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    Dunki Route: डंकी रूट से अमेरिका भेजने वाले एजेंटों ने दुबई को बनाया अड्डा, पढ़ें कैसे होता है ये पूरा खेल?

    हाल ही में अमेरिका से 104 अवैध प्रवासियों को भारत डिपोर्ट किया गया। लोग डंकी रूट (Donkey Route) के जरिए दुसरे देशों में पहुंचे थे। दुबई अवैध तरीके से अमेरिका भेजने वाले एजेंटों का अड्डा बन गया है। एजेंट पहले लोगों को दुबई बुलाते हैं और फिर अलग-अलग देशों से होते हुए उन्हें अमेरिका पहुंचाते हैं। इस रास्ते को डंकी रूट कहा जाता है।

    By Kamal Kishore Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sat, 08 Feb 2025 09:12 AM (IST)
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    डंकी रूट से लोगों को अमेरिका कैसे भेजते हैं एजेंट (File Photo)

    दिनेश शर्मा, जालंधर। भारत से लोगों को अवैध ढंग से अमेरिका भेजने वाले एजेंटों ने दुबई को अपना अड्डा बना लिया है। अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौटे लोगों में से अधिकतर को एजेंटों ने पहले भारत से दुबई बुलाया था। दुबई से आगे डंकी लगाकर अमेरिका में अवैध ढंग से प्रवेश करवाने की रूपरेखा बनाई गई।

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    जालंधर के रकिंदर, पलवीर सिंह, दविंदरजीत सिंह व जसकरण सिंह सभी को पहले एजेंटों ने दुबई बुलाया। वहां कुछ दिन रखने के बाद उन्हें अलग-अलग देशों से होते हुए अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचाया।

    दुबई में रहता है एजेंटों का अड्डा

    भारत से दुबई जाना बहुत आसान है। इसमें कोई समस्या नहीं आती है। दुबई का वीजा ऑन अराइवल मिल जाता है। ट्रैवल एजेंट बिना खौफ वहां अपना धंधा चला रहे हैं। अवैध ढंग से अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन भेजने के लिए एजेंट सबसे पहले विजिटर वीजा लगाकर दुबई बुलाते हैं।

    इस विजिटर वीजा पर व्यक्ति दुबई में सात से दस दिन तक रह सकता है। एजेंट फिर दुबई से आगे यूरोप के कुछ देशों का वीजा लगवाकर उसे फ्लाइट से वहां भेज देते हैं। वहां उसे डंकी रूट से मैक्सिको में अमेरिका की सीमा तक पहुंचाया जाता है।

    दुबई में बैठे एजेंटों की डंकी रूट में आने वाले देशों के एजेंटों से सेटिंग होती है और उनसे पैसों का लेनदेन चलता रहता है। जो अधिक पैसा देता है, वह जल्दी मैक्सिको पहुंच जाता है और जो कम पैसा खर्च करते हैं, उसे लंबा रास्ता तय करना पड़ता है। उसे अलग-अलग देशों से अवैध रूप से होते हुए जाना पड़ता है। इसमें खतरनाक जंगल, रेगिस्तान व नदियां पार करनी पड़ती हैं।

    पहले ही हो चुकी होती है पैसों की बात

    एजेंट की डंकी लगाकर जाने वाले व्यक्ति से पहले ही पैसे की बात हो चुकी होती है। यह पैसा डंकी से किस्तों में लिया जाता है। जैसे-जैसे पड़ाव पार होता चलता है, वैसे-वैसे एजेंट की भूमिका समाप्त होती चली जाती है।

    एसोसिएशन ऑफ कंसल्टेंट फॉर ओवरसीज स्टडीज के सचिव सुखविंदर नंद्रा का कहना है कि दुबई का वीजा ऑन अराइवल मिल जाता है। कुछ एजेंट अवैध ढंग से डंकी लगाकर विदेश भेजते हैं। कुछ एजेंट सरकार से पंजीकृत नहीं होते। वे अवैध ढंग से काम कर रहे हैं। सरकार को इन पर शिकंजा कसना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि एजेंट को दुबई का वीजा आसानी से मिल जाता है। विदेश जाने वाले व्यक्ति से एजेंट 50 से 60 लाख रुपये लेते हैं।

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    दुबई में बैठा एजेंट कानूनी पचड़े में भी नहीं फंसता

    दुबई में बैठा एजेंट कानूनी पचड़े में भी नहीं फंसता है। उसने भारत से व्यक्ति को वैध रूप से दुबई बुलाया होता है। ऐसे में यदि कोई कार्रवाई होती है तो वह भारत के एजेंट पर होती है। चार से पांच एजेंटों का ग्रुप भारत से जाने वाले लोगों को डंकी रूट से अमेरिका सहित विभिन्न देशों में पहुंचाते हैं।

    अमेरिका वाया दुबई जाने वाले कुछ भुक्तभोगी

    जालंधर के रकिंदर को एजेंट ने पहले दुबई बुलाया। 45 लाख लेकर बुलगारिया, पेरू, ब्राजील व मैक्सिको के रास्ते अमेरिका भेजा। दलेर को भी एजेंट ने परिवार सहित दुबई बुलाया। 60 लाख लिए और पनामा के जंगल व नदियों से भेजा। अमृतसर के राजाताल के आकशदीप सिंह को भी एजेंटों ने पहले दुबई में रखा। 45 लाख में उसे अमेरिका भेजा। जालंधर के रामामंडी के लवप्रीत व चहेडू के चरणजीत सिंह को भी पहले दुबई ही बुलाया।

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