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    Punjab Industry: चीन के सस्ते आयात ने प्लाईवुड इंडस्ट्री की ताेड़ी कमर, 25 % घरेलू बाजार पर ड्रैगन का कब्जा

    By Rajeev SharmaEdited By: Vipin Kumar
    Updated: Wed, 23 Nov 2022 12:01 PM (IST)

    Punjab Industry देश में चीन से हो रहे सस्ते आयात ने उद्यमियाें काे परेशानी में डाल दिया है। इसका सबसे ज्यादा खामियाजा लुधियाना की इंडस्ट्री काे हाे रहा है। कच्चे माल को ड्यूटी मुक्त एवं तैयार पर सेफ गार्ड ड्यूटी लगाई जाए।

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    Punjab Industry: पंजाब की प्लाईवुड इंडस्ट्री काे नुकसान पहुंचा रहा चीन। (सांकेतिक तस्वीर)

    राजीव शर्मा, लुधियाना। Punjab Industry: पंजाब की प्लाईवुड इंडस्ट्री भी चीन से हो रहे सस्ते आयात के जाल में फंस गई है। उद्यमी मानते हैं कि देश की कुल मांग के 25 प्रतिशत बाजार पर चीन का कब्जा हो चुका है। साफ है कि घरेलू उद्योग को बचाने के लिए, यहां पर मैन्युफैक्क्चरिंग बेस मजबूत करने के लिए सस्ते आयात को नियंत्रित किया जाए और इसके लिए सेफ गार्ड ड्यूटी लगाई जाए। इसके अलावा इस एग्रो बेस्ड उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए सुविधाएं, सब्सिडी एवं विशेष आर्थिक जोन बनाए जाएं।

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    शहरों में प्लाईवुड बनाने के 150 से अधिक यूनिट

    कृषि आधारित राज्य होने के चलते ही पंजाब में प्लाईवुड उद्योग स्थापित हुए। सूबे के लुधियाना, होशियारपुर, रोपड़, अमृतसर, समाना, मोगा इत्यादि शहरों में प्लाईवुड बनाने के 150 से अधिक यूनिट लगे हैं। इन इकाइयों में रोजाना चार हजार टन प्लाईवुड तैयार किया जा रहा है। पंजाब में बने प्लाईवुड की लोकल मार्केट के अलावा देश के अन्य राज्यों में भी आपूर्ति की जा रही है। उद्यमी विदेशी चुनौतियों को लेकर काफी परेशान हैं। उनका तर्क है कि चीन से आयात हो रही प्लाईवुड 10 से 20 प्रतिशत तक सस्ती है। इसके अलावा कुछ प्लाईवुड नेपाल से भी आना शुरू हो गया है।

    घरेलू निर्माता विदेशी चुनौतियों का नहीं कर पा रहे मुकाबला

    उद्यमी कहते हैं कि प्लाईवुड का कच्चा माल फेस विनियर का आयात चीन, इंडोनेशिया, बर्मा, अफ्रीका के देशों से हो रहा है और उस पर कस्टम ड्यूटी लग रही है। इसलिए घरेलू निर्माता विदेशी चुनौतियों का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं। उनका तर्क है कि कच्चे माल को ड्यूटी मुक्त किया जाए। उद्यमियों का यह भी तर्क है कि शहरीकरण के चलते पंजाब में लकड़ी की भी लगातार कमी हो रही है। पंजाब में कुल मांग की 20 प्रतिशत तक लकड़ी उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर एवं हिमाचल प्रदेश से मंगवाई जा रही है, जबकि पहले पंजाब से लकड़ी दूसरे राज्यों को भेजी जाती थी, अब उलटा हो रहा है। लकड़ी की पैदावार बढ़ाने के लिए भी सरकार को उपाय करने होंगे।

    मशीनरी की खरीद पर सब्सिडी देने की मांग

    पंजाब प्लाईवुड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट इंद्रजीत सिंह सोहल का कहना है कि चीन से आयात को रोकने के लिए सरकार तुरंत कारगर कदम उठाए, तभी घरेलू उद्योगों को बचाया जा सकेगा। इसके अलावा मशीनरी की खरीद पर सब्सिडी देने की व्यवस्था की जाए। नई इलाकों के लिए सरकारी औपचारिकताओं को कम किया जाए। साथ ही उद्योग को बढ़ाने के लिए अब प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के साथ-साथ निर्यात पर फोकस करना होगा। इसके लिए फ्रेट सब्सिडी दी जाए।

    एग्रो बेस्ड उद्योग के लिए आर्थिक जोन बने

    पंजाब प्लाईवुड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक जुनेजा कहते हैं कि सूबे में एग्रो बेस्ड उद्योग को गति प्रदान करने के लिए अलग से विशेष आर्थिक जोन बनाने की जरूरत है। अभी तक इंडस्ट्री को किसी तरह का अतिरिक्त लाभ नहीं मिल रहा है। इसके अलावा प्लाईवुड इंडस्ट्री की उत्पादन लागत को कम करने के उपाय करने होंगे, तभी विदेशी प्रतिस्पर्धा का मुकाबला किया जा सकेगा। सरकार को इस सेक्टर की तरफ विशेष तवज्जो देने की जरूरत है।

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