हमारी तो कोई सुन नहीं रहा, कम से कम सिद्धू की पत्नी की ही सरकार सुन ले, ...पढ़ें अमृतसर की और भी रोचक खबरें
विधानसभा क्षेत्र अमृतसर पूर्वी में इस बार अजब संयोग रहा। चुनाव में वहां दो दिग्गज नवजोत सिंह सिद्धू और बिक्रम सिंह मजीठिया आमने-सामने थे। चुनाव में दोनों ने अपनी जीत के बड़े-बड़े दावे किए और एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा।

विपिन कुमार राणा, अमृतसरः प्रदेश में कानून व्यवस्था के हालात पर पंजाब सरकार विपक्ष के निशाने पर है। इस मुद्दे को लेकर लगातार हमले हो रहे हैं। पिछले दिनों पीपीसीसी के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डा. नवजोत कौर सिद्धू ने ट्वीट करते हुए ला एंड आर्डर पर सरकार को घेरा ही, साथ ही आप के विधायक कुंवर प्रताप सिंह को गृहमंत्री लगाने की भी आप सुप्रीमो से सिफारिश कर डाली। इसके बाद वह खूब ट्रोल हुईं। कुंवर के समर्थकों ने लिखा, आम आदमी पार्टी के नेता और वालंटियर तो कह-कहकर थक गए हैं कि कुंवर को मंत्री बना दो। हमारी तो कोई सुन नहीं रहा, कम से कम सिद्धू की पत्नी की ही सरकार सुन ले। वैसे भी सरकार बनने के बाद से वालंटियर तो अभी तक लोगों को सफाई ही दे रहे हैं कि हमारी सरकार आई है, जो गारंटियां दी हैं, जो कहा है, वह पूरा करके दिखाया जाएगा।
हारे भी और जेल भी हो गई
विधानसभा क्षेत्र अमृतसर पूर्वी में इस बार अजब संयोग रहा। चुनाव में वहां दो दिग्गज नवजोत सिंह सिद्धू और बिक्रम सिंह मजीठिया आमने-सामने थे। चुनाव में दोनों ने अपनी जीत के बड़े-बड़े दावे किए और एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा। सिद्धू तो कई बार कहते रहे कि मजीठिया को जेल भेजूंगा। हुआ भी ऐसा। चुनाव खत्म होते ही ड्रग मामले में मजीठिया को जेल जाना पड़ा। इस बीच परिणाम आया तो दोनों दिग्गज हार गए। अब यह संयोग बना कि सिद्धू को 34 साल पुराने रोडरेज के मामले में सजा हो गई और उन्हें भी जेल जाना पड़ गया। इससे भी बड़ा संयोग यह है कि दोनों नेता एक ही जेल में पहुंच गए हैं। इसको लेकर सियासी गलियारा खूब गरम रहा और यह कहते हुए खूब चटकारे लिए जा रहे हैं कि बड़े-बड़े दावे करने वाले नेता पहले चुनाव में हार गए और अब उन्हें जेल भी हो गई।
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फायदा सोचा, नुकसान हो रहा
आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार बनने के बाद वर्षों तक पार्टियों के वफादार सिपाही रहे नेता दल बदलकर आप का हिस्सा बन गए। इस उम्मीद से आप का झाड़ू पकड़ा कि सरकार में फायदा मिलेगा, परंतु हो इसके विपरीत रहा है। आप में गए किसी नेता के वेरका बूथ को नगर निगम ने गिरा दिया तो किसी नेता की ओर से दबाई गई जमीन का कब्जा नगर सुधार ट्रस्ट ले गया। यही नहीं, लोगों के बीच आप विधायक ने तो पार्षद से माइक छीनते हुए किरकरी कर दी। इन किस्सों को लेकर निगम में काफी चर्चा छिड़ी हुई है। एक पार्षद ने अपने समर्थक के साथ दर्द बयां करते हुए कहा कि उन्होंने आप ज्वाइन तो इसलिए की थी कि फायदा होगा, पर यहां तो विधायक दूसरी पार्टियों से आए नेताओं को भाव ही नहीं दे रहे और आए दिन निगम व ट्रस्ट उन्हीं का नुकसान कर रहा है।
शिकायत करवाओ, जेब गर्म करो
नगर निगम का एक विभाग है। वैसे तो यह पहले ही हमेशा सुर्खियों में रहता है, परंतु आजकल वहां के अधिकारियों-कर्मचारियों ने नया फंडा अपनाया हुआ है। किसी की शिकायत आने पर कार्रवाई के बजाय सेटिंग का खेल चलाते हैं। दरअसल, इस विभाग ने अपने शिकायतकर्ता पाल लिए हैं। पहले उनसे शिकायत करवाते हैं। फिर दोनों पक्षों में सेटिंग शुरू करवाते हैं ताकि जेब गरम की जा सके। ऐसा नहीं है कि यह उच्चाधिकारियों के ध्यान में नहीं है। शिकायतकर्ता सारा दिन विभाग के दफ्तर में बैठे रहते हैं। वहीं पर उनका चाय-पानी चलता है। अब यह बात कुछ पार्षदों के पास पहुंची है। पंजाब सरकार तो पहले ही भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की बात कह रही है। ऐसे में अब इन पार्षदों ने अधिकारियों की इस करतूत को ऊपर तक पहुंचाने की तैयारी कर ली है ताकि इनके भ्रष्टाचार के पंख फैलने से पहले ही काटे जा सकें।
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