जालंधर में सरकारी कर्मचारी मना रहे Festive Season, अक्टूबर में सिर्फ 4 दिन ही हुआ काम; लोगों का छलका दर्द
जालंधर में आम लोगों को सरकारी कर्मचारियों की कलम छोड़ हड़ताल का भुगतान करना पड़ रहा है। लोग अपने काम करवाने के लिए पहुंचते हैं तो उन्हें वापस भेज दिया जाता है। इस वजह से लोगों के कई काम अटके हुए हैं।

जागरण संवाददाता, जालंधर: ये तो सरासर मनमानी है...सरकारी बाबू हैं, इनका तो हमेशा ऐसे ही चलता है। भाई साहब फेस्टिवल सीजन तो बाबुओं का है। इनकी तो दिवाली की एक महीने की छुट्टी मन गई। यह दर्द और आरोप उन लोगों के हैं, जिनके सरकारी कार्यालयों में इन दिनों काम नहीं हो रहे।
अधिकारी व कर्मचारी कलम छोड़ हड़ताल पर हैं। वह जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स में रोज कार्यालय तो आ रहे हैं। इनका वेतन भी बन रहा है पर वे लोगों के काम नहीं कर रहे। लोग रोज इनके पास पहुंचते हैं। मिन्नतें करते हैं, लेकिन आगे से एक ही जवाब मिलता है-घर जाओ, अभी हम हड़ताल पर हैं। ऐसा सुनते-सुनते लोग परेशान हो चुके हैं। मजबूरी में रोज काम करवाने कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं ताकि उनके काम हो सकें।
जिले में 42 सरकारी विभागों का स्टाफ पिछले 9 दिन से हड़ताल पर है। पहले उन्होंने 15 अक्टूबर तक हड़ताल की घोषणा की। फिर तारीख 19 कर दी और अब 26 अक्टूबर। अक्टूबर में सरकारी कार्यालयों में पहले ही ज्यादा छुट्टी होती है। अब हड़ताल से पिछले 19 दिन में महज चार दिन ही काम हो पाया। 26 को हड़ताल खत्म होती है तो भी महीने में दो दिन और काम होगा। कारण, 29 को शिमला में रैली है और उसके बाद दो छुट्टियां।
दैनिक जागरण की टीम ने जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स पहुंच लोगों से पूछा तो उनका दर्द व गुस्सा साफ दिखा। लोग मायूस होकर लौटते दिखे। अधिकतर कर्मचारियों के दर्शन भी नहीं हुए। ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर सुबह से ही ताला जड़ दिया गया। लोग डीसी जसप्रीत सिंह समेत जालंधर के दोनों आप विधायकों से सवाल पूछते नजर आए कि इन सब में उनका क्या कसूर है।
नहीं हो रहे ये जरूरी कामः-
- परिवहन विभाग में चालान भुगतने से लेकर लाइसेंस संबंधी काम नहीं हो पा रहे।
- उनकी फाइलों पर साइन नहीं हो रहे।
- प्रापर्टी की रजिस्ट्री का काम नहीं हो रहा।
- ड्रग व फूड लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन।
- जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र लेट एंट्री।
- आधार कार्ड संशोधन।
- असलहा लाइसेंस।
- कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रेशन।
- आमदन प्रमाण पत्र।
- विभागों में पत्राचार व अन्य।
- पेंशन, स्कालरशिप व शगुन स्कीम की फाइलें अपडेट नहीं हो रही।
- ड्राइविंग ट्रैक पर लोग आवेदन करने के बाद आ तो रहे हैं, लेकिन वहां भी गेट बंद है।
दर्द की कहानी...लोगाें की जुबानी
एक सप्ताह से डीसी आफिस जा रहा हूं। प्रापर्टी खरीदनी है। उसके कागजात की जांच करवानी है। स्टाफ के सदस्य तो एक आध बार मिले परंतु उन्होंने हड़ताल के बाद आने की बात कहकर भेज दिया। -संजीव चड्डा, हरबंस नगर
गांव में जमीन को लेकर जरूरी काम था। जमानत देने के लिए जमीन के कागज तैयार करवाने है। तीन दिन तक विभाग के चक्कर लगाए परंतु हड़ताल की बात कह कर लौटा दिया है। अमेरिका वापस जाने के लिए टिकट की तारीख भी आगे बढ़ानी पड़ी है। -फतेह सिंह, गांव कुक्कड़ पिंड
वाहन का चालान हो गया था। एक सप्ताह से आरटीए दफ्तर में चक्कर काट रहा हूं। चालान भुगतने के लिए मौके पर क्लर्क ही नहीं मिलता। अगर एक बार मिला तो हड़ताल की बात कह कर बैरंग लौटा दिया। चालान की तारीख भी निकल चुकी है। -मुनीश बाहरी, अटारी बाजार
आगे से हड़ताल को लेकर होंगे प्रबंध
डीसी जसप्रीत सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को सरकार तक पहुंचाया जा रहा है। इसके बाद कर्मचारियों की समस्याओं का जल्द समाधान होने की संभावना है। आगे से कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान जनता को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए जिला प्रशासन की तरफ से व्यापक स्तर पर प्रबंध किए जाएंगे।
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