Guru Tegh Bahadur Ji Shaheedi Diwas: रोशनी से जगमगाया गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब, जानिए क्या है मान्यता
सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान दिवस को तैयारियां पूरी हो गई हैं। वहीं पंजाब में स्थित गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब भी रोशनी से जगमग हो उठा है। यहां भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।
आनलाइन डेस्क, लुधियाना (पटियाला)। सिखों के 9वें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान दिवस को लेकर गुरुघरों में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं। इसी क्रम में रोशनी से दमकता गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब भी सजकर तैयार हो गया है। यहां 28 नवंबर तक समागम करवाए जाएंगे। इस गुरुद्वारे की ख्याति दूर-दूर तक हैl
टोबे में स्नान करने से दूर होते हैं चर्म रोग
मान्यता है कि यहां स्थित टोबे में स्नान करने से चर्म रोगों से मुक्ति मिलती है। दरअसल, श्री गुरु तेग बहादर जी एक झूर भाग राम के निवेदन पर गांव लहल में पांच माघ 1728 में पानी के टोबे किनारे बैठ गए। गांव लहल में उस समय बच्चे चर्म रोग की बीमारी से पीड़ित थे।
श्री गुर तेग बहादर साहिब जी ने आदेश किया कि जो भी पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव से इस टोबे में स्नान करेगा, उसके सभी रोग जल्द ही दूर हो जाएंगे। इस आदेश के बाद बीमार बच्चे ठीक होने शुरू हो गए। फिर क्या था यहां श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़नी शुरू हो गई। गुरुद्वारा साहिब पंजाब का प्रमुख धार्मिक स्थान है।
यहां आज भी संरक्षित है गुरुजी का हुक्मनामा
गुरुजी ने लोगों को संबोधित करते हुए हुक्मनामा जारी किया था, जिसे आज भी संभालकर रखा गया है। इस हुकमनामे में लिखा है कि जो भी श्रद्धालु पंचमी वाले दिन टोबे यानि सरोवर में स्नान करेगा, उसे सभी तीर्थों का फल मिल जाएगा। साथ ही उसके सभी रोग दूर हो जाएंगे। जो श्रद्धालु भक्ति के साथ इस हुकमनामे के दर्शन करेगा, उसे सुख प्राप्त होंगे। यही कारण है कि गुरुद्वारे में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।
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