Punjab Police की करामात...शराब तस्करी के मामले में दिव्यांग व्यक्ति पर लगाए इल्जाम, HC ने अधिकारियों को लगाई फटकार
Punjab Police पंजाब पुलिस का हैरानीजनक कारनामा सामने आया है। पुलिस ने शराब की तस्करी के एक मामले में दिव्यांग व्यक्ति को कार लेकर मौके से फरार दिखा दिया। हाई कोर्ट ने पुलिस की इस कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए दोषी अधिकारियों खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिए हैं। याचिका दाखिल करते हुए कुलविंदर सिंह ने हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत की मांग की थी।

दयानंद शर्मा, चंडीगढ़। पंजाब पुलिस के एक हैरानीजनक कारनामे के कारण हाई कोर्ट ने पंजाब पुलिस को फटकार लगाई है। पुलिस ने शराब की तस्करी के एक मामले में दिव्यांग व्यक्ति को कार लेकर मौके से फरार दिखा दिया।
हाई कोर्ट ने पुलिस की इस कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए दोषी अधिकारियों खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट ने इस उत्पीड़न के लिए पीड़ित को मुआवजे के तौर पर डेढ़ लाख रुपये देने और आरोपित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच के पठानकोट के एसएसपी को आदेश दिए है।
नाका लगाकर अवैध शराब की थी बरामद
याचिका दाखिल करते हुए कुलविंदर सिंह ने हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि पठानकोट पुलिस ने नाका लगाकर अवैध शराब बरामद की थी। इस कार्रवाई में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था और उनके बयान के आधार पर याची को आरोपित बना दिया। पुलिस के अनुसार याचिकाकर्ता मौके से कार लेकर फरार हो गया था। याची ने बताया कि वह पोलियो के कारण 80 प्रतिशत दिव्यांग है और अपने पैरों पर खड़ा भी नहीं हो सकता है।
गलत पहचान का पूरा मामला
हाई कोर्ट के आदेश पर एसएचओ मंजीत कौर व एएसआई सरताज सिंह कोर्ट में पेश हुए और कहा कि यह पूरा मामला गलत पहचान का है। असल में याची का भाई इस मामले में आरोपी था और इस जानकारी के बाद डीडीआर दर्ज कर याची को बेकसूर बता दिया गया था। इस जानकारी के साथ ही दोनों ने हाईकोर्ट से बिना शर्त माफी भी मांगी।
हाई कोर्ट ने कहा कि अदालत में यह माफी केवल अपने किए गए कार्यों के परिणाम से बचने का प्रयास और औपचारिकता मात्र है। हाई कोर्ट ने इस मामले में अब एसएसपी को जांच का आदेश दिया है कि कैसे याची को इस मामले में आरोपित बनाया गया। इसके साथ ही यह भी कि इस सब के लिए दोषी कौन है।
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पठानकोट जिला जज को देनी होगी रिपोर्ट
इस बारे में रिपोर्ट उन्हें पठानकोट के जिला जज को देनी होगी। पठानकोट के जिला जज यदि उपयुक्त समझें तो दोषी पुलिस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी करें। साथ ही दिव्यांग याची को अदालत के चक्कर काटने पड़े इसके लिए मुआवजे के तौर पर डेढ़ लाख रुपये देने का आदेश दिया है। यह राशि राज्य सरकार दोषी पुलिस अधिकारी से वसूल सकेगी।
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