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    बेअदबी मामले में जनता की ली जाएगी राय, पंजाब विधानसभा ने सिलेक्ट कमेटी को भेजा विधेयक; छह महीने बाद आएगी रिपोर्ट

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 03:24 PM (IST)

    पंजाब विधानसभा ने धार्मिक ग्रंथों के अपमान पर आजीवन कारावास की सजा के प्रस्ताव वाले विधेयक को प्रवर समिति को भेजा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा पेश किए गए इस विधेयक का उद्देश्य धार्मिक ग्रंथों के अपमान को रोकना है। विधेयक में गुरु ग्रंथ साहिब भगवद गीता बाइबिल और कुरान जैसे पवित्र ग्रंथों के अपमान के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।

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    पंजाब विधानसभा ने प्रवर समिति को भेजा विधेयक (Punjab CM Bhagwant Mann)

    पीटीआई, चंडीगढ़। Punjab News: धार्मिक ग्रंथों के अपमान पर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रस्ताव करने वाला एक विधेयक मंगलवार को पंजाब विधानसभा की प्रवर समिति को भेजा गया ताकि प्रस्तावित विधेयक पर जनता की राय ली जा सके।

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    विधानसभा के विशेष सत्र के अंतिम दिन अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने कहा कि समिति छह महीने के भीतर विधेयक पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

    यह कदम मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) द्वारा पंजाब पवित्र धर्मग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम विधेयक, 2025 को सदन की समिति को सौंपे जाने के प्रस्ताव के बाद उठाया गया है। इस समिति में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं ताकि जनता और धार्मिक निकायों की राय ली जा सके।

    CM मान ने पेश किया विधेयक

    मुख्यमंत्री मान ने सोमवार को सदन में बेअदबी विरोधी विधेयक पेश किया और कहा कि धार्मिक ग्रंथों के अपमान में शामिल लोगों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए।

    विधेयक पर चर्चा समाप्त करते हुए, उन्होंने 2015 में अकाली-भाजपा शासन के दौरान हुई बेअदबी की घटनाओं का जिक्र किया और कहा कि बेअदबी से बड़ा कोई अपराध नहीं हो सकता।

    मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य-विशिष्ट प्रस्तावित कानून को मंजूरी दी गई।

    सोमवार को कैबिनेट बैठक के बाद एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि इस विधेयक में गुरु ग्रंथ साहिब, भगवद गीता, बाइबिल और कुरान सहित पवित्र ग्रंथों के अपमान के लिए आजीवन कारावास तक की कड़ी सजा का प्रावधान है।

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    10 साल तक आजीवन कारावास की हो सकती है सजा

    विधेयक के मुताबिक, बेअदबी का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। दोषी को 5 लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा, जो 10 लाख रुपये तक हो सकता है।

    विधेयक के अनुसार, अपराध करने का प्रयास करने वालों को तीन से पांच साल की सजा हो सकती है और 3 लाख रुपये तक का जुर्माना भी देना पड़ सकता है। अपराध में सहयोग करने वाले व्यक्तियों को किए गए अपराध के अनुसार दंडित किया जाएगा।

    विधेयक के मुताबिक, अपराध का अर्थ किसी भी पवित्र ग्रंथ या उसके किसी भाग का अपवित्रीकरण, क्षति, विनाश, विरूपण (किसी वस्तु या सामग्री की आकार, आकृति या बनावट में परिवर्तन होना), अपघटन, जलाना, तोड़ना या फाड़ना शामिल है।

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