Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फरीदकोट के गुरप्रीत मर्डर केस में बड़ा खुलासा, SIT का दावा- अमृतपाल के राज जानता था इसलिए कराई हत्या

    फरीदकोट में गुरप्रीत सिंह हरिनौ की हत्या मामले में बड़ी खबर सामने आई है। इस मामले में एसआईटी ने कोर्ट में चालान पेश किया। जिसमें दावा किया गया है कि गुरप्रीत अमृतपाल के राज जानता था इसलिए उसकी हत्या कराई गई थी। एसआईटी ने इस मामले में सबूत जुटाने का भी दावा किया है। पुलिस में इस मामले में 17 आरोपियों को नामजद किया है।

    By Jatinder Kumar Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 18 Mar 2025 09:02 AM (IST)
    Hero Image
    गुरप्रीत सिंह हरिनौ मर्डर केस में SIT का बड़ा खुलासा (File Photo)

    संवाद सहयोगी, फरीदकोट। ‘वारिस पंजाब दे’ के कोषाध्यक्ष रहे गुरप्रीत सिंह हरिनौ की हत्या के मामले में एसआईटी ने अदालत में पेश चालान में दावा किया कि उसकी हत्या डिब्रूगढ़ जेल में बंद सासंद अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के संवेदनशील रहस्य जानने के कारण हुई थी। गुरप्रीत हरिनौ अमृतपाल का करीबी सहयोगी था। इस कारण उसे अमृतपाल के गैंग्सटर जयपाल भुल्लर व कनाडा स्थित अर्श डल्ला से संबंधों का पता था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गोरा बराड़ को सौंपा था ठिकाने लगाने का काम

    चालान के अनुसार गुरप्रीत हरिनौ को अंदर की ये जानकारियां होने के कारण अमृतपाल ने कनाडा स्थित घोषित आतंकवादी अर्श डल्ला से संपर्क करके करमबीर सिंह उर्फ गोरा बराड़ को हरिनौ को ठिकाने लगाने का काम सौंपा था।

    गोरा ने गांव हरिनौ निवासी अपने बचपन के दोस्त व भारतीय सेना के पूर्व सैनिक बिलाल अहमद की मदद ली। गोरा ने सोशल मीडिया के माध्यम से बिलाल को गुरप्रीत हरिनौ की एक फोटो भेजी जिसने अपने दो सहयोगियों गुरमरदीप सिंह उर्फ पोंटू व अर्शदीप सिंह उर्फ झंडू की मदद से गुरप्रीत हरिनौ की गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी।

    SIT ने सबूत जुटाने का किया दावा

    एसआईटी का दावा है कि उसने सोशल मीडिया चैट को सबूत के रूप में जुटा लिया है। एसआईटी का यह भी दावा है कि यद्यपि अमृतपाल ने ‘वारिस पंजाब दे’ का नेता होने का दावा किया था पर वास्तव में वह संगठन का आधिकारिक सदस्य नहीं था।

    पुलिस ने इस मामले में अर्श डल्ला व सांसद अमृतपाल सिंह समेत 17 आरोपियों को नामजद किया है। इनमें 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि 4 आरोपित विदेश में हैं और अमृतपाल सिंह असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं।

    आतंकी डल्ला ने की थी हथियारों व मोटर साइकिलों की व्यवस्था

    चालान में दावा किया गया है कि गुरप्रीत हरिनौ के बारे में जानकारी जुटाने के बाद अर्श डल्ला ने फरीदकोट जेल में बंद अपने गिरोह के सदस्य लक्ष्मण सिंह उर्फ लच्छू से संपर्क किया। लच्छू ने अर्श डल्ला को नवजोत सिंह उर्फ नीटू से मिलाने में मदद की थी।

    नीतू ने अपने सहकर्मी अनमोलप्रीत सिंह उर्फ विशाल को हरिनौ को निशाना बनाने को कहा। 9 अक्टूबर 2024 को डल्ला ने इन आरोपितों के लिए चोरी की मोटर साइकिलों व हथियारों की व्यवस्था की। उसके पश्चात 10 अक्टूबर 2024 को हरिनौ गांव में गुरप्रीत सिंह की हत्या कर दी गई।

    ये भी पढ़ें- फरीदकोट के गुरप्रीत हत्याकांड में 12 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, अमृतपाल सिंह और आतंकी अर्शदीप का नाम भी शामिल

    ये भी पढ़ें- अमृतपाल के 7 साथियों से हटा NSA, डिब्रूगढ़ जेल से छूटते ही होगी गिरफ्तारी; पंजाब पुलिस की तैयारी पूरी