सिद्धू के करीबी कांग्रेस MLA परगट का अपनी सरकार पर ही निशाना, कहा- जनता को जवाब देना मुश्किल
पूर्व मंत्री नवजोत सिद्धू के करीब कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने पंजाब की अपनी पार्टी की सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार पर उठ रहे सवालों का जवाब देना कठिन होगा।
जालंधर, जेएनएन। पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी कांग्रेस विधायक परगट ङ्क्षसह ने अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ फिर मोर्चा खोला है। भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान परगट सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार के तीन साल के कार्यकाल पर सवाल खड़े हो रहे हैं। डेढ़ साल बाद चुनाव में जनता को इसका जवाब नेताओं को देना होगा अफसरों को नहीं।
बोले- सरकार पर खड़े हो रहे सवाल, जनता को जवाब देना मुश्किल होगा
उन्होंने कहा कि पहले जैसे 10 साल अकालियों का राज था, वैसा ही अब कांंग्रेस का चल रहा है। पैसे का एक बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार के पास जाता है, लेकिन पंजाब को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सूबे की आय बढ़ाने के स्रोत पर काम होना चाहिए था।
उन्होंने आबकारी नीति पर कहा कि अफसरों को काम का अनुभव होता है, लेकिन अफसर नेताओं को वही दिखाते हैं जो नेता देखना चाहता है। पंजाब में सरकार कैप्टन अमरिंदर सिंह की है, मुख्य सचिव करण अवतार सिंह की नहीं। मंत्रियों को विवाद में फंसने की बजाय पंजाब के हक में बात रखनी चाहिए। सरकार को एक्साइज पॉलिसी पर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शराब की बिक्री को लेकर कारपोरेशन ना बनाने से एक्साइज से आय पांच हजार करोड़ से कम है, जबकि यह दस हजार करोड़ रुपये तक हो सकती है। राजस्व का पैसा माफिया की जेब में जा रहा है। ऐसा ही माइनिंग के मामले में है। अगर माइनिंग को लेकर सही नीति हो तो पंजाब की आय काफी बढ़ सकती है। दोनों नीतियों से पंजाब को 30 हजार करोड़ रुपये मिल सकते हैं।
लोगों ने नेता भोग-शादियों के लिए रखे हैं
विधायक परगट सिंह ने कहा कि विधायकों का भी वैसा सम्मान नहीं है, जैसा होना चाहिए। विधायकों का काम तो पंजाब के हित में नई नीतियां बनाने का है, लेकिन असल में लोगों ने नेताओं को भोग और शादियों के लिए रखा है। हर सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होना जरूरी बना दिया है। अगर भोग-शादी में न जाओ तो समाज में रहना मुश्किल हो जाता है।
केंद्र सरकार ने कुछ नहीं दिया
परगट सिंह ने कहा कि पंजाब की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। केंद्र सरकार ने जो पैकेज दिया है, उसमें पंजाब के लिए कुछ नही है। यह पैकेज भी एक जुमला साबित होगा। राज्यों की स्थिति खराब हो रही है क्योंकि पैसा केंद्र के पास है। राज्यों को अपने इंतजाम खुद करने होंगे।
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