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    Exclusive Interview : कैबिनेट मंत्री धालीवाल ने कहा- सरपंचों की मनमर्जी खत्म करने के लिए खड़ी करेंगे ग्रामसभाएं

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Fri, 25 Mar 2022 01:04 PM (IST)

    Exclusive Interview पंजाब के नए ग्रामीण विकास पंचायत व पशुपालन मंत्री कुलदीप‍ सिंह धालीवाल ने एक विशेष साक्षात्‍कार में कहा कि राज्‍य में पंचायतों में सुधार के लिए कदम उठाए जाएंगे। सरपंचाें की मनमर्जी खत्‍म करने के लिए ग्राम सभाएं खड़ी की जाएंगी।

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    Exclusive Interview: पंजाब के ग्रामीण विकास, पंचायत व पशुपालन मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल। (जागरण)

    अमृतसर, जेएनएन। Exclusive Interview: पंजाब के नए ग्रामीण विकास, पंचायत और पशुपालन मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल का कहना है कि गांवों के विकास में सरपंचों और पंचायत सचिवों की मनमर्जी की जगह ग्राम सभाओं में सर्वसम्मति से निर्णय लिए जाने की प्रथा हमेशा से रही है। लेकिन, पिछली सरकारों ने ग्राम सभाओं का वजूद ही खत्म कर दिया।

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    उनका कहना है कि सरपंचों को उनकी मनमर्जी पर ग्रांट दी गई। सरपंचों की मनमर्जी काे खत्‍म करने के लिए ग्रामसभाओं को खड़ा किया जाएगा।  35 साल से ध्वस्त हुए इस सिस्टम को आम आदमी पार्टी की सरकार पंचायत राज एक्ट के तहत दोबारा खड़ा करेगी। लोगों की सहमति से ही पंचायतों में विकास होगा।

    15 साल में पंचायतों में हुए घोटालों की जांच के लिए जिम्मेदार सरपंचों का पता लगवाया जा रहा

    उन्‍होंने एक विशेष साक्षात्‍कार में कहा कि किसी पंच-सरपंच का फर्जीवाड़ा नहीं चलेगा। कुलदीप सिंह धालीवाल से नई सरकार के भविष्य के एक्शन प्लान को लेकर दैनिक जागरण के अमृतसर के जिला प्रभारी विपिन कुमार राणा ने विशेष बातचीत की। पेश हैं उसके अंश :

    ग्राम सभा का वजूद कैसे खड़ा होगा और इसमें पारदर्शी सिस्टम कैसे बनेगा?

    - पंचायती राज एक्ट में साल में चार ग्राम सभाओं का प्रावधान है। इसमें अगर कोई सरपंच गलत काम करता है तो सरपंच, पंच को चुनने वाले वोटर उसे रोक सकते हैं। पहले यह सिस्टम बंद हो गया था। फर्जी ग्राम सभा होती थी। सरपंच-पंचायत सचिव प्रस्ताव बनाकर अपने चहेतों से साइन करवा लेते थे और ग्रांट निकलवा लेते थे। अब ऐसा नहीं होगा। ग्राम सभा भी होगी और बीडीपीओ व पंचायत अधिकारी की मौजूदगी में उसकी वीडियोग्राफी भी होगी। सरपंच तो दूर की बात है, पंचायत सदस्य भी मनमर्जी नहीं कर सकेगा।

    साक्षात्‍कार के दौरान पंजाब के ग्रामीण विकास, पंचायत और पशुपालन मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल। (जागरण)

    पंचायतों में फंड के दुरुपयोग के आरोप लगते रहे हैं, आपकी सरकार क्या एक्शन लेगी?

    - उन सरपंचों का पता लगाया जा रहा है जिन्होंने पिछले 15 साल में पंचायती ग्रांट में भ्रष्टाचार किया है। मनरेगा स्कीम में अरबों का घपला है। कानूनी तौर पर तो पंचायतों को बहुत अधिकार दिए गए लेकिन ये अधिकार सिर्फ सरपंचों तक ही सीमित थे। सरपंचों व पंचायत सचिवों ने मनमर्जी से प्रस्ताव डाले, चेक साइन किए और झूठे प्रस्ताव डाल उन्हें पास कर अरबों के घोटाले किए हैं। सबकी जांच होगी। कसूरवार अधिकारी हो या नेता, बख्शा नहीं जाएगा।

    बार्डर बेल्ट के किसानों की कंटीली तार के पार और रावी के पार खेती को लेकर समस्या रही है, इस पर सरकार क्या करेगी?

    - बार्डर बेल्ट में फेंसिंग पार खेती के लिए सुबह नौ से तीन बजे तक का ही समय है, जिस कारण एक ही फसल की काश्त तक सीमित रहना पड़ता है। इसके लिए किसान फसल का दस हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा केंद्र व पंजाब सरकारों से मांगते रहे हैं, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया। रावी दरिया पार खेती के लिए जाने के लिए पुलियां नहीं है। बिजली सप्लाई नहीं है। सोलर एनर्जी की सुविधा तो मिली, पर अब वह भी बंद है। प्रयास रहेगा कि केंद्र के सहयोग से इसका हल करवाया जाए।

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    गांव में हमेशा ही योजनाबद्ध विकास का अभाव रहा है। विकास में एकरूपता नहीं आती और फंड भी बर्बाद होता है, इस पर क्या योजना है?

    - इसमें कोई दो राय नहीं है कि आज तक गांवों के योजनाबद्ध विकास पर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। कोई गली बनवा देता है तो दूसरी पंचायत आने पर उसे उखाड़ दिया जाता है। हमारी सरकार 25 सालों के ग्रामीण विकास का रोडमैप तैयार करेगी। आप सरकार में विकास की जो भी ईट लगेगी, वह भविष्य के 25 सालों की लोगों को जरूरतों को ध्यान में रखकर लगेगी। ऐसा नहीं होगा कि पहले सड़क बना दी जाए और बाद में वाटर सप्लाई व सीवरेज के लिए उसे उखाड़ दें।

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    अजनाला-रमदास सेक्टर में अवैध खनन बड़ा मामला है, इस पर क्या करेंगे?

    - सरकार बनने के बाद ही अधिकारियों को सभी रेत की खड्डे बंद करने के निर्देश दे दिए गए थे और उन्हें साफ कह दिया गया था कि जब तक आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार की पालिसी नहीं आ जाती, कोई रेत नहीं निकालेगा। अवैध खनन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा।