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    GI Tag: लाजवाब खुशबू, खाने में स्वादिष्ट... दुनियाभर में बासमती चावल ने पंजाब को दी नई पहचान, GI टैग भी किया हासिल

    Updated: Fri, 19 Jan 2024 04:06 PM (IST)

    Haryana-Punjab Product GI-Tag पंजाब और हरियाणा के कृषि उत्पादों में बासमती चावल और पंजाब की फुलकारी को GI टैग मिला हुआ है। यह फुलकारी हाथों से तैयार की जाती है। वहीं हरियाणा और पंजाब के बासमती चावल को जीआई टैग मिला है क्योंकि यह चावल अपनी खास खुशबू के लिए जाना जाता है। लोग खाने में बासमती चावल खाना अधिक पसंद करते हैं।

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    पंजाब और हरियाणा के दो उत्पादों को मिला हुआ है GI-टैग

    डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़।Haryana-Punjab Product GI-Tag: देश के विभिन्न राज्यों के कई उत्पादों को GI-टैग मिला हुआ है। ओडिशा की लाल चीटियों की चटनी को GI टैग मिलने के बाद अब हर जगह चर्चा हो रही हौ।

    पंजाब में भी ऐसे दो उत्पाद हैं जिन्हें GI-टैग मिला हुआ है। पंजाब और हरियाणा के कृषि उत्पादों में बासमती चावल और पंजाब की फुलकारी को GI टैग मिला हुआ है। आइए जानतें हैं इन उत्पादों में क्या खास है।

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    पंजाबी फुलकारी को मिला GI टैग

    पंजाब की फुलकारी दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह फुलकारी हाथों से तैयार की जाती है। फुलकारी में सुई धागे से एम्ब्रॉयडरी कर इसे खूबसूरत बनाया जाता है।

    फुलकारी, एक पारंपरिक कढ़ाई है और इसे फैशन उद्योग में एक बड़ी जगह मिली हुई है। जिस कपड़े पर फुलकारी की कढ़ाई की जाती थी, वह हाथों से बना खद्दार (सादा कपड़ा) होता है। पंजाब में पटियाला सलवार सूट और फुलकारी एम्ब्रॉएडरी के बिना पंजाबी कल्चर अधूरा-सा रह जाता है।

    बासमती चावल

    हरियाणा और पंजाब के कृषि उत्पादों में बासमती चावल को जीआई-टैग मिला हुआ है। बासमती शब्द संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है। वस और मायप। वस यानी सुगंध और मायप यानी गहराई। यह चावल अपनी खास खुशबू के लिए जाना जाता है।

    यही वजह है कि बासमती चावल को खुशबूदार चावल कहा गया है। लोग खाने में बासमती चावल खाना अधिक पसंद करते हैं। वहीं, भारत बासमती चावल का सबसे ज्यादा निर्यात करने वाला देश है। एरोमैटिक राइसेस किताब में यह दावा किया गया कि हड़प्पा-मोहनजोदड़ो की खुदाई में इसके प्रमाण मिले।

    क्या होता है GI Tag

    GI Tag की फुलफॉर्म Geographical Indications होती है। World Intellectual Property Organisation(WIPO) के मुताबिक, जीआई टैग एक लेबल है। इसके तहत किसी भी इलाके में किसी उत्पाद को एक विशेष भूगौलिक पहचान दी जाती है।

    भारत में किसी भी इलाके की वस्तु को उसकी विशेषता और भूगौलिक स्थिति को देखते हुए उस स्थान का जीआई टैग दिया जाता है।

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    कृषि उत्पादों को कैसे GI टैग मिलता है?

    कृषि से जुड़े उत्पादों और हैंडीक्राफ्ट्स की चीजों को जीआई टैग मिलता है। कृषि से जुड़े उत्पादों को जीआई टैग जब मिलता है जब किसी खास क्षेत्र में खास उत्पाद पैदा होता है और उसे लोग सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। उस उत्पाद की ख्याति सबसे ज्यादा होती है, उसे यह टैग मिल जाता है।

    किसी प्रॉडक्ट के लिए GI Tag हासिल करने के लिए आवेदन करना पड़ता है। इसके लिए वहां उस उत्पाद को बनाने वाली जो एसोसिएशन होती है वो अप्लाई कर सकती है। इसके अलावा कोई कलेक्टिव बॉडी अप्लाई कर सकती है। सरकारी स्तर पर भी आवेदन किया जा सकता है। 

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