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सेना के जवान तरनदीप को नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई, पिता बोले- 'मेरे अकेले का नहीं पूरे देश का था बेटा'

जम्मू-कश्मीर के लेह रोड पर हुई दुर्घटना में बलिदान हुए फतेहगढ़ साहिब के सैनिक तरनदीप सिंह की अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए। नम आंखों से केवल सिंह ने कहा किया तरनदीप मेरे अकेले का नहीं बल्कि पूरे देश का बेटा था। सेना के काफिले के साथ लहराते हुए तिरंगे को को गली के मोड़ छत व चौक चौराहे पर खड़े लोगों ने हाथ जोड़कर नमन किया।

By Jagran NewsEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANPublished: Tue, 22 Aug 2023 01:45 PM (IST)Updated: Tue, 22 Aug 2023 01:45 PM (IST)
लद्दाख में शहीद जवान को दी गई पैतृक गांव अंतिम विदाई

फतेहगढ़ साहिब, संवाद सहयोगी: जम्मू-कश्मीर के लेह रोड पर हुई दुर्घटना में बलिदान हुए फतेहगढ़ साहिब की तहसील बस्सी पठाना के गांव कमाली के 23 वर्षीय सैनिक तरनदीप सिंह का पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर 12:15 बजे घर पहुंचा। तरनदीप की अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए।

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इस मौके पर नम आंखों से केवल सिंह ने कहा किया तरनदीप मेरे अकेले का नहीं बल्कि पूरे देश का बेटा था। सेना की एंबुलेंस में शव को फूलों से सजे ट्रक में रखा गया। सैन्य अधिकारी शव को तिरंगे में लपेटकर घर लेकर आए।

सेना के काफिले के साथ लहराते हुए तिरंगे को को गली के मोड़, छत व चौक चौराहे पर खड़े लोगों ने हाथ जोड़कर नमन किया। बड़ी संख्या में महिलाएं भी अंतिम दर्शन के लिए बाहर आ गईं। ये मंजर देखकर उनकी नम आंखें हो गईं। साथ आए सैनिकों ने तरनदीप को अंतिम सलामी दी। उसके बाद गांव में ही अंतिम संस्कार किया गया। पार्थिव देह को उसके पिता केवल सिंह ने मुखाग्नि दी।

इस मौके पर डीसी परनीत कौर शेरगिल, एसएसपी डा. रवजोत कौर ग्रेवाल, विधायक रुपिंदर सिंह हैप्पी, एसडीएम खमानो संजीव कुमार समेत सैन्य अधिकारी मौजूद रहे। गांव कमाली के श्मशानघाट पहुंचने पर पार्थिव देह को डीसी-एसएसपी समेत सेना के अधिकारियों ने पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। वहीं, परिवार के लोगों ने पार्थिव देह पर सेहरा सजाकर अंतिम विदाई दी। इस दौरान हर किसी की आंखें नम दिखाई दीं।

तरनदीप का लक्ष्य ही आर्मी था

केवल सिंह इस दौरान केवल सिंह ने कहा कि वह मेरे अकेले का नहीं पूरे देश का बेटा था। मैं गर्व महसूस कर रहा हूं। उसका लक्ष्य ही आर्मी था। केवल सिंह ने बताया कि सैनिक तरनदीप सिंह दिसंबर 2018 में भर्ती हुआ था। तरनदपी के घर मे माता-पिता के अलावा एक बड़ी बहन भी है। वह परिवार का इकलौता बेटा था।

तरनदीप की शहादत से पूरा इलाका सदमे में

विधायक हैप्पी विधायक रुपिंदर सिंह हैप्पी ने कहा कि उनका भाई तरनदीप सिंह ड्यूटी के दौरान बलिदान हो गया। तरनदीप के बिछोड़े से सिर्फ परिवार ही नहीं पूरा इलाका भारी सदमे में है। यह परिवार उनका अपना परिवार है। सरकारी और वह निजी तौर पर परिवार के साथ हैं। एक आपरेशन में मूवमेंट के दौरान हादसे में तरनदीप समेत नौ जवान शहीद हो गए। इनकी शहादत पर पूरे देश को मान है। देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले देश के हीरों का हमेशा सम्मान किया जाएगा।

पिता साइकिल निकलते थे और तरणदीप साथ-साथ दौड़ता था

समाजसेवी सोही समाजसेवी गुरविंदर सिंह सोही ने बताया कि तरनदीप सिंह अकसर युवाओं को नशों से दूर रहने और फौज में भर्ती होने की प्रेरणा देता था। गांव के हर धार्मिक कार्य में वह आगे होकर सेवा करता था। हर छुट्टी पर फतेहगढ़ साहिब में माथा टेकने जाता था। वह एक अच्छा क्रिकेटर भी था।

तरनदीप सिंह के पिता केवल सिंह को पहले से शौक था कि बेटे को फौज में भर्ती कराना है। सुबह केवल सिंह साइकिल लेकर निकलते थे तो तरणदीप साथ-साथ दौड़ता था। ऐसे प्रेक्टिस करके फौज में भर्ती हुआ। सोही ने बताया कि गांव के लोगों ने बलिदानी की याद में अस्पताल बनाने की मांग की है।


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