जिस प्यारेआना गांव में प्रधानमंत्री मोदी का काफिला रोका, वहां के लोग बोले- हमें अफसोस, फिरोजपुर का नुकसान हुआ
गांव प्यारेआना के पास किसानों का धरना पहले से नहीं चल रहा था। काफिले की सूचना मिलते ही किसान वहां पहुंचना शुरू हुए। वीरवार को गांव प्यारेआना के लोगों से बात की गई तो सभी ने अफसोस जताया लेकिन किसानों के गुस्से कारण कोई आगे आने को तैयार नहीं।
संजय वर्मा, फिरोजपुर। PM Modi Security Breach प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली के विरोध में किसान सुबह 11 बजे से ही फिरोजशाह की अनाज मंडी में पहुंच चुके थे। मौसम खराब होने के वजह से उनको संदेह था कि मोदी हुसैनीवाला हेलीकाप्टर से पहुंचेंगे। किसान अपना विरोध जताने के लिए फिरोजपुर की तरफ बढ़े। नेशनल हाइवे पर पुलिस मुस्तैद थी, जिहोंने किसानों को रोका तो वे फिरोजशाह के बेरीकैड तोड़ कर आगे बढ़े। सवा 12 बजे तक उनको पता लग चुका था कि प्रधानमंत्री का काफिला इसी सड़क से पहुंच रहा है। प्यारेआना गांव के फ्लाईओवर के दोनों तरफ बने सबवे प्रदर्शनकारियों का रास्ता बने और वे इन सबवे से ही फ्लाईओवर पर चढ़ गए। करीब सवा घंटे की मशक्कत के बाद भी उनको रास्ते से हटाया नहीं जा सका और प्रधानमंत्री को वापिस लौटना पड़ा।
बेशक ये शर्मनाक घटना बुधवार को हुई लेकिन गांव प्यारेआना गांव के लोग इस पर अफसोस कर रहे हैं। गांव प्यारेआना के पास किसानों का धरना पहले से नहीं चल रहा था। काफिले की सूचना मिलते ही किसान वहां पहुंचना शुरू हुए। वीरवार को गांव प्यारेआना के लोगों से बात की गई तो सभी ने अफसोस जताया लेकिन किसानों के गुस्से कारण कोई आगे आने को तैयार नहीं।
प्रत्यादर्शियों ने कहा कि सुबह से ही पूरे रास्ते में पुलिस तैनात थी। पता था प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आ रहे हैं और पंजाब खासकर फिरोजपुर के लिए बड़ी सौगात लेकर आ रहे है। फिर, पता चला कि किसान फ्लाई ओवर पर पहुंच गए हैं। गांव के बाहर दुकानदारों ने कहा उनकी दुकाने बंद थी लेकिन उनको पता नहीं था कि जिनका नाम सुनते रहे हैं, वो प्रधानमंत्री इस रास्ते से गुजरेंगे। किसान जब पहुंचे तो पता चला कुछ होने वाला है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का काफिला लौटने के बाद गांव प्यारेआना के फ्लाईओवर का हाल।
जब तक समझ पाते प्रधानमंत्री लौट गए
गांव के बाहर ही चाय की दुकान चलाने वाले ने कहा बेहद दुख हुआ लेकिन शायद कभी इस तरह से प्रधानमंत्री की गाड़ियों और उनकी सुरक्षा को देख भी न पाते। हमारे लिए तो सब आश्चर्य से कम नहीं था। भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) सुरजीत सिंह फूल ने कहा यदि पता होती पीछे काफिले में प्रधानमंत्री है तो वे अपने विरोध का तरीका बदल देते। बात जब तक समझ आती, उनका काफिला लौट रहा था।
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