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    Punjab Roadways Strike: बस स्टैंड पर सवारियां हुई कम, रोडवेज भी खाली; कांट्रेक्ट मुलाजिम सीएम आवास घेरने को रवाना

    By Vinay KumarEdited By:
    Updated: Fri, 10 Sep 2021 11:22 AM (IST)

    कांट्रेक्ट मुलाजिमों की हड़ताल के चलते सरकार को लगभग साढे़ सात करोड़ का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। कॉन्ट्रैक्ट मुलाजिम पक्का किए जाने छोटे केसों में बर्खास्त किए गए मुलाजिमों को बहाल करने एवं सरकारी बेड़े में बसों की संख्या 10000 करने की मांग कर रहे हैं।

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    जालंधर बस स्टैंड में सवारियों की संख्या में आई गिरावट।

    जागरण संवाददाता, जालंधर। बीते पांच दिनों के दौरान बसों की किल्लत और बस स्टैंड बंद रहने की वजह से हुई परेशानी के बाद शुक्रवार को बस यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आ गई है। बस स्टैंड अपनी क्षमता से लगभग आधा ही भरा हुआ नजर आ रहा है। यात्रियों की किल्लत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पंजाब रोडवेज की बसें भी अब यात्रियों का इंतजार कर रही हैं। एक अनुमान के मुताबिक शुक्रवार सुबह 10 बजे तक यात्रियों की संख्या में लगभग 50 फीसद की गिरावट थी।

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    कांट्रेक्ट मुलाजिमों की हड़ताल के चलते सरकार को लगभग साढे़ सात करोड़ का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। कांट्रेक्ट मुलाजिम अति शीघ्र पक्का किए जाने, छोटे केसों में बर्खास्त किए गए मुलाजिमों को बहाल करने एवं सरकारी बेड़े में बसों की संख्या 10,000 करने की मांग कर रहे हैं।

    वहीं, दूसरी तरफ पंजाब रोडवेज, पनबस एवं पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) के कांट्रेक्ट मुलाजिम पीएम आवास का घेराव करने के लिए निजी बसों में सिसवां के लिए रवाना हो गए हैं। सरकार की तरफ से बुधवार को भी मुलाजिमों को बातचीत करने के लिए बुलाया गया था लेकिन सरकार की तरफ से पहले हड़ताल खत्म करने और उसके बाद मुख्यमंत्री से बैठक कराए जाने की शर्त के चलते कोई हल निकल नहीं पाया था। इसके बाद भारतीय मुलाजिमों ने वीरवार को प्रदेशभर के बस स्टैंड 4 घंटे के लिए बंद कर दिए और शुक्रवार को सीएम आवास का घेराव करने की घोषणा कर डाली। बस स्टैंड बंद होने से लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ा।

    2000 बसों के संचालन पर असर, पांच राज्यों के रूट प्रभावित

    पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर्स की हड़ताल के कारण करीब 2000 सरकारी बसों के संचालन पर असर पड़ा है। कारण यह है कि अधिकतर बसों का संचालन कांट्रेक्ट वर्कर्स के ही हवाले है। पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी के पास रेगुलर स्टाफ की संख्या बहुत कम है। हड़ताल के कारण विशेष तौर पर लंबे रूट की दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड को जाने वाली बसें बंद हो गई हैं।  

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