नकली वर्दी, नकली पिस्तौल और फिर बन गया 'थानेदार'... SI भर्ती में फेल होने के बाद फर्जी पुलिस बन दिखाने लगा रौब
पंजाब के जालंधर जिले में एक नकली पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने सब-इंस्पेक्टर के पद के लिए परीक्षा दी थी लेकिन फेल हो गया था। इसके बाद उसने झूठ का सहारा लेकर खुद को स्पेशल स्टाफ का थानेदार बताया और लोगों को धोखा दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए डीएसपी ओंकार सिंह बराड़ के नेतृत्व में टीम बनाई गई थी।
सुक्रांत, जालंधर। अंश गिल नाम का युवक पुलिस में नौकरी करने का सपना देखता था। उसने सब इंस्पेक्टर (एसआई) के पद के लिए परीक्षा दी पर फेल हो गया। इसके बाद झेंप मिटाने तथा सभी पर रौब जमाने के लिए झूठ का सहारा लिया।
इलाके में खुद को बताता था ‘स्पेशल स्टाफ का थानेदार’
परिवार को बताया कि वह पास हो गया है। इतना ही नहीं, उसने अपनी गाड़ी पर ‘थानेदार’ लिखवा लिया और पुलिस का स्टीकर लगवा लिया। थानेदार की वर्दी सिलवाई, पुलिस का फर्जी आईडी कार्ड बनवाया और नकली पिस्तौल भी रख ली। इलाके में खुद को ‘स्पेशल स्टाफ का थानेदार’ बताना शुरू कर दिया।
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साथ ही वह टोल प्लाजा पर भी रौब दिखाकर टैक्स दिए बिना ही निकलता रहा। उसके इस झूठे खेल की पोल तब खुली, जब थाना मेहतपुर की पुलिस ने सूचना के आधार पर रोका और पूछताछ की। उसकी सच्चाई सामने आने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए बनाई गई थी टीम
अंश गिल नकोदर के गांव उग्गी का रहने वाला है। एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख ने बताया कि उनको जानकारी मिली थी कि एक नकली पुलिसवाला लोगों को ठग रहा है। उसे गिरफ्तार करने के लिए डीएसपी ओंकार सिंह बराड़ के नेतृत्व में टीम बनाई गई।
टीम ने टी प्वाइंट छोटे बिल्ले के पास नाकाबंदी की और एक काली सफारी को रोका। उसके पीछे वाले शीशे पर पंजाबी में थानेदार लिखा था। चालक ने अपना नाम अंश बताया। जब उससे गाड़ी पर लगे स्टीकर के बारे में पूछताछ की तो वह जवाब नहीं दे पाया। उसके खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया।
दो साल पहले दिया था सब इंस्पेक्टर पद के लिए पेपर
उन्होंने बताया कि अंश ने दो वर्ष पहले सब इंस्पेक्टर पद के लिए पेपर दिया था, लेकिन वह फेल हो गया। सभी को धोखे में रखकर वह घर से बाहर रहता था। अभी तक सामने आया है कि उसने चार लोगों को अलग-अलग तरीके से ठगी का शिकार बनाया है।
किसी को नौकरी का झांसा दिया तो किसी को केस से बचाने के लिए पैसे लिए। अभी पता लगाया जा रहा है कि उसने किन लोगों को और कैसे ठगा है। उससे जो नकली पिस्तौल बरामद हुई है, वह उसने ऑनलाइन मंगवाई थी।
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