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    PM मोदी की सुरक्षा में चूक मामला: 25 किसानों के खिलाफ गिरफ्तारी वांरट; सिलसिलेवार तरीके से पढ़ें पूरा घटनाक्रम

    Updated: Fri, 17 Jan 2025 05:00 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मामले में कोर्ट ने बड़ी कार्यवाही की है। अब एक आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। 5 जनवरी 2022 को पंजाब में पीएम के काफिले को रोका गया था। इससे पहले 26 किसानों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जा चुका है। न्यायिक मजिस्ट्रेट फिरोजपुर ने किसानों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

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    5 जनवरी 2022 को रोका गया था प्रधानमंत्री का काफिला

     रोहित कुमार, चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में 26 किसानों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। इस बात का खुलासा सुरक्षा में चूक के 3 साल बाद हुआ है।

    अदालत ने आरोपितों में से एक कमलजीत सिंह की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया है। यह घटना 5 जनवरी, 2022 को हुई थी। इसके कारण प्रधानमंत्री को अपने कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा था।

    यह पंजाब पुलिस और नागरिक प्रशासन के लिए भी एक बड़ी शर्मिंदगी का कारण बना क्योंकि यह भारत में इस  तरह की पहली घटना थी। हालांकि मामला 11 महीने बाद ही दर्ज कर लिया गया था लेकिन उस समय पंजाब में चुनाव था इसलिए इस बात का खुलासा नहीं हुआ था।

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    किसानों की गिरफ्तारी का होगा विरोध

    किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि अगर किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है या उनकी गिरफ्तारी की जाती है तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा।

    पंजाब के फिरोजपुर में एक रैली में जाने के दौरान प्रधानमंत्री का काफिला लगभग आधे घंटे तक एक फ्लाईओवर पर रोका गया था। बता दें कि राज्य पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था लेकिन इसे किसानों के विरोध के डर से दबा दिया गया जिन्होंने प्रधानमंत्री को रोक दिया था और जो एक महत्वपूर्ण वोट बैंक हैं।

    सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी जनहित याचिका

    इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई जिसमें पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के निलंबन की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा करेंगी।

    इस बीच पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस घटना पर खेद व्यक्त किया और दावा किया कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक नहीं की थी। फिरोजपुर पुलिस की ओर से गठित विशेष जांच दल ने 26 आरोपियों के खिलाफ मामले की जांच के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत आरोप जोड़ा।

    प्रधानमंत्री के सुरक्षा काफिले में बाधा पहुंचाने के मामले में पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सब इंस्पेक्टर बीरबल सिंह ने कुलगढ़ी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 283 के तहत शिकायत दर्ज की। जो छोटे सार्वजनिक विकारों से संबंधित है और यह एक जमानती अपराध है।

    इसके बाद एसआईटी ने आरोपों में आईपीसी की धारा 307 (प्रयासपूर्वक हत्या), 353 (सार्वजनिक सेवक को रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), 341 (गलत तरीके से प्रतिबंध) और राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के प्रावधानों को शामिल किया, जिसमें प्रधानमंत्री के सुरक्षा काफिले में बाधा पहुंचाने की गंभीरता का हवाला दिया गया था। यह तथ्य दिसंबर 2022 में एफआईआर में जोड़ा गया था, लेकिन यह अब सामने आया है।

    इन 26 किसानों के खिलाफ दर्ज किया गया मामला 

    पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री के काफिले को रोकने को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर मामला बताया गया। एसआईटी ने कई व्यक्तियों की पहचान की और उन्हें आरोपितों के रूप में नामित किया, जिनमें बलकार सिंह, निर्मल सिंह, कमलजीत सिंह, लखविंदर सिंह (उर्फ सुखजिंदर सिंह), अवतार सिंह, सुखवीर सिंह कांग, बलदेव सिंह, चरणजीत सिंह, परमजीत सिंह, बलजिंदर सिंह, मेजर सिंह, कुलवंत सिंह, जुगराज सिंह, जगतार सिंह भांगर, जग्रुप सिंह, गुरप्रीत सिंह, बहादुर सिंह, रंजीत सिंह, बलराज सिंह, गुरबचन सिंह, संदीप सिंह, ज्ञान सिंह, जग्गा, जगमीत सिंह और सुखदेव सिंह शामिल हैं।

    फिरोजपुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। आरोपियों का दावा है कि आरोप अतिरंजित और राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। लेकिन फिरोजपुर के जिला और सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र अग्रवाल ने इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में गंभीर उल्लंघन बताया है। इसके बाद कोर्ट ने कमलजीत की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

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