परमार्थी व्यक्ति माघ कवि के विरले ही होते हैं : साध्वी प्रियधर्मा
लुधियाना में चातुर्मास के दौरान साध्वी प्रियधर्मा ने कहा कि परमार्थी व्यक्ति माघ कवि के विरले ही होते हैं।
संस, लुधियाना : गच्छाधिपति शांतिदूत जैनाचार्य श्रीमद विजय नित्यानंद सूरीश्वर महाराज सा. की आज्ञानुवर्तिनी सरल स्वभावी, शासन प्रभाविका, पंजाबी साध्वी प. पू. श्री जसवंत म. सा. की सुशिष्या साध्वी श्री प्रगुणा म. सा., साध्वी श्री प्रियधर्मा म. सा., ठाणा-4 के सानिध्य में आत्म धर्म कमल हाल में चातुर्मास सभा जारी है। शुक्रवार की सभा में गुरुणी मैया प्रियधर्मा महाराज ने कहा कि संसार में स्वार्थी व्यक्ति तो सभी हैं, लेकिन परमार्थी व्यक्ति माघ कवि के विरले ही होते हैं।
उन्होंने कहा कि परमार्थी व्यक्ति तो तीर्थकर प्रभु ही होते हैं। प्रभु परमार्थी ही नहीं, परधि रसिक होते हैं। प्रभु ने स्वयं को काटने वाले चंदन बाला को अपनी प्रमुख साध्वी बना दिया। अपने पर तेजोवेश्या छोड़ने वाले गौशाला को भी समकित का दान दे दिया था। गौशाला मरकर अनेक भवों में दुखों को भोगता हुआ जब महाविदेह में जन्म लेकर दीक्षा लेगा तो पहली देशना में यही कहेगा कि जीवन में कभी भी गुरु की आशतना मत करना।
इस अवसर पर श्री आत्मानंद जैन समिति के अध्यक्ष मुकेश जैन, कार्यकारी अध्यक्ष नरेंद्र जैन निदी, महामंत्री संजीव जैन टोनी, कोषाध्यक्ष मुकेश जैन एमसी, चातुर्मास संयोजक विकास जैन केसरिया, सुशील जैन यूनीमेक्स, मंत्री दीपक जैन कोठी वाले, मंत्री भूषण जैन, राजेंद्र जैन सीएचई, पुष्पदंत पाटनी, सुशील जैन टयूडर परिवार, रजत जैन, पंजाब ब्यूटी, विकसित जैन, संजीव जैन रामनगर वाले, विनोद जैन, प्रेस सचिव राजीश जैन बॉबी, जगमिदर जैन, सुरेश जैन, अरुण जैन केसरिया, भूषण जैन, बिट्टू रत्न, आदीश जैन, संजीव मोनू, आदि शामिल थे।