Stubble Burning: जालंधर में 57 जगह जली पराली, प्रशासन नहीं कर रहा रखवाली; 339 तक पहुंचा कुल आंकड़ा
पंजाब में पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। रोजाना दर्जन किसान खेतों में पराली को आग लगा रहे हैं जिससे हवा भी प्रदूषित हो रही है। पराली न जलाने का संदेश देने के बावजूद किसानों की मनमानी जारी है।

जासं, जालंधर: पराली की आग से शाहकोट में दो लोगों की मौत के बाद भी जिला प्रशासन नहीं जागा है। रोजाना किसानों द्वारा दर्जनों खेतों में पराली को आग लगाई जा रही रही है। जिला प्रशासन ने मामले को लेकर अभी तक संबंधित अधिकारियों के साथ बैठकों में हुए फैसलों को भी सख्ती से लागू करवाने की जहमत नहीं उठाई है।
इसके चलते होने वाले प्रदूषण से लोगों की सेहत का कितना नुकसान हो रहा है इसका अंदाजा भी एसी गाड़ियों में बैठकर घूमने वाले प्रशासनिक अधिकारी नहीं लगाना चाह रहे हैं। बुधवार को जिले में 57 जगह पर पराली जलाने के मामले सामने आए और कुल आकड़ा 339 तक पहुंच गया।
जिले में केवल आधा दर्जन पराली जलाने वालों पर मामला और 35 हजार के करीब जुर्माना हुआ है। जिले में पराली जलाने के मामलों को लेकर 47 इलाकों को हाई अलर्ट किया गया था। जिला प्रशासन की तरफ से पराली न जलाने का संदेश देने के लिए कैंपों का आयोजन करने के बावजूद किसानों की मनमानी जारी है।
दिवाली के दूसरे दिन भी पटाखे चलाने और पराली को आग लगाने से एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) में उतार-चढ़ाव रहा। बुधवार को दिनभर कई बार हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में रही। दोपहर एक बजे की बात करें तो एक्यूआइ 316 तक पहुंच गया था। सुबह छह बजे तक यह आंकड़ा 305 था।
इलाकों को किया जा चुका है हाई अलर्ट
पराली जलाने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया जा रहा है। सभी एसडीएम को पराली जलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने आदेश दिए गए हैं। भविष्य में भी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और राज्य सरकार की नीतियों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। कृषि विभाग की तरफ से बड़े स्तर पर जागरूकता मुहिम चलाई जा रही है। इसकी वजह से पिछले वर्षों के मुकाबले कम सामने आ रहे हैं। -जसप्रीत सिंह, डीसी

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