Punjab School Timing Change: पंजाब के स्कूलों में एक मार्च से बदल जाएगी टाइमिंग, जानें क्या होगा नया शेड्यूल
पंजाब के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों (Punjab School Timing Chage) में 1 मार्च से समय बदलने जा रहा है। ग्रीष्मकालीन समय लागू होने के बाद प्राइमरी स्कूल सुबह 8 बजकर 30 मिनट से 2 बजकर 30 मिनट तक और मिडिल व हाई स्कूल 8 बजकर 30 मिनट से 2 बजकर 50 मिनट बजे तक चलेंगे। स्कूलों के पीरियड्स में भी बदलाव हुआ है।

जागरण संवाददाता, मोहाली। पंजाब के सभी सरकारी व निजी स्कूलों में एक मार्च से समय में बदलाव हो जाएगा। एक मार्च से ग्रीष्मकालीन समय शुरू लागू किया जाएगा।
इसके अनुसार प्राइमरी के सभी स्कूल सुबह 8:30 से 2:30 बजे तक लगेंगे, जबकि मिडिल व हाई स्कूल 8:30 से 2:50 बजे तक चलेंगे। अभी प्राइमरी स्कूलों का समय 9:00 से 3:00 बजे तक है, जबकि मिडिल व हाई स्कूलों का समय सुबह 9:00 से शाम 3:20 बजे तक है।
स्कूलों में ऐसे लगेंगे पीरियड
नए समय के अनुसार सुबह की प्रार्थना सभा 8:30 बजे शुरू होगी। स्कूल में पहला पीरियड 8:55 से 9:35 तक, दूसरा पीरियड 9:35 से 10:15 तक, तीसरा पीरियड 10:15 से 10:55 तक, चौथा पीरियड 10:55 से 11:35 तक और पांचवां पीरियड 11:35 से 12:15 तक रहेगा।
इसके बाद 12:15 से 12:50 तक आधे दिन की छुट्टी होगी। इसके बाद छठा पीरियड 12:50 से 1:30 तक, सातवां पीरियड 1:30 से 2:10 तक, आठवां पीरियड 2:10 से 2:50 बजे तक चलेगा। इसके बाद मिडिल और हाई स्कूल के बच्चों की छुट्टी हो जाएगी।
यह भी पढ़ें- राज्यसभा जाएंगे केजरीवाल? AAP की 'एक्सचेंज पॉलटिक्स' से हलचल तेज
शिक्षा नीति को लेकर भी बवाल
पंजाब में नई शिक्षा नीति को लेकर भी घमासान मचा हुआ है। नई शिक्षा नीति के तहत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से नई शिक्षा नीति लागू करके क्षेत्रीय भाषाओं को हाशिए पर डालने की सोची-समझी साजिश की जा रही है।
लेकिन राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर राज्य भर के सभी स्कूलों में पंजाबी को अनिवार्य मुख्य विषय बना दिया है, चाहे वह स्कूल किसी भी शैक्षिक बोर्ड से संबंधित हो जो स्कूल पंजाबी को मुख्य विषय के रूप में नहीं पढ़ाते हैं, उनके प्रमाण पत्रों को मान्यता नहीं दी जाएगी।
क्या बोले पंजाब के शिक्षा मंत्री
वहीं, इस मामले में शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सीबीएसई के नए परीक्षा पैटर्न का कड़ा विरोध किया। बैंस ने कहा कि पंजाबी देश के अन्य राज्यों में भी बोली और पढ़ी जाती है, जो पंजाब की सीमाओं से परे इसके महत्व को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पंजाबी केवल एक भाषा नहीं बल्कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, जिसे देश भर में लाखों लोग बोलते और पसंद करते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।