राजधानी व शताब्दी एक्सप्रेस में खाना लेने की बाध्यता खत्म, घट जाएगा किराया
राजधानी आैर शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रा के दौरान खाना लेने की अनिवार्यता अब खत्म हो गई है। इससे किराया भी घट जाएगा। टिकट लेते समय खाना न लेने की विकल्प देने पर कम किराया लगेगा।
फिरोजपुर, [प्रदीप कुमार सिंह]। अब राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस में भारी किराया देने के बाद भी खाना लेने की बाध्यता खत्म हो गई। रेलवे के नए नियम के अनुसार अगर कोई यात्री खाना नहीं लेना चाहता है तो उसका किराया कम हो जाएगा। यात्री आइआरसीटीसी की ऑनलाइन ई-कैटरिंग से अपना मनपंसद खाना बुक कर सहजता से मंगवा सकते हैं। इसके लिए एप जारी कर दिया गया है।
रेलवे ने राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में 15 जून से खाने को वैकल्पिक रखने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत यात्री चाहें तो खाने के लिए मना कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें पैसा भी नहीं देने होगा। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड (आइआरसीटीसी) पोर्टल पर टिकट बुक कराने के दौरान पूछा जाएगा कि अाप यात्रा के दौरान खाना लेना चाहते हैं या नहीं। खाना नहीं लेने पर टिकट की कीमत कम हो जाएगी।
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काउंटर से टिकट बुकिंग के दौरान भी यात्री खाना लेने के लिए मना कर सकते हैं। इसका मतलब किराये में लगभग 250 से 300 रुपये की कमी हो जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों के खाने के विकल्प को न चुनने से आइआरसीटी पर मौजूद ई-कैटरिंग और अन्य फोन सर्विसेज का उपयोग बढ़ेगा। इसके तहत थर्ड पार्टी वेंडर खाना सप्लाई करेंगे।
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फिरोजपुर मंडल रेलवे के वाणिज्यक अधिकारी रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि मंडल के विभिन्न हिस्सों से एक राजधानी व पांच शताब्दी चलती हैं। दो शताब्दी ट्रेनें रोजाना चलती हैं, जबकि तीन शताब्दी सप्ताह में दो बार चलती हैं। उन्होंने बताया कि काउंटर पर टिकट बुक कराने पर यह जिम्मेदारी बुङ्क्षकग अधिकारी की होगी और वह यात्रियों से खाने का विकल्प चुनने के लिए पूछे।
तेजस की वैकल्पिक को यात्रियों ने सराहा
भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम पर कैटरिंग की अनिवार्यता समाप्त करने का दबाव बन रहा था। आइआरसीटीसी ने तेजस एक्सप्रेस में कैटरिंग को वैकल्पिक बना दिया, जिसे यात्रियों ने बहुत सराहा। इसी तर्ज पर निजामुद्दीन-मुंबई अगस्त क्रांति, राजधानी एक्सप्रेस और पुणे-सिकंदराबाद शताब्दी एक्सप्रेस में सिस्टम को लागू किया गया जो सफल रहा। अब यह विकल्प 15 जून से देश की सभी शताब्दी व राजधानी ट्रेनों में लागू कर दिया गया है।