लुधियाना के जमालपुर फर्जी एनकाउंटर में अकाली नेता, पुलिस कांस्टेबल व होमगार्ड दोषी, 10 को सुनाई जाएगी सजा
लुधियाना में जमालपुर में हुए फर्जी मुठभेड़ में मारे गए दो युवकों के मामले में अदालत ने सजा तीन को दोषी करार दे दिया है। दोषियों में दो पुलिस मुलाजिमों सहित एक अन्य भी है। वहीं एक को बरी करने के आदेश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। जिला अदालत ने जमालपुर की एक कोठी में हुए फर्जी एनकाउंटर मामले में 8 साल बाद एक पुलिस मुलाजिम, होमगार्ड व एक अकाली नेता को दोषी करार दे दिया है। इस पर सजा 10 अक्तूबर को सुनाई जाएगी। जिस पर सभी की नजरें बन गई हैं। यह बेहद हाइप्रोफाइल केस चुनाव के समय राजनीतिक मुद्दा भी बना था और इस केस में थाना माछीवाड़ा का तब का प्रभारी इंसपेक्टर मनजिंदर सिंह अभी भी फरार चल रहा है। अदालत की तरफ से सिपाही यादविंदर सिंह, पंजाब होमगार्ड जवान अजीत सिंह और अकाली नेता गुरजीत सिंह को दोषी करार दिया है, जबकि इस मामले में बलदेव सिंह नामक पंजाब होमगार्ड जवान को बरी कर दिया गया है।
बता दें कि 27 सितंबर 2014 को माछीवाड़ा पुलिस के सिपाही यादविंदर सिंह, पंजाब होम गार्ड के जवान अजीत सिंह, बलदेव सिंह और अकाली नेता गुरजीत सिंह लुधियाना के जमालपुर एरिया की आहलुवालिया कालोनी में पहुंचे थे। यहां पर हरिंदर सिंह और जतिंदर सिंह नामक दो युवकों की पुलिस की गोली से मौत हो गई थी। पुलिस ने इसे एनकाउंटर बताया था मगर बाद में यह पूरी तरह से फर्जी मामला साबित हुआ। हरिंदर सिंह और जतिंदर सिंह पर इरादा हत्या, लूट और मारपीट के कई मामले दर्ज थे और पुलिस अकाली नेता को साथ लेकर उन्हें पकड़ने के लिए यहां आई थी।
इस घटनाक्रम के दौरान उक्त चारों पर आपराधिक मामला दर्ज किया गया था और माछीवाड़ा साहिब के इंसपेक्टर मनजिंदर सिंह को नामजद करने के साथ साथ एसएसपी हर्ष बंसल को सस्पेंड कर दिया गया था। स्पेशल इनवेस्टीगेशन एजेंसी द्वारा की गई जांच के बाद इसका चालान पेश हुआ था। घटना के 8 साल बाद अदालत की तरफ से उक्त तीनों को दोषी करार दे दिया है।
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