Chandigarh Unemployment: बेरोजगारी में पंजाब-हरियाणा से भी आगे निकला चंडीगढ़, केंद्रीय मंत्री ने साझा किए आंकड़े
Chandigarh News चंडीगढ़ देश के सबसे शिक्षित शहरों में से एक है लेकिन यहां बेरोजगारी की दर भी काफी अधिक है। चंडीगढ़ की बेरोजगारी दर पूरे देश की औसत दर से लगभग दोगुनी है। बरोजगोरी से जुड़े ये आंकड़े राज्यसभा में श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने पेश किए हैं। चंडीगढ़ में पढ़े लिखे बेरोजगारों संख्या सबसे अधिक है।

बलवान करिवाल, चंडीगढ़। देश के सबसे शिक्षित शहरों में आने वाले चंडीगढ़ में बेरोजगार भी कम नहीं हैं। यहां पढ़े लिखे बेरोजगार की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है। देश में चंडीगढ़ चौथे स्थान पर है जहां सबसे अधिक बेरोजगार हैं। यहां बेरोजगारी दर 7.1 प्रतिशत है। चंडीगढ़ से अधिक बेरोजगारी गोवा, केरल, अंडमान एंड निकोबार आइलैंड और लक्ष्द्वीप में ही है। पड़ोसी राज्य हरियाणा में यह दर 3.4 और पंजाब में 5.5 प्रतिशत है।
राज्यसभा में मंत्री ने पेश किया आंकड़ा
पंजाब और हरियाणा इन दोनों राज्यों की स्थिति भी चंडीगढ़ से बहुत बेहतर है। बेरोजगारी के यह आंकड़े राज्यसभा में श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने पूछे गए सवाल के जवाब में पेश किए हैं। इमरान प्रतापगढ़ी ने देश में बेरोजगारी दर पर यह सवाल संबंधित मंत्रालय से किया था।
चंडीगढ़ की बेरोजगारी दर पूरे देश की औसत दर 3.2 प्रतिशत से भी लगभग दोगुनी है। चंडीगढ़ में पढ़े लिखे बेरोजगारों की संख्या सबसे अधिक है। सेकेंडरी या इससे अधिक पढ़े लोगों की बेरोजगारी दर 4.5 प्रतिशत है।
पलायन कर रही इंडस्ट्री
बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ना चिंता की बात है। बेरोजगारी बढ़ने के मुख्य कारण चंडीगढ़ में नए रोजगार का नहीं बढ़ना है। गवर्नमेंट सेक्टर के बाद इंडस्ट्री रोजगार का बड़ा स्त्रोत होता है। लेकिन चंडीगढ़ में इंडस्ट्री भी कम है। सीमित जमीन होने, नियम सख्त और सुविधाएं उस तरह से नहीं होने से से इंडस्ट्री दूसरे राज्यों में पलायन कर रही है।
पिछले तीन चार वर्ष में ही 150 से अधिक इंडस्ट्रीय यूनिट हरियाणा और पंजाब के शहरों में पलायन कर चुकी है। इंडस्ट्री के सामने प्लाट की लीज होल्ड बेस ट्रांसफर नहीं होना, बिल्डिंग मिसयूज वायलेशन और एमएसएमई स्कीम सही से लागू नहीं होना जैसी चुनौती है।
रेगुलर घटने से लैप्स होती रही पोस्ट, आउटसोर्स बढ़े
बेरोजगारी दर बढ़ने की एक वजह यह भी है कि प्रशासन और नगर निगम में रेगुलर पदों की संख्या निरंतर घटती गई है। जिससे यह पद लगातार लैप्स होते चले गए। इसके बदले में आउटसोर्स कर्मी लगातार बढ़ते रहे।
2019-20 में नगर निगम के 3407 रेगुलर इंप्लाइज थे जो 2024-25 में घटकर 2362 ही रह गए। इसी दौरान आउटसोर्स इंप्लाइज 3072 से बढ़कर 6965 हो गए।
चंडीगढ़ प्रशासन से जुड़ी जानकारी
- रिक्त पद - 4300
- आउटसोर्स कर्मचारियों की संख्या- 17,000
- कांट्रैक्ट कर्मचारियों की संख्या- 5000
- प्रशासन में क्लर्क के रिक्त पद- 350 से अधिक
- अन्य विभागों में खाली पदों की संख्या
- शिक्षा विभाग में शिक्षकों के रिक्त पद- 1500
- पंजाब यूनिवर्सिटी में टीचिंग के खाली पद- 600 से अधिक
- पंजाब इंजीनियरिंग कालेज में टीचिंग के खाली पद- 100
- खेल विभाग में कोच के रिक्त पद- 20 से अधिक
- पुलिस विभाग में रिक्त पद- 250 से अधिक
- हेल्थ विभाग में रिक्त पद- 200 से अधिक
- ट्रांसपोर्ट विभाग में रिक्त पद- 200 से अधिक
- सरकारी कालेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पद- 300 से अधिक
राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों में बेरोजगारी दर
| राज्य/केंद्रशासित प्रदेश | बेरोजगारी दर (2023-24) |
| लक्ष्यद्वीप | 11.9 |
| अंडमान एवं निकोबार | 11.8 |
| गोवा | 8.5 |
| केरल | 7.2 |
| चंडीगढ़ | 7.1 |
| पंजाब | 5.5 |
| हिमाचल प्रदेश | 5.5 |
| उत्तराखंड | 4.3 |
| उत्तर प्रदेश | 3.1 |
| हरियाणा | 3.4 |
| दिल्ली | 2.1 |
राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में शिक्षा के स्तर पर बेरोजगारी दर (2022-23)
| राज्य | अशिक्षित | प्राइमरी स्तर | मिडिल स्तर | सेकेंडरी | सेकेंडरी से ऊपर |
| चंडीगढ़ | 3.8 | 0.7 | 3.4 | 2.6 | 4.5 |
| पंजाब | 0.8 | 1.1 | 2.8 | 3.4 | 10.4 |
| हरियाणा | 1.7 | 0.0 | 3.7 | 4.2 | 9.8 |
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