पर्यावरण के सेवादार बने तरनतारन के बाबा सेवा सिंह, अब तक लगा चुके हैं 152 जंगल
संत बाबा सेवा सिंह ने यहां 7 एकड़ भूमि पर नर्सरी तैयार करवाई। इस नर्सरी में हर समय सवा दो लाख पौधा तैयार होता है। उन्होंने धरती पर बनाए गए निशान-ए-सिखी इमारत के समक्ष पहला पौधा लगाकर छोटे जंगल लगाने की मुहिम शुरू की थी।

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन। सफेद रंग का चोला, सादगी भरा अंदाज और हर बात पर सतनाम श्री वाहेगुरु जी का जाप करने वाले संत बाबा सेवा सिंह ने अपना पूरा जीवन पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित कर दिया है। कारसेवा खडूर साहिब संप्रदाय के प्रमुख बाबा सेवा सिंह पर्यावरण के लिए चिंतित हैं। उन्होंने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर राज्य भर में 550 छोटे जंगल लगाने का संकल्प लिया था। वह अभी तक 152 जंगल लगा चुके हैं, जिनमें करीब 90 हजार पौधे लगाए गए हैं।
जब वर्ष 2021 में गुरु जी का 550वां प्रकाशोत्सव मनाया जा रहा था, तो संत सेवा सिंह ने भूमिगत जल स्तर को बचाने के लिए राज्य भर में 550 जंगल लगाने की सोच रखी। खडूर साहिब की पावन धरती पर सिखों के आठ गुरुओं के चरण पड़े, इसलिए उन्होंने इस पवित्र स्थान से ही शुरुआत की। संत बाबा सेवा सिंह ने यहां 7 एकड़ भूमि पर नर्सरी तैयार करवाई। इस नर्सरी में हर समय सवा दो लाख पौधा तैयार होता है। उन्होंने धरती पर बनाए गए निशान-ए-सिखी इमारत के समक्ष पहला पौधा लगाकर छोटे जंगल लगाने की मुहिम शुरू की थी।
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जगलों में लगाए जा रहे ये पौधे
छायादार पौधे: जंड, टाहली, देसी किक्कर, गुलड़, धरेक, बकैन, पुत्रणाजीव, झिलमिल, सुखचैन, टक्क, पहाड़ी किक्कर, इमली, तून, कुसुम।
फलदार पौधे: आम, जामुन, अमरूद, आडू़, टेऊ, कटहल, लसूड़ा, अंजीर, अनार, देसी बेरी, बेलपत्र, शहतूत।
खुशबूदार पौधे: चंदन, कणक चप्पा, चांदनी, साउनी, मरूआ, हार शृंगार, रात की रानी, जटरोफा, कनेर, हबिसकस्स, अमलतास, कचनार।
औषधीय पौधे: बोहड़, पीपल, नीम, हरड़, बहेड़ा, आंवला, अजरुन, सांगवान, कड़ी पत्ता, सुहंजना, श्रीहन, बांस।
देखभाल के लिए विशेष टीम
पौधों की संभाल के लिए बाबा सेवा सिंह की टीम रोजाना अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। उन्होंने करीब 100 लोगों की टीम तैयार की है। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग स्वेच्छा से उनके साथ जुड़े हैं। इनकी टीम लगातार लगाए गए जंगलों का दौरा करती है। इसका सारा खर्च संगत के योगदान से होता है।
अन्य राज्यों में भी लगाए 5 लाख पौधे
संत बाबा सेवा सिंह कहते हैं कि पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, मुंबई, मध्य प्रदेश में पर्यावरण संभाल के लिए 5 लाख पौधे लगा चुके हैं। ज्यादातर पौधे शिक्षण संस्थानों, अस्पतालों, धार्मिक स्थलों, सड़क के किनारों व सार्वजनिक स्थलों पर लगाए जाते हैं। उनके इन प्रयासों को देखते हुए उन्हें 2010 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
खडूर साहिब में उनके द्वारा चलाए जा रहे शिक्षण संस्थानों में भी विद्यार्थियों को पौधों का महत्व बताया जाता है। कारसेवा खडूर साहिब की ओर से चलाए जा रहे शिक्षण संस्थानों में करीब 8 हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं। इसमें निशान-ए-सिखी चैरिटेबल ट्रस्ट भी सहयोग करता है।
श्री दरबार साहिब की परिक्रमा में भी पौधरोपण
संत बाबा सेवा सिंह ने पंचम पातशाह श्री गुरु अर्जन देव जी की ओर से बसाए गए नगर में बने श्री दरबार साहिब व पावन दुख निवारण सरोवर की परिक्रमा में भी तरह-तरह के छायादार पौधे लगाए हैं।
पौधों का प्रसाद
खडूर साहिब में आने वाली संगत को पौधों का प्रसाद वितरण किया जाता है। संत बताते है कि 14 प्रकार के छायादार, 12 प्रकार के फलदार, 12 प्रकार के खुशबूदार व 12 प्रकार के औषधीय पौधे लगाए जा रहे हैं। छोटे जंगल में चारों प्रकार के पौधों को बराबर भाग (25-25 प्रतिशत) में लगाया जाता है।
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