
7. न्यू दिल्ली अस्पताल एंड नर्सिंग होम
8. वधावा आर्थो अस्पताल
9. आशीर्वाद अस्पताल
10. मुक्तसर मेडिसिटी अस्पताल
11. मालवा आर्थो अस्पताल
12. दीप अस्पताल
13. माता संतोषी अस्पताल एंड डेंटल इंप्लांट सेंटर गिद्दड़बाहा
14. कंबोज अस्पताल गिद्दड़बाहा
26 जनवरी के बाद जिले में पांच हादसे हुए
26 जनवरी के बाद जिले में पांच से अधिक सड़क हादसे हुए हैं। इनमें से घायल हुए 15 से ज्यादा लोगों को सरकारी अस्पताल में ही उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। एक हादसा मुक्तसर में पुलिस बस का हुआ था। उसमें घायल 11 कर्मियों को सिविल अस्पताल मुक्तसर में ही भर्ती करवाया गया था। इसके अलावा भी चार पांच हादसे हुए हैं जिनमें घायलों का इलाज सरकारी अस्पतालों में ही किया गया है। निजी अस्पतालों के बारे लोगों में जानकारी का अभाव है।
घायल ने हेल्थ इंश्योरेंस करवा रखी है तो नहीं होगा फरिश्ते योजना में इलाज: डीएमसी
डिप्टी मेडिकल कमिश्नर (डीएमसी) डा. बंदना से बात की गई तो उन्होंने बताया कि फरिश्ते योजना के तहत जिले के 24 अस्पतालों को शामिल किया गया है। इनमें नौ सरकारी व 14 निजी अस्पताल हैं। हादसे के शिकार व्यक्ति को लोग उक्त अस्पतालों में उपचार के लिए लेकर जा सकते हैं।
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सेहत विभाग की ओर से इसको लेकर प्रचार प्रसार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना के तहत जिन लोगों का आयुष्मान सेहत बीमा योजना का कार्ड बना है तो उनका पांच लाख तक का वैसे ही फ्री इलाज की सुविधा है। उन्होंने बताया कि अगर घायल ने अपनी पहले से हेल्थ इंश्योरेंस करवा रखी है तो उसका फरिश्ते योजना में इलाज नहीं होगा। डा. वंदना ने बताया कि अगर घायल के पास आयुष्मान सेहत बीमा योजना का कार्ड नहीं है और उसने किसी तरह की इंश्योरेंस भी नहीं करवा रखी तो ऐसा व्यक्ति फरिश्ते योजना का लाभ ले सकता है।
फरिश्ते योजना के तहत निशूल्क होगा घायल का इलाज --
सिविल सर्जन डा. नवजोत कौर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि योजना के तहत उन्हीं अस्पतालों को रखा गया है जो आयुष्मान सेहत बीमा योजना में शामिल थे। हादसे में घायल को लोग अपने पास के सरकारी या निजी अस्पताल में भर्ती कराएं। फरिश्ते योजना में शामिल अस्पतालों में मरीज का बिल्कुल निशूल्क इलाज किया जाएगा।
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