Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Noida News: पुलिस की वर्दी पहन बन गया दारोगा, लोगों पर दिखाता था रौब

    Noida News उत्तर प्रदेश पुलिस उपनिरीक्षक की फर्जी वर्दी पहनकर घूमने वाला एक आरोपित व फर्जीवर्दी बनाने वाला टेलर को गिरफ्तार किया है। कब्जे से उत्तर प्रदेश की फर्जी वर्दी व मोनो ग्राम व स्टार बरामद हुआ है।

    By MOHD BilalEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 30 May 2023 07:43 AM (IST)
    Hero Image
    सेक्टर-39 कोतवाली पुलिस की गिरफ्त में फर्जी दारोगा। सौ. इंटरनेट मीडिया

    नोएडा, जागरण संवाददाता। नोएडा के सेक्टर-39 कोतवाली पुलिस ने एक फर्जी पुलिस दारोगा को गिरफ्तार किया है। आरोपित पुलिस की वर्दी पहनकर लोगों को पुलिस का रौब दिखाता फिर रहा था। आरोपित दिव्यांग है और ट्राईसाइकिल पर सवार होकर रौब दिखाता था। पुलिस ने आरोपित को फर्जी बनाकर देने वाले दर्जी को भी पकड़ा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोतवाली पुलिस का कहना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस उपनिरीक्षक की फर्जी वर्दी पहनकर घूमने वाला एक आरोपित व फर्जीवर्दी बनाने वाला टेलर को गिरफ्तार किया है। कब्जे से उत्तर प्रदेश की फर्जी वर्दी व मोनो ग्राम व स्टार बरामद हुआ है। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान गाजियाबाद के इंदरजीत व धर्मपाल के रूप में हुई है।

    पुलिस ने आरोपितों को बोटेनिकल गार्डन बस स्टैंड से चैकिंग के दौरान गिरफ्तार किया है। आरोपित इंद्ररजीत ने गहनता से पूछताछ करने पर बताया कि उसे उत्तर प्रदेश पुलिस की वर्दी पहनने का शौक बचपन से था। इसलिए टेलर धर्मपाल से एक वर्दी सिलाई और उत्तर प्रदेश के मोनो ग्राम लगाकर घूमने लगा।

    रौब जमाने के लिए पहनता था वर्दी

    आरोपित ने अपराध को कबूला है कि वह लोगों पर रौब जमाने के लिए वर्दी का इस्तेमाल करता था। आरोपित के खिलाफ आइपीसी की धारा-419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखा देने के लिए सजा), 170 (कोई भी व्यक्ति किसी सरकारी अधिकारी का रूप धारण कर किसी के भी साथ धोखा कर देता है), 171 (धोखाधड़ी करने के मकसद से वर्दी पहनने) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

    जमानत के लिए पैसे मांगने का आरोप

    इंद्रजीत के स्वजन का आरोप है कि पुलिस ने आरोपित के खिलाफ धारा-151 की भी कार्रवाई है। इसलिए आरोपित को सेक्टर-14ए स्थित कोर्ट में पेश किया गया था। यहां एक कांस्टेबल ने उससे जमानत के नाम पर चार हजार रुपये की मांग की।

    रुपये देने का विरोध करने के साथ जब इसका वीडियो बनाना चाहा तो कांस्टेबल ने मोबाइल लेकर वीडियो को डिलीट करा दिया। वहीं एडिशनल डीसीपी नोएडा शक्ति अवस्थी का कहना है कि अगर स्वजन लिखित शिकायत देंगे तो मामले की जांच कराई जाएगी।