पदमश्री से सम्मानित लुधियाना के प्रो. करतार सिंह का निधन, डीएमसी अस्पताल में ली आखिरी सांस
प्रो. करतार सिंह का परिवार मूल रूप से पाकिस्तान का रहने वाला था बंटवारे के बाद परिवार भारतीय पंजाब में आ गया। वर्ष 1991 से 2002 तक अद्वती गुरमत संगीत सम्मेलन में प्रो करतार सिंह ने को आर्डीनेटर की जिम्मेदारी संभाली।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। गुरमति संगीत के माहिर एवं पदमश्री से सम्मानित प्रो. करतार सिंह का रविवार तड़के करीब 2 बजे डीएमसी अस्पताल में निधन हो गया। उनका पिछले कई दिनों से डीएमसी में इलाज चल रहा था। गुरमत संगीत के प्रख्यात रागी प्रो. करतार सिंह का गुरबाणी के प्रसार एवं प्रचार में अहम रोल रहा। 26 जनवरी 2021 को केंद्र सरकार ने उनको पदमश्री से सम्मानित करने का ऐलान किया था।
प्राे. करतार सिंह को गुरमत संगीत के लिए उनके योगदान के चलते शिरोमणि रागी अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। पारंपरिक वाद्य यंत्राें के मार्फत गुरबाणी के रागों में शबद गाने की कला प्रो. करतार सिंह में कूट कूट कर भरी थी। उन्होंने अपना सारा जीवन गुरमत संगीत के प्रचार एवं प्रसार में लगा दिया। उनके निधन से साहित्य एवं धार्मिक जगत में शोक की लहर है।
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पाकिस्तान का रहने वाला था करतार सिंह का परिवार
प्रो. करतार सिंह का परिवार मूल रूप से पाकिस्तान का रहने वाला था, बंटवारे के बाद परिवार भारतीय पंजाब में आ गया। वर्ष 1991 से 2002 तक अद्वती गुरमत संगीत सम्मेलन में प्रो करतार सिंह ने को आर्डीनेटर की जिम्मेदारी संभाली। गुरमत संगीत के प्रमुख केंद्र जवद्दी टकसाल से भी उन्होंने गुरबाणी के रागों की बारीकियों का प्रशिक्षण लिया। गुरबाणी संगीत पर उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं।
20 दिसंबर को पदमश्री से सम्मानित किया
20 दिसंबर 2021 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की ओर से लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर वरिंदर शर्मा ने प्रो. करतार सिंह को हीरो डीएमसी अस्पताल में पहुंच कर पदमश्री से सम्मानित किया था। खराब सेहत के कारण वे पदम अवार्ड समारोह में हिस्सा नहीं ले सके थे।