Punjab Liquor Case: संगरूर शराब कांड में पंजाब पुलिस ने पकड़े दो और सप्लायर्स, अब तक 10 आरोपियों पर कसा जा चुका शिकंजा
पंजाब के संगरूर में हुए शराब कांड में पुलिस ने एक्शन लेते हुए दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अब गिरफ्तार किए गए कुल आरोपियों की संख्या दस हो गई है। हरमनप्रीत सिंह और उसके साथी गुरलाल सिंह को 17 पेटियां नकली शराब की पेटियां तैयार की थी जिससे लोकसभा चुनावों में शराब की खपत को बढ़ा सके और ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकें।
जागरण संवाददाता, संगरूर। जिला पटियाला के तेईपुर में नकली व जहरीली शराब बनाने के बाद दिड़बा, सुनाम व चीमा के गांवों में सप्लाई करने वाले दो और सप्लायरों को संगरूर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपितों की संख्या 10 हो गई है। नकली शराब बनाने वाले हरमनप्रीत सिंह व उसका साथी गुरलाल सिंह ने कुल 17 पेटियां शराब तैयार करके सप्लाई की थी, जिसका खुलासा रविवार को डीआईजी पटियाला रेंज हरचरण सिंह भुल्लर ने किया।
डीआईजी पटियाला रेंज हरचरण सिंह भुल्लर ने कहा कि यह 17 पेटियां शराब ट्रेस कर ली गई हैं। उक्त दोनों मास्टरमाइंड लोकसभा चुनावों में शराब की खपत बढ़ने के मद्देनजर यह नकली शराब बेचकर मोटा मुनाफा कमाने की फिराक में थे। नकली व जहरीली शराब बनाने के लिए मैथोनॉयल का इस्तेमाल किया गया है। पुलिस द्वारा हरमनप्रीत सिंह के घर से बरामद हुए कैमिकल (मैथोनॉयल) जांच के लिए लैब भेजे थे। पुलिस ने इस मामले में दो और आरोपित मंगल निवासी टिब्बी रविदासपुरा सुनाम व वीरू सैणी निवासी वार्ड नबंर-तीन सुनाम को गिरफ्तार कर लिया है।
जांच में सामने आया कि वीरू सैणा ने चार पेटियां नकली शराब सोमा कौर से खरीदकर दो पेटी मंगल सिंह को बेच दीं। बाकी दो डिब्बे इलाके में लोगों को बेच दिए थे। मंगल सिंह ने उक्त दो पेटी टिब्बी रविदासपुरा के इलाके में आम लोगों को बेची। कुल 17 पेटियां शराब तैयार करके सप्लाई की थी। यह पहली खेप थी, जिसे पीने से 20 लोगों की मौत हो चुकी है व 25 मरीज उपचाराधीन हैं। इसका पता चलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
इस मामले की जांच के लिए डीजीपी पंजाब द्वारा एडीजीपी, डीआईजी, एसएसपी संगरूर पर आधारित विशेष जांच टीम का गठन किया गया है, जिसके द्वारा लगातार जांच की जा रही है। वीरू सैणी के खिलाफ पहले भी आबकारी एक्ट, असलहा एक्ट के दो मामले थाना सुनाम में नवंबर 2022 दौरान दर्ज हैं।
424 गांवों में टीमें कर रहीं लोगों को जागरुक
डिप्टी कमिश्नर जतेंद्र जोरवाल ने बताया कि उक्त मामले के सामने आने के बाद सिविल व पुलिस प्रशासन द्वारा जिले के 424 गांवों व दस शहरी इलाकों में लगातार आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर, पुलिस मुलाजिम, पटवारी, पंचायत सचिवों समेत 200 मुलाजिमों की टीमों द्वारा जागरुकता मुहिम चलाई जा रही है। यह टीमें घर-घर जाकर लोगों को ऐसी शराब का सेवन न करने, किसी प्रकार के लक्षण पाए जाने पर तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
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55 डॉक्टरों की टीमें इनके साथ कार्य कर रही हैं व गांवों में लगातार अनाउंसमेंट करवाई जा रही हैं। डीसी ने कहा कि मेडिकल टीमें गांव में जाकर बीमार हो रहे व्यक्तियों से पूछताछ कर रही हैं, जिसमें इनमें जहरीली शराब पीने से संबंधित व्यक्ति को हर संभव सेहत सुविधा दी जा सके।
आबकारी एक्ट की धारा 61-ए में मौत की सजा का प्राविधान
डीआईजी भुल्लर ने बताया कि पुलिस ने केस में आबकारी एक्ट की धारा 61-ए को भी शामिल किया गया है, जिसके तहत सख्त सजा के तौर पर मौत की सजा का भी प्रविधान है। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि ऐसी अवैध शराब का सेवन न करें व अगर आपके आसपास कहीं ऐसी शराब की बिक्री होती है तो इसकी सूचना पुलिस को दें।
एक वर्ष के केसों की पड़ताल करेगी एसआईटी
डीआईजी भुल्लर ने दावा किया कि उक्त मामले की जांच के लिए बनाई गई एसआइटी केवल संगरूर जिले ही नहीं, बल्कि पंजाब के अन्य जिलों में पिछले एक वर्ष के दौरान दर्ज हुए आबकारी एक्ट के केसों की पड़ताल करेगी। इन केसों में नामजद व्यक्तियों की मौजूदा स्थिति की पड़ताल करेंगे कि अब वह क्या कर रहे हैं। वह दोबारा तो अपराध की दुनिया में नहीं उतर गए हैं। दर्ज केसों की गहनता से जांच होगी कि क्या यह केस सही पड़ताल के आधार पर दर्ज हुए हैं या नहीं। अगर कोई कमी पाई गई तो इस पर सख्त एक्शन होगा।