कपूरथला के सैनिक स्कूल में करंट लगने से दो श्रमिकों की मौत, 7 बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
कपूरथला के सैनिक स्कूल में मधुमक्खी के छत्ते से शहद निकालने के दौरान दो मजदूरों की मौत हो गई। 11000 वोल्ट की हाई वोल्टेज तारों से करंट लगने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान दिनेश कुमार और सचिन के रूप में हुई है। दोनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और जालंधर में रह रहे थे।

गोपाल कृष्ण, कपूरथला। शनिवार सुबह सैनिक स्कूल कपूरथला में मधुमक्खी के छत्ते से शहद निकालने के दौरान दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें दो मजदूरों की 11,000 वोलट की हाई वोल्टेज तारों से करंट लगने की वजह से मौके पर ही मौत हो गई।
मृतकों की पहचान दिनेश कुमार पुत्र महेश कुमार और सचिन पुत्र चानकगी राम के रुप में हुई है। दोनों ही मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और पिछले कई वर्षों से जालंधर के चुगिटी रोड, गौशाला इलाके में अपने परिवार के साथ रह रहे थे।
सैनिक स्कूल से इसलिए आया था फोन
इस मामले की जानकारी देते हुए मृतकों के मामा नेहशू पुत्र शिव चरण ने बताया कि सैनिक स्कूल से उन्हें फोन आया था कि मधुमक्खी के छत्ते से शहद निकालना है। वे साल में दो बार स्कूल से शहद निकालते थे और यह काम वे लंबे समय से कर रहे थे।
शनिवार सुबह जब वे शहद निकालने के लिए स्कूल पहुंचे, तो मधुमक्खी का छत्ता ऊंचाई पर लगा था। इसके लिए उन्होंने लोहे की सीढ़ी का उपयोग किया। दुर्भाग्यवश वह लोहे की सीढ़ी पास से गुजर रही 11,000 वोल्ट की हाई वोल्टेज तार से टकरा गई। तेज करंट ने दोनों को मौके पर ही झुलसा दिया और दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
दोनों परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़
इस हादसे ने उनके परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। दिनेश अपने पीछे पत्नी और चार छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं, जबकि सचिन के तीन बच्चे हैं। बताया जा रहा है कि हाल ही में दिनेश की पत्नी और बच्चे गांव गए हुए थे। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। शवों को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
स्कूल की लापरवाही पर लोगों में गुस्सा
स्थानीय लोगों और परिजनों ने सैनिक स्कूल प्रबंधन की लापरवाही को लेकर रोष जताया है और उच्चस्तरीय जांच व उचित मुआवजे की मांग की है। यह दर्दनाक घटना बिजली सुरक्षा को लेकर लापरवाही की गंभीर चेतावनी है, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सख्त कदम उठाना अनिवार्य है।
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