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    उत्तराखंड के राज्यपाल बने लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत, चीन व पाक संबंध मामलों के हैं विशेषज्ञ; कपूरथला सैनिक स्कूल को दिया उपलब्धियों का श्रेय

    By Vinay KumarEdited By:
    Updated: Fri, 10 Sep 2021 09:14 AM (IST)

    भारत सरकार की तरफ से उत्तराखंड के गर्वनर नियुक्त किए जाने के बाद दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने बताया कि वह आज जो कुछ भी उसमें उनके स्कूल का सबसे बड़ा योगदान है।

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    उत्तराखंड के नए राज्यपाल बने अमृतसर के रहने वाले लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत।

    कपूरथला [हरनेक सिंह जैनपुरी]। परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल व अति विशिष्ट सेवा मेडल इत्यादि सैकड़ों सम्मान प्राप्त करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह का बचपन में फौज का कैप्टन बनने का सपना था लेकिन कड़ी मेहनत, बहादुरी एवं आतंकवाद विरोधी मुहारत ने उन्हें अब उत्तरखंड राज्य के गवर्नर के पद तक पहुंच दिया है। इन तमाम उपलब्धियों के लिए वह सैनिक स्कूल कपूरथला को श्रेय देते है, जिसकी शिक्षा दीक्षा की बदोलत कई कठिन से कठिन मंजिलों को तय करते हुए आज यह मुकाम पा सके है। जिला अमृतसर के महिता चौक के पास स्थित गांव जलाल उसमा में पिता सूबेदार महेद सिंह के घर जन्म लेने वाले गुरमीत सिंह का बचपन में एक ही सपना था कि भारतीय फौज में उसे कैप्टन बनना है।

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    घर में सैन्य माहौल होने की वजह से गुरमीत सिंह ने 1967 को छठी कलास के लिए सैनिक स्कूल कपूरथला में दाखिला ले लिया। गुरमीत सिंह को स्कूल में 988 रोल नंबर मिला और साइकेपियन में यह रोल नंबर एक लेवल की तरह हमेशा उनके नाम के साथ चिपका रहेगा। अपनी स्कूलिंग दौरान सरोजनी व टैगोर हाउस में रहते हुए दोस्तों के साथ कई शरारतें भी की लेकिन पढ़ाई से कभी ध्यान भटकने नहीं दिया। जवाहर धवन उनके स्कूली साथियों में काफी करीबी थे। पुरी सर व आहलूवालिया आदि अध्यापकों की डाट डपट ने उन्हें हमेशी जिंदगी में उच्च मुकाम हासिल करने के लिए प्रेरित किया।

    भारत सरकार की तरफ से उत्तराखंड के गर्वनर नियुक्त किए जाने के बाद दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने बताया कि वह आज जो कुछ भी उसमें उनके स्कूल का सबसे बड़ा योगदान है। लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत बताते है कि उनके स्कूल में राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह आए थे, जिनकी तरफ से शिक्षा के क्षेत्र में उनसा मिला पुरस्कार जिंदगी में हमेशा उत्साहित करता रहा। गुरमीत सिंह की बेटी रुप प्रीत कौर की कोलकत्ता में शादी हुई है। बेटा अमनप्रीत सिंह नेवी में है और बहू गुरमीत कौर भी उच्च पद पर आसीन है।

    लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह इंडिया चीन व पाकिस्तान मामलों के एक्सपर्ट माने जाते हैं। वें आतंकवाद विरोधी मामलों के भी जानकारी हैं। भारतीय फौज की तरफ से शांंति वार्ता के लिए वह दो बार पाकिस्तान जा चुके हैं और सात बार चीन गए हैं और इंडो चाइना संबंधों पर र्सिच फेलोशिप प्राप्त हैं।