फसल बीमा के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं, फोन पर मिल जाएगा आपकी हर समस्या का समाधान
कृषि एवं किसान मंत्रालय ने किसानों के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। कृषि रक्षक पोर्टल चैट बॉक्स एवं क्रॉप इंश्योरेंस ऐप पहले से सक्रिय है। बीमा क्लेम प्राप्त करने में किसी तरह की दिक्कत आने पर इनमें से किसी तरीके को अपनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना छोटे एवं सीमांत किसानों को वित्तीय सुरक्षा देती है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रबी फसलों की बीमा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि खत्म होने के बाद अब प्रभावित किसान क्लेम प्राप्त करने के लिए परेशान हैं। बीमा एजेंसियों से संबंधित गड़बड़ी की शिकायतें प्रतिदिन अधिकारियों के पास आ रही हैं। केंद्र सरकार विसंगतियों को दूर करने में जुटी हैं।
कृषि एवं किसान मंत्रालय ने किसानों के लिए फरवरी 2024 में टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 14447 जारी किया था। कृषि रक्षक पोर्टल, चैट बॉक्स एवं क्रॉप इंश्योरेंस ऐप पहले से सक्रिय है। बीमा क्लेम प्राप्त करने में किसी तरह की दिक्कत आने पर इनमें से किसी तरीके को अपनाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) छोटे एवं सीमांत किसानों को वित्तीय सुरक्षा देती है। यह प्राकृतिक आपदा में नष्ट हुई फसलों की क्षतिपूर्ति करती है। केंद्र सरकार ने योजना की अवधि को आगे बढ़ाकर 2025-26 तक कर दिया है। इसके लिए 69,515.71 करोड़ रुपये का प्रबंध भी किया गया है।
मुआवजा किस आधार पर दिया जाता है?
फसल क्षतिपूर्ति उपज के आंकड़ों के आधार पर की जाती है। अधिक जानकारी के लिए किसान सरकार की अधिकृत वेबसाइट पर जाकर टोल फ्री नंबर (14447) पर फोन किया जा सकता है। यहां पर किसानों को क्लेम से जुड़ी कोई बात तभी करनी चाहिए, जब किसी स्थानीय आपदा से नुकसान हुआ हो। उपज से आधारित दावे जीपी लेवल पर उपज की गणना करने के बाद ऑटोमैटिक तरीके से digi claim के माध्यम से भेज दी जाती है।
वॉट्सऐप चैट नंबर 7065514447 पर भी मैसेज भेजकर भी किसान अपनी समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, चैटबॉट की सुविधा सिर्फ उन्हीं किसानों के लिए उपलब्ध है, जो NCIP Portal पर रजिस्टर्ड हैं।
केंद्र ने किसानों को फसल बीमा से जुड़ी हर जनकारी उनकी भाषा में ही देने की व्यवस्था की है। पूरे देश के लिए एक ही टोल-फ्री नंबर है, जो सुबह 8 बजे से शाम 8 तक खुला रहता है। किसान चाहें तो क्रॉप इंश्योरेंस ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं। समाधान पाने के किसी तरीके के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।
किसान कैसे दर्ज करा सकते हैं शिकायत?
टोल फ्री नंबर पर किसान सीधे फोन करके अपनी समस्या बता सकते हैं। शिकायत दर्ज करने के लिए बीमा कर्मचारी संबंधित किसान से उनका नाम, फोन नंबर, पता (गांव एवं जिला समेत) एवं स्कीम के बारे में पूछेगा। अधूरी जानकारी पर शिकायत दर्ज नहीं होगी। प्राकृतिक आपदाओं में बेमौसम वर्षा, बाढ़-सुखाड़, चक्रवात, ओला, आगजनी एवं कीट संक्रमण आदि से फसलों के नुकसान को रखा गया है।
बुआई से लेकर कटाई तक की क्षतिपूर्ति की व्यवस्था है। कटाई के बाद खेतों में रखी गई फसलों के नुकसान पर अधिकतम 14 दिनों के लिए ही बीमा भुगतान का प्रबंध है। इससे अधिक दिनों की भरपाई नहीं की जा सकती है। क्लेम भुगतान में गड़बडि़यों की शिकायत पर क्षति का आकलन नई व्यवस्था में रिमोट सेंसिग के जरिए किया जाएगा। इसे कम से कम 30 प्रतिशत करना अनिवार्य कर दिया गया है।
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