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    गुरदासपुर पुलिस चौकी पर हमला करने वाले आतंकी ढेर, क्या है पीलीभीत से कनेक्शन; जानें पूरा काला चिठ्ठा

    पंजाब के गुरदासपुर जिले के कलानौर थाना क्षेत्र की पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला करने वाले तीन खालिस्तान समर्थित आतंकियों को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है। मारे गए आतंकियों की पहचान वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि गुरविंदर सिंह और जश्नप्रीत सिंह उर्फ प्रताप के रूप में हुई है। ये तीनों आतंकी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से जुड़े हुए थे।

    By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Mon, 23 Dec 2024 01:55 PM (IST)
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    पीलीभीत में ढेर हुए तीन खालिस्तान समर्थक आतंकी (फाइल फोटो)

    संवाद सहयोगी, कलानौर। जिला गुरदासपुर के सीमावर्ती थाना कलानौर की पुलिस चौकी बख्शीवाल पर 18 दिसंबर की रात को ग्रेनेड से हमला करने वाले आरोपियों का उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एनकाउंटर कर दिया गया है। ये तीनों आतंकी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से जुड़े हुए थे।

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    इनमें वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि पुत्र रंजीत सिंह उर्फ जीता निवासी गांव अगवान, गुरविंदर सिंह निवासी मोहल्ला कलानौर और जश्नप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह निवासी गांव निक्का शहूर शामिल हैं।

    गुरविंदर पर दर्ज है कई मामले

    पुलिस चौकियों निशाना बनाने वाला गुरविंदर सिंह कलानौर के गांव रहीमाबाद का रहने वाला था, जो अब पिछले कुछ सालों से कलानौर में रह रहा था। इसे माता पिता ने गोद लिया हुआ था। बुरी संगत में फंसकर वह कई बार लूट व चोरी की घटनाओं को अंजाम दे चुका था, जिस पर कई मामले भी दर्ज हैं।

    कुछ साल पहले इसने किला लाल सिंह में एक युवक को नहर में डुबोकर मार दिया था। इसे लेकर उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज था और वह दिनों जमानत पर चल रहा था। हत्या के बाद से वह माता पिता को छोड़कर अकेला कलानौर में रह रहा था। बताया जा रहा है कि पीलीभीत में इसका कोई रिश्तेदार रहता है।

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    ट्रक ड्राइवर था आरोपी वीरेंद्र

    वहीं, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि के दो भाई और पांच बहन हैं और वह ट्रक ड्राइवर का काम करता था। इस समय उसके घर पर कोई नहीं है। उसकी माता बीमार होने के चलते कहीं गई हुई है और घर पर ताला लगा हुआ है। इसके अलावा जश्नप्रीत भी ड्राइवरी का काम करता था।

    जश्नप्रीत के परिवार ने झूठे पुलिस मुठभेड़ का लगाया आरोप

    पीलीभीत में हुए मुकाबले में मारे गए पुलिस थाना कलानौर के गांव निक्का शहूर निवासी जश्नप्रीत पुत्र स्वरूप सिंह की पत्नी गुरप्रीत कौर व उसकी मां ने बताया कि उनका बेटा जश्नप्रीत एक सप्ताह पहले ट्रक ड्राइवरी करने के लिए गया था।

    इस दौरान बख्शीवाल और वडाला बांगर में धमाके होने के बाद कोई पुलिस कर्मचारी उनके घर नहीं आया था, लेकिन अब उन्हें पता चला है कि जश्नप्रीत को पुलिस ने मुठभेड़ में मार दिया है। उनका आरोप है कि उनके बेटे को झूठे पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है।

    उन्होंने पंजाब सरकार से इंसाफ की मांग की है। गौरतलब है कि जश्नप्रीत का 3 महीने पहले गुरप्रीत कौर निवासी अगवान के साथ विवाह हुआ था।

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