Chandigarh News: मानदंडों का खुलेआम उल्लंघन करने पर क्लबों के लाइसेंस रद्द क्यों नहीं किए? आबकारी विभाग पर HC की तीखी टिप्पणी
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने यूटी चंडीगढ़ के आबकारी विभाग से यह स्पष्ट करने को कहा है कि शहर के छह क्लबों द्वारा बार-बार खुलेआम उल्लंघन करने की स्थिति में उनके आबकारी लाइसेंस रद्द क्यों नहीं किए गए? हाईकोर्ट ने आबकारी और कराधान विभाग को सुनवाई की अगली तारीख से पहले आबकारी आयुक्त का हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने यूटी चंडीगढ़ के आबकारी विभाग से यह स्पष्ट करने को कहा है कि शहर के छह क्लबों द्वारा बार-बार खुलेआम उल्लंघन करने की स्थिति में उनके आबकारी लाइसेंस रद्द क्यों नहीं किए गए? जिन छह क्लबों को मानदंडों का उल्लंघन करते पाया गया है, वे हैं सेक्टर 26 के बार्गेन बूजे, हार्डराक कैफे, काला घोड़ा क्लब, डेओरा क्लब व सेक्टर सात के काकुना क्लब और वाल्ट क्लब।
हाई कोर्ट ने आबकारी और कराधान विभाग को सुनवाई की अगली तारीख से पहले आबकारी आयुक्त का हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया है, विशेष रूप से वर्ष 2024-25 के लिए यूटी चंडीगढ़ की आबकारी नीति की पृष्ठभूमि में और यह भी कि उपरोक्त छह क्लबों में से एक क्लब को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, चंडीगढ़ की अदालत द्वारा पारित 22 अप्रैल, 2022 के फैसले के तहत दोषी ठहराया गया है।
खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल खेत्रपाल की खंडपीठ ने रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन, सेक्टर-7 चंडीगढ़ द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किए।
याचिकाकर्ता संस्था ने इन क्लबों द्वारा अपने व्यवसाय को चलाने में विभिन्न मानदंडों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामले की सुनवाई के दौरान, एसएसपी चंडीगढ़ ने अदालत के समक्ष पेश होकर बताया कि इन छह क्लबों द्वारा किए गए उल्लंघन के संबंध में एनओसी वापस लेने का अनुरोध पुलिस विभाग द्वारा चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) को भेजा गया था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
रात के समय लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध
मामले की सुनवाई 12 दिसंबर के लिए स्थगित करते हुए हाई कोर्ट ने एसएसपी चंडीगढ़ को अगली सुनवाई की तारीख पर वर्चुअली उपस्थित होने के लिए कहा है। इस मामले में याचिकाकर्ता संस्था ने तर्क दिया था कि सभी बार और रेस्तरां को छह लाख रुपये के अतिरिक्त वार्षिक शुल्क का भुगतान करने पर तीन बजे तक काम करने की अनुमति है।
कोर्ट को बताया गया कि ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के तहत बंद परिसरों को छोड़कर रात के समय लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध है। यहां तक कि प्रतिबंध सांस्कृतिक या धार्मिक उत्सव के अवसर पर रात 10 से 12 बजे के बीच है।
के सेक्टर सात में ध्वनि प्रदूषण का स्तर अधिक है, जबकि यह 19 जनवरी, 2005 की अधिसूचना के अनुसार आवासीय क्षेत्र है।

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