'पाकिस्तानी एक्ट्रेस के साथ काम करने की क्या थी मजबूरी?', दिलजीत दोसांझ से बोले अन्नू कपूर; भाषा विवाद पर दिया बड़ा बयान
बॉलीवुड अभिनेता अन्नू कपूर ने पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम न करने की बात कही। दिलजीत दोसांझ के पाकिस्तानी एक्ट्रेस के साथ काम करने पर उन्होंने कहा कि दोसांझ को इनकार कर देना चाहिए था लेकिन गाली देना गलत है। उन्होंने भाषा विवाद को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि भाषा के नाम पर हिंसा संविधान के खिलाफ है और यह दंडनीय अपराध है।

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। बॉलीवुड अभिनेता अन्नू कपूर ने पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम न करने की वकालत की है। उन्होंने दिलजीत दोसांझ के पाकिस्तानी एक्ट्रेस के साथ काम करने के मामले पर कहा कि दोसांझ बहुत बड़ा स्टार है।
दोसांझ को फिल्म के लिए पाकिस्तानी एक्ट्रेस के साथ काम करने के लिए इनकार कर देना चाहिए। लेकिन इसके लिए आप आलोचना कर सकते हैं लेकिन किसी के पास भी गाली देने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में सिर्फ दो ही लोगों के शो कामयाब होते हैं जिनमें दिलजीत दोसांझ के अलावा अरजित सिंह का शो है।
अन्नू कपूर वीरवार को सेक्टर-27 प्रेस क्लब में सदस्यों के साथ रू-ब-रू कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि हमारे देश में काबलियत की कोई कमी नहीं है। कई अच्छे-अच्छे कलाकार हैं, देश में टैलेंट की कोई कमी नहीं है।
ऐसे में पाकिस्तानी कलाकारों के साथ फिल्म करने की क्या मजबूरी है? उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी कलाकारों को यहां पर काम करने की मंजूरी ही नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वह तो ऑपरेशन सिंदूर से पहले भी पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम न करने की बात कह चुके हैं। अन्नू कपूर ने पाकिस्तान के बारे में कहा कि कुछ भी कर लो वह आपके कभी भी नहीं होने वाले हैं। ऐसे में पाकिस्तान को हमेशा ही दूर रखना चाहिए।
उन्हें जब मौका मिलेगा वह निहत्थे लोगों पर वार करेंगे। ऐसे में हमें हमेशा पाकिस्तान से अलर्ट रहना चाहिए। इस मौके पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड यूएनओ की तरह ही है। सेंसर बोर्ड के लोगों सिर्फ दबाव बना सकते हैं उन्हें भी नहीं पता कि क्या होना चाहिए।
'उद्देश्य में हो गए हैं कामयाब'
भाषा विवाद पर अभिनेता अन्नू कपूर ने कहा कि यह मुद्दा राजनीति से प्रेरित है। जिन्होंने भी यह मुद्दा गरमाया है वह अपने उद्देश्य में कामयाब हो गए है क्योंकि हम आज यहां पर चंडीगढ़ में इस मुद्दे पर इस पर चर्चा कर रहे हैं और वह लोग भी यही चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि जब हम विदेश में जाते हैं तब हम विशेष भाषा की बात नहीं करते हैं। वहां तो हम अंग्रेजी में ही बात करते हैं। उन्होंने कहा कि जो भी नेता इस समय भाषा के नाम पर राजनीति कर रहे हैं असल में वह संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संविधान किसी को यह अधिकार नहीं देता कि अगर कोई किसी की भाषा नहीं बोल सकता तो उसे मारा जाए। उन्होंने कहा कि हम देश के तिरंगे के नाम पर एक हो सकते हैं।
'पंजाब का म्यूजिक सिर्फ पाप नहीं'
पंजाब का कल्चर काफी रिच है और पंजाब के म्यूजिक को सिर्फ पाप के कैटगरी में ही नहीं बांधना चाहिए। आम व्यक्ति को जो पंजाब का फोक है और जो असली साहित्य है उसको भी प्रमोट करना चाहिए जो इस समय जो विषम परिस्थितियां से प्रदेश घिरा हुआ उसे भी पंजाब के लोगों की सामूहिक जिम्मेवारी है कि उसे दूर करना चाहिए।
महाराष्ट्र भाषा विवाद पर बोले अभिनेता अन्नू कपूर
भाषा को लेकर चल रहे विवाद पर वरिष्ठ अभिनेता अन्नू कपूर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "जो लोग भाषा का मुद्दा उठा रहे हैं, यही तो उनकी मंशा थी। वे चाहते थे कि मुंबई की एक स्थानीय घटना राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन जाए और इस मकसद में वे पूरी तरह से सफल रहे।
उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई किसी विशेष भाषा में बात नहीं करता, तो उसे थप्पड़ मारना बिल्कुल भी जायज नहीं है।
भाषा के नाम पर हिंसा करने वाला कोई भी व्यक्ति चाहे वह राज ठाकरे हों या कोई और अगर कानून तोड़ता है, हिंसा करता है, संविधान के खिलाफ काम करता है, तो यह दंडनीय अपराध बनता है। और ऐसे लोगों को सजा मिलनी चाहिए। बात खत्म।
इस बयान से अभिनेता ने साफ कर दिया कि वे किसी भी तरह की भाषाई हिंसा के खिलाफ हैं और कानून का पालन ही सबसे अहम मानते हैं।
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