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    पंजाब के बटाला पुलिस थाने पर ग्रेनेड फेंकने वाले आरोपी की काटी गई टांग, क्या थी वजह?

    पंजाब के गुरदासपुर जिले के बटाला में घनिए के बांगर थाने और गुरदासपुर की पुलिस चौकी पर ग्रेनेड फेंकने के आरोपी कुलजीत सिंह की पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज के दौरान डॉक्टरों को एक टांग काटनी पड़ी है। टांग कटने के बाद अब आरोपित कुलजीत अब खतरे से बाहर बताया जा रहा है। बता दें कि आरोपित को 29 दिसंबर को पुलिस ने गोली मारी थी।

    By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Thu, 09 Jan 2025 04:29 PM (IST)
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    पीजीआई में इलाज के दौरान ग्रेनेड हमले का आरोपित।

    जागरण संवाददाता, बटाला। पंजाब के बटाला में घनिए के बांगर थाने और गुरदासपुर की पुलिस चौकी पर ग्रेनेड फेंकने वाले आरोपित कुलजीत सिंह की इलाज के दौरान पीजीआई चंडीगढ़ में डॉक्टरों ने एक टांग काट दी है।

    आरोपित कुलजीत पुलिस की गोली से 29 दिसंबर को घायल हुआ था। टांग काटने के बाद आरोपित की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। जबकि आरोपित कुलजीत को गुरदासपर जेल भेज दिया गया है। जहां जेल के डॉक्टर घायल का इलाज कर रहे हैं।

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    आरोपितों ने पुलिस पर चलाई थी गोलियां

    डीएसपी फतेहगढ़ चूड़ियां विपन कुमार ने बताया कि बटाला पुलिस की तरफ से बटाला के थाना घनिए के बांगर और गुरदासपुर की पुलिस चौकी वडाला बांगर पर ग्रनेड से धमाके के आरोपितों अभिजोत सिंह, कुलजीत सिंह, शुभम, गुरजिंदर सिंह, रोहित को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

    इस दौरान 29 दिसंबर को जब मुख्य आरोपित अभिजोत और उसके साथी कुलजीत को हथियारों की बरामदगी के लिए ले जाया गया तो आरोपितों ने बरामदगी वाली जगह छुपाए हुए पिस्टलों से पुलिस पर गोलियां चलाई थीं। जिसके बाद पुलिस की जवाबी करवाई के दौरान दोनों आरोपितों को गोली लग गई थी और दोनों घायल हो गए थे।

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    इन्फेक्शन की वजह से काटना पड़ा टांग

    घायल आरोपितों को बटाला सिविल अस्पताल इलाज के लिए लाया गया था। इस दौरान एक आरोपित कुलजीत सिंह की टांग में इन्फेक्शन होने के कारण उसे पीजीआई चंडीगढ़ इलाज के लिए भेजा गया था, जहां उसकी टांग को काटना पड़ा।

    वहीं, पुलिस मुख्य आरोपित अभिजोत सहित अन्य चार आरोपितों को 13 जनवरी को अदालत में पेश करेगी। फिलहाल आरोपितों से पूछताछ की जा रही है।

    29 दिसंबर को डीआईजी बॉर्डर रेंज सतिंदर सिंह ने बताया था कि आरोपितों ने घनिए के बांगर पुलिस स्टेशन पर 12 दिसंबर को रात 10:20 बजे और 20 दिसंबर को रात 9:30 बजे गुरदासपुर की वडाला बांगर पुलिस चौकी पर ग्रनेड से धमाके किए थे।

    बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने ली थी हमले की जिम्मेदारी

    जिसके बाद आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट शेयर कर इन आतंकवादी हमलों की जिम्मेदारी ली थी।

    पुलिस ने इस मामले में चार आरोपितों कुलजीत सिंह, रोहित उर्फ घेसी, शुभम और गुरजिंदर सिंह उर्फ राजा को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद पुलिस जब मुख्य आरोपित अभिजोत सिंह और कुलजीत सिंह को बरामदगी के लिए गांव सीड़ा चठा ले कर गई तो वहां पर आरोपितों ने पिस्टलों से पुलिस टीम पर गोलियां चला कर भागने की कोशिश की थी।

    जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कारवाई करते हुए अभिजोत और कुलजीत को घायल कर पकड़ा था। इस दौरान आरोपितों से दो पिस्टल भी बरामद की गई थी, जिसमें एक 9 एमएम ग्लॉक और एक .32 बोर पिस्तौल शामिल थे।

    बेहद गरीब घर से आते हैं 5 आरोपित

    पुलिस के अनुसार पुलिस थाना घनिए के बांगर, बख्शीवाल और वडाला बांगर चौकी पर ग्रेनेड से हमला करने वाले सभी पांचों गांव किला लाल सिंह वासी हैं और सभी एक-दूसरे के दोस्त हैं। बता दें कि मुख्य आरोपित अभिजोत सिंह अरमानियां में चार महीने रह कर आया है।

    मामले में शामिल पांचों आरोपित कोई काम नहीं करते है, जबकि इनके परिवारों की आर्थिक हालात भी बहुत खराब है। पैसे कमाने के चक्कर में ही आरोपितों ने विदेश में बैठे अपने आकाओं के कहने पर अपराध को अंजाम दिया था। सभी आरोपित एक की मोहल्ले के रहते हैं।

    अभिजोत को पैसों का लालच देकर किया था तैयार

    जानकारी के अनुसार मुख्य आरोपित अभिजोत सिंह करीब सात महीने पहले अरमानिया गया था, जहां उसके संबंध देश विरोधी तत्वों के साथ बने थे और वहां से अभिजोत को अपने साथ कुछ युवको को पैसों का लालच देर कर देश विरोधी गतिविधियों के लिए तैयार करने की योजना बनाई गई थी।

    अभिजोत सिंह अरमानियां में भी किसी अपराध में जेल रह कर आया है। करीब तीन महीने पहले गांव आकर उसने अपने साथ गांव के युवकों को पैसों का लालच देकर उसने अपने साथ मिलाया और फिर पुलिस चौकियों और थानों पर धमाके करने के उन्हें राजी किया था।

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