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    किसान भाइयों के लिए सरकार का तोहफा! प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मिला 8804 करोड़ का मुआवजा

    हरियाणा के किसानों को फसल बीमा योजना के तहत आठ सालों में 8804.55 करोड़ रुपये का मुआवजा मिला है। साल 2023-24 में 224.43 करोड़ रुपये की बीमा क्लेम राशि किसानों को मिल पाई। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों के खून-पसीने की कमाई लूटकर निजी बीमा कंपनियों की तिजोरियां भर रही है। कंपनियां प्रिमियम तो काट लेती हैं लेकिन मुआवजा देने के बारी में किसान भटकते हैं।

    By Anurag Aggarwa Edited By: Suprabha Saxena Updated: Thu, 13 Feb 2025 05:30 PM (IST)
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    प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को हुआ लाभ

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के किसानों को आठ सालों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीआई) के तहत 8804.55 करोड़ रुपये का बीमा लाभ हासिल हुआ है।

    साल 2022-23 में सबसे अधिक 2496.89 करोड़ रुपये का बीमा मुआवजा राज्य के किसानों ने प्राप्त किया, जबकि साल 2023-24 में सबसे कम 224.43 करोड़ रुपये की बीमा क्लेम राशि किसानों को मिल पाई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि फसलों के नुकसान की गणना करने वाली समिति में किसानों का कोई प्रतिनिधि नहीं है, जिस कारण सरकार और बीमा कंपनियां मिलकर किसानों के प्रति मनमानी कर रहे हैं।

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    किसानों को समय से नहीं मिल पाती बीमा राशि

    केंद्रीय किसान कल्याण राज्य मंत्री राम नाथ ठाकुर ने लोकसभा में कहा कि बैंकों द्वारा बीमा दावों को गलत और विलंब से प्रस्तुत करने, उपज डेटा में विसंगतियां, राज्य सरकार व बीमा कंपनियों के बीच विवाद तथा राज्य के हिस्से की निधि प्राप्त होने में देरी के चलते कई बार किसानों को बीमा की राशि समय से नहीं मिल पाती।

    भविष्य में ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि किसानों को प्राकृतिक आपदा से खराब होने वाली फसल के चित्र उपलब्ध कराने की जरूरत नहीं होती। सरकार अपने सैटेलाइट सिस्टम से नुकसान का आकलन स्वयं कर किसानों को उनकी बीमित फसल के नुकसान का मुआवजा उपलब्ध कराएगी।

    रोहतक के कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अतारांकित सवाल में सरकार से राज्यवार बीमा राशि के वितरण की जानकारी मांगी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा के किसानों को बीमित फसल का मुआवजा पूरा तथा समय से नहीं मिल रहा है।

    केंद्रीय राज्य मंत्री राम नाथ ठाकुर ने लोकसभा में जानकारी कि साल 2016 से साल 2024 तक 1 लाख 75 हजार 276 करोड़ रुपये के दावे देश भर से प्राप्त हुए हैं, जबकि 1 करोड़ 72 लाख 138 करोड़ रुपये के फसल बीमा क्लेप के दावों का निपटान किया जा चुका है, जो कि 98.21 प्रतिशत है।

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    साल 2016-17 में 298.23 करोड़ रुपये के बीमा क्लेम प्रदान किए गए 

    केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि हरियाणा के किसानों को साल 2016-17 में 298.23 करोड़ रुपये के बीमा क्लेम प्रदान किये गये, जबकि साल 2017-18 में 898.93 करोड़ रुपये की राशि बीमा क्लेम के रूप में दी जा चुकी है।

    साल 2018-19 में किसानों को 948.30 करोड़ रुपये की राशि मुआवजे के रूप में मिली है, जबकि साल 2019-20 में राज्य के किसानों को 938 करोड़ रुपये की बीमा राशि दी जा चुकी है। साल 2020-21 में किसानों को 1285.51 करोड़ रुपये का मुआवजा राज्य के किसानों को मिला है, जबकि साल 2021-22 में 1714.26 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है।

    साल 2023-24 में किसानों को मिला 224.43 करोड़ रुपये का मुआवजा 

    केंद्रीय राज्य मंत्री राम नाथ ठाकुर के अनुसार साल 2022-23 में हरियाणा के किसानों को फसल के नुकसान की एवज में 2496.89 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है। साल 2023-24 में यह राशि 224.43 करोड़ रुपये रही है। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया कि साल 2023-24 में हरियाणा के किसानों को सिर्फ 224.43 करोड़ रुपये का मुआवजा ही दिया गया है। देशभर में किसानों के बीमा दावों का भुगतान 2022-23 के 18 हजार 211.73 करोड़ से घटकर 2023-24 में 15 हजार 504.87 करोड़ रुपये रह गया है।

    सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों के खून-पसीने की कमाई लूटकर निजी बीमा कंपनियों की तिजोरियां भरने में लगी है। फसल के नुकसान की गणना करने वाली समिति में किसानों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होता, जिस कारण सरकार और बीमा कंपनियां मिलकर किसानों के प्रति मनमानी कर रहे हैं। हरियाणा के किसानों से बीमा कंपनियां प्रिमियम तो काट लेती हैं लेकिन जब मुआवजा देने की बारी आती है तो किसानों को दर-दर की ठोकर खानी पड़ती हैं।

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