चंडीगढ़ में प्रॉपर्टी खरीदना आम लोगों के बस की नहीं! पॉश एरिया में 200 करोड़ तक पहुंची कोठी की कीमत
चंडीगढ़ में प्रॉपर्टी की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही है। शेयर वाइज प्रापर्टी का पंजीकरण बंद होने से रिहायशी प्रापर्टी की कीमतें आसमान छू रही है। पॉश एरिया सेक्टर-5 में एक दस कनाल की कोठी की कीमत 200 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। प्रॉपर्टी की बढ़ती महंगाई को देखकर अब लोग गोल्ड से ज्यादा प्रॉपर्टी में निवेश कर रहे हैं।
राजेश ढल्ल,चंडीगढ़। शेयर वाइज प्रॉपर्टी का पंजीकरण बंद होने का असर कीमतों पर पड़ रहा है। पिछले डेढ़ साल में सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ की प्रॉपर्टी की कीमतों में भारी उछाल आया है। रिहायशी इलाकों में प्रॉपर्टी की कीमतें दो से तीन गुना बढ़ गई है। जिस कारण अब चंडीगढ़ में प्रॉपर्टी खरीदना आम आदमी के हाथ से बाहर हो गया है।
इसके साथ ही न्यू चंडीगढ़ में भी प्रॉपर्टी का निवेश बढ़ा है। दिल्ली और मुबंई के लोग ट्राईसिटी में प्रॉपर्टी पर निवेश कर रहे हैं। जबकि शेयर वाइज प्रॉपर्टी पर पाबंदी लगने से 600 करोड़ रुपये के सौदे रुके हुए हैं जो कि इस रोक के हटने का इंतजार कर रहे हैं।
गोल्ड की बजाए प्रॉपर्टी में हो रहा निवेश
हेरिटेज सेक्टर-1 से 30 तक के रिहायशी इलाकों में प्रॉपर्टी की कीमतें दक्षिणी सेक्टरों के मुकाबले में ज्यादा बढ़ गए हैं। आलीशान कोठियों के रेट बहुत बढ़ गए हैं। उतरी सेक्टरों में प्रति कनाल का रेट 14 से 16 करोड़ रुपये मांगें जा रहे हैं। जबकि दक्षिणी सेक्टरों में प्रति कनाल का रेट 10 से 12 करोड़ रुपये है।
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पॉश एरिया सेक्टर-5 में सुखना लेक के सामने एक दस कनाल की कोठी बिकाऊ है। मालिक की तरफ से 200 करोड़ रुपये मांगा गया है। रिहायशी प्रॉपर्टी बाजार में यह अब तक की सबसे ज्यादा कीमत बताई जा रही है। जबकि डीलर इसकी कीमत 150 से 160 करोड़ रुपये तक बता रहे हैं। जबकि यहां पर ही 8 कनाल की एक कोठी की कीमत 185 करोड़ रुपये की मांगी जा रही है। एक एकड़ में आठ कनाल होते हैं।
अब लोग सोने की बजाए प्रॉपर्टी में ज्यादा निवेश कर रहे हैं। जबकि दो साल में निर्माण सामग्री की कीमतें भी दोगुना हुई है। पांच मरले की कोठी की कीमत ही सवा से ढ़ाई करोड़ पहुंच गई है। जबकि सेक्टर-9 में एक चार कनाल की कोठी की कीमत 85 करोड़ मांगी जा रही है।
लगातार बढ़ रही प्रॉपर्टी की कीमतें
हाल ही में सेक्टर-9 में एक छह कनाल का घर एक प्रतिष्ठित व्यापारी ने 98 करोड़ रुपये में खरीदा है। जबकि दस मरले की कोठी का रेट पांच से छह करोड़ तक पहुंच गई है। सेक्टर-21 में कनाल की कोठिया काफी ज्यादा है। यहां पर कई वीआईपी और प्रतिष्ठित लोग रहते हैं। यहां पर पिछले चार साल में सबसे ज्यादा कोठियों की खरीद फरोख्त हुई है।
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चंडीगढ़ में एक कनाल के करीब छह हजार घर है। चंडीगढ़ प्रॉपर्टी फेडरेशन के अध्यक्ष कमलजीत पंछी का कहना है कि कोरोना काल के बाद से दूसरे राज्यों के बहुत लोग चंडीगढ़ की प्रॉपर्टी में निवेश कर रहे हैं। उनका कहना है कि पहले यह लग रहा था कि शेयर वाइज प्रॉपर्टी का पंजीकरण रूकने से प्रॉपर्टी की कीमतों में कमी आएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
प्रॉपर्टी की कीमतें पिछले एक साल में लगातार बढ़ रही है। पंछी का कहना है कि सुखना लेक के सामने दस कनाल की कोठी का 200 करोड़ रुपये मांगा गया है। प्रॉपर्टी बाजार में यह अब तक कि सबसे ज्यादा कीमत है। यह इस समय प्रॉपर्टी एंजेंट में काफी चर्चा बनी हुई है।
प्रॉपर्टी डीलर नवदीप शर्मा का कहना है कि इस समय न्यू चंडीगढ़ और खरड़ में सबसे ज्यादा प्लाट की खरीद फरोख्त हो रही है। जहां मध्यम वर्ग के लोग अपने रहने के लिए प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं। प्रॉपर्टी कंसलटेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल गुप्ता का कहना है कि शेयर वाइज प्रॉपर्टी पर रोक लगे हुए डेढ़ साल हो गया है। ऐसे में चंडीगढ़ में प्रॉपर्टी खरीदना आम और मध्यम वर्ग के हाथ से बाहर हो गया है।
न्यू चंडीगढ़ की तरफ बढ़ रहा है झुकाव
न्यू चंडीगढ़ का एरिया मोहाली गमाडा की ओर से विकसित किया जा रहा है, यहां पर शेयर वाइज प्रॉपर्टी के पंजीकरण पर कोई पाबंदी नहीं है। गमाडा ने न्यू चंडीगढ़ में इको सिटी-1 और 2 के बाद अब 3 का एरिया के प्लाट काटने का प्रस्ताव है। इको सिटी-2 में तीन साल पहले रिहायशी प्लाट का रेट 25 से 30 हजार रुपये प्रति गज था अब इसका रेट 70 हजार रुपये प्रति गज पहुंच गया है।
जबकि मोहाली में प्रॉपर्टी की कीमतों में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है। इस समय सबसे ज्यादा न्यू चंडीगढ़ और एयरोसिटी में निर्माण हो रहा है। पंचकूला में एक साल में प्रॉपर्टी की कीमतों में 20 फीसद का इजाफा हुआ है। यहां पर एक कनाल की कोठी दस करोड़ रुपये में मिल जाती है।
मोहाली ने पंजीकरण से बनाया राजस्व का नया रिकॉर्ड
चंडीगढ़ के मुकाबले मोहाली में रिकॉर्ड तोड़ प्रॉपर्टी की रजिस्ट्ररी होती है। मोहाली तहसील ने रिकॉर्ड तोड़ कमाई की है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक रजिस्ट्रेशन कार्यों से तहसील ने कुल 01 अरब 90 करोड़ रुपये कमा लिए हैं। यह अब तक की सबसे ज्यादा कमाई है, जो मोहाली तहसील ने की है। चालू वित्त वर्ष के चार माह में 6121 प्रापर्टी रजिस्ट्रेशन हो चुकी है। हालांकि चंडीगढ़ में प्रति माह 80 से 100 प्रापर्टी का रजिस्ट्रेशन होता है।
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