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    Punjab Poisonous Liquor Case: संगरूर जहरीली शराब का मामला पहुंचा हाई कोर्ट, निष्‍पक्ष जांच करने की रखी गई मांग

    Punjab Poisonous Liquor Case संगरूर जहरीली शराब का मामला अब पंजाब हाई कोर्ट में पहुंच गया है। याचिका में आरोप लगाया गया कि यह पंजाब में तीसरी बड़ी घटना है जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। इसके बावजूद न तो दोषियों को सजा दी गई और न ही पुलिस उन गिरोहों की सांठगांठ को तोड़ पाई जो बिना किसी सरकारी डर के नकली शराब बेच रहे हैं।

    By Dayanand Sharma Edited By: Himani Sharma Updated: Thu, 28 Mar 2024 04:12 PM (IST)
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    संगरूर जहरीली शराब का मामला पहुंचा हाई कोर्ट (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Punjab Poisonous Liquor Case: पंजाब में नकली शराब की बिक्री व उसके कारण पिछले दिनों हुई मौत की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।

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    याचिकाकर्ता बिक्रमजीत सिंह बाजवा द्वारा दायर याचिका में बताया गया है कि आचार संहिता लागू होने और आगामी संसदीय चुनाव के बावजूद दोषियों को गलत इरादों से नकली शराब बेचने की खुली छूट दी जा रही है।

    संगरूर में नकली शराब पीने से हुई कई मौतें

    संगरूर जिले के रविदास पुरा, तिबरी, गुजरान, ओप्पली और धोंडोली खुर्द गांव इस कारण पिछले दिनों कई मौत हो चुकी है। याचिका में आरोप लगाया गया कि यह पंजाब में तीसरी बड़ी घटना है, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। इसके बावजूद, न तो दोषियों को सजा दी गई और न ही पुलिस उन गिरोहों की सांठगांठ को तोड़ पाई, जो बिना किसी सरकारी डर के नकली शराब बेच रहे हैं।

    शराब में मिलाया गया था मेथनॉल

    याचिकाकर्ता का कहना है कि जांच के दौरान पता चला कि नकली शराब में मेथनॉल मिलाया गया, जो इंसानों के लिए घातक है। नतीजतन, यह मेथनॉल की बिक्री के लिए सख्त दिशा निर्देश दिए जाए जिससे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

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    याचिका में कहा गया कि अब समय आ गया है कि सख्त दिशा निर्देश तैयार किया जाए, जिससे मेथनॉल का उपयोग केवल उसी उद्देश्य के लिए किया जा सके, जिसके लिए इसे बनाया गया है और मेथनॉल के बेचने, खरीदने व आने जाने का सरकार द्वारा पूरा रिकार्ड रखा जाना चाहियें।

    हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका

    मेथनॉल का उपयोग करने वाली प्रत्येक औद्योगिक इकाई द्वारा उपयोग की गई मात्रा और इकाई को आवंटित मात्रा के संबंध में स्व-घोषणा पत्र लिया जाए और उसके बाद के सुरक्षा उपाय किए जा सकते हैं, क्योंकि मेथनॉल आवश्यक घटक है और इसके बिना नकली शराब नहीं बनाई जा सकती है। यह याचिका अभी हाई कोर्ट में दायर की गई है संभवत यह सुनवाई के लिए अगले सप्ताह नियमित बेंच के समक्ष सूचीबद्ध हो।

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