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    Punjab: नवजोत सिंह सिद्धू समेत कोई कैदी नहीं होगा गणतंत्र दिवस पर रिहा, पंजाब सरकार से नहीं मिली मंजूरी

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Tue, 24 Jan 2023 04:50 AM (IST)

    Punjab 26 जनवरी को रिहाई न होने के कारण नवजोत सिद्धू 30 जनवरी को श्रीनगर में खत्म होने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं हो पाएंगे। पार्टी हाईकमान ने उन्हें यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया था।

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    Punjab: नवजोत सिंह सिद्धू नहीं होंगे गणतंत्र दिवस पर रिहा (फाइल फोटो)

    चंडीगढ़, इन्द्रप्रीत सिंह। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सहित कोई भी कैदी पंजाब की जेलों से रिहा नहीं होगा। कारण यह है कि कैबिनेट ने अभी तक ऐसे किसी प्रस्ताव की फाइल राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को नहीं भेजी है। सूत्रों के अनुसार, जेल विभाग ने 51 कैदियों को रिहा करने के लिए सूची तैयार की थी, लेकिन इसे आगे नहीं बढ़ाया गया।

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    भारत जोड़ो यात्रा में होना था शामिल

    26 जनवरी को रिहाई न होने के कारण नवजोत सिद्धू 30 जनवरी को श्रीनगर में खत्म होने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं हो पाएंगे। पार्टी हाईकमान ने उन्हें यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ सिद्धू के रैली में शामिल होने की संभावना भी थी। सिद्धू 1988 में हुए रोडरेज मामले में पटियाला जेल में सजा काट रहे हैं।

    गणतंत्र दिवस पर संभव नहीं कैदियों की रिहाई

    पंजाब सरकार के एक उच्च अधिकारी ने कहा कि अब गणतंत्र दिवस पर कैदियों की रिहाई संभव नहीं है, क्योंकि उससे पहले कैबिनेट की कोई बैठक नहीं होनी है और मुख्यमंत्री भी निवेश सम्मेलन को लेकर व्यस्त हैं। अगली कैबिनेट बैठक पहले एक फरवरी को होनी थी और अब उसकी तिथि बदलकर तीन फरवरी कर दी गई है। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने कैदियों की रिहाई में ज्यादा दिचलस्पी नहीं ली। इसके दो कारण माने जा रहे हैं।

    राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने फाइल को लौटाया

    बीते स्वतंत्रता दिवस पर कैदियों को सजा में राहत देने संबंधी फाइल को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने यह कहकर लौटा दिया था कि हर कैदी की फाइल अलग-अलग भेजी जाए, ताकि कैदी के जुर्म, सजा और जेल में उसके व्यवहार का पता चल सके। इस बार भी यह मुद्दा उठता, लेकिन समय कम होने के कारण सभी कैदियों की अलग-अलग फाइल बनाना संभव नहीं था। दूसरा कारण राजनीतिक था।

    सिख बंदियों की रिहाई की मांग भी उठा सकते हैं विपक्षी दल

    एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, कैबिनेट की पिछली बैठक में कैदियों की रिहाई को लेकर हुई अनौपचारिक चर्चा में यह बात उठी थी कि अगर सिद्धू को समय पूर्व रिहा किया तो सिख बंदियों की रिहाई की मांग कर रहे शिरोमिण अकाली दल और एसजीपीसी मुद्दा बना देंगे। वे कहेंगे कि सजाएं पूरी कर चुके सिखों की रिहाई के लिए सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही। इसके बाद इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

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