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    पीलीभीत में मारे गए तीनों आतंकियों के थे 5 मददगार, होटल दिलाया; पैसा कम कराया और भागने के लिए दी थी चोरी की बाइक

    Updated: Thu, 26 Dec 2024 12:02 PM (IST)

    पंजाब से भागकर यूपी के पीलीभीत (Pilibhit Encounter) गए खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरविंदर सिंह वीरेंद्र सिंह व जश्नप्रीत को पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम ने एनकाउंटर में मार गिराया। बता दें कि इन आतंकियों का नेटवर्क तराई क्षेत्र में फैला हुआ था। आतंकियों के मददगारों ने होटल हरजी में कमरा दिलाया था और किराया कम कराया था। आतंकियों को भागने के लिए मोटरसाइकिल चोरी करके सौंपी थी।

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    पीलीभीत में मारे गए आंतकियों की 5 लोगों ने की थी मदद। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब से भागकर यूपी के पीलीभीत गए खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह व जश्नप्रीत का नेटवर्क तराई क्षेत्र में फैला हुआ था। उसके मददगारों ने होटल हरजी में कमरा दिलाया, किराया कम कराया, आतंकियों के परिवर्तित नाम वाले फर्जी आधार कार्ड उपलब्ध कराए और भागने के लिए व्यापारी की मोटरसाइकिल चोरी करके सौंप दी थी।

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    बुधवार को होटल के सीसीटीवी कैमरों में तीनों आतंकियों के साथ दिख रहे दो मददगारों के चेहरे भी बेनकाब हो गए हैं। इन दोनों को देर सायं पकड़कर पूछताछ शुरू कर दी गई। होटल मैनेजर से पूछताछ जारी है। उसका मालिक पंजाब का रहने वाला है। तीन मददगारों की तलाश की जा रही है।

    18 दिसंबर को पुलिस चौकी पर फेंका था ग्रेनेड

    18 दिसंबर की रात पंजाब के गुरदासपुर जिले में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड फेंकने के बाद खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीनों आतंकी रास्ते में निजी बसें बदलते हुए 20 दिसंबर को पूरनपुर कस्बा पहुंचे थे। पुलिस के अनुसार, आतंकी गुरविंदर सिंह जंगी ऐप के माध्यम से पड़ोसी जिले लखीमपुर खीरी के निघासन में रहने वाले फुफुरे भाई के संपर्क में था।

    उसने पूरनपुर में रुकने की व्यवस्था को कहा, तो फुफेरे भाई ने जपती गांव में रहने वाले दोस्त को फोन किया। इसके कुछ देर बाद गांव से दो युवक कस्बा के मुख्य बाजार में पहुंचकर आतंकियों से मिले। उन्हें हरजी होटल में कमरा नंबर 105 दिलाया। रात आठ बजे तीनों आतंकियों के कमरे में चले जाने वाले जपती गांव से आए मददगार भी लौट गए।

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    आतंकियों ने चोरी की थी बाइक

    आतंकियों के मददगारों और उनके लोकल कनेक्शन को लेकर पुलिस अधीक्षक ने 12 टीमें गठित कर नगर में सर्च अभियान चलाया। इंस्पेक्टर, दरोगा व अन्य पुलिस कर्मियों की 12 टीमों ने आतंकियों के फोटो लेकर टीमों ने राहगीरों, सड़क किनारे दुकान लगाने वालों, होटल संचालकों, बाइक सवारों को दिखाया। उनसे पता किया गया कि इन तीनों को उन्होंने कहीं देखा है।

    पूरे नगर में कई घंटे तक सर्च अभियान चलता रहा। एक टीम की खुद कमान संभाल रहे पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडे ने बताया कि आतंकियों ने नगर में एक बाइक चोरी की थी, जिसको लेकर वह घटना से एक दिन पहले घूम रहे थे, इसलिए आतंकी नगर में कहीं रुके होंगे। आतंकियों के लोकल कनेक्शन की जानकारी भी मिल रही है। इन सभी को लेकर डिटेल सर्च अभियान चलाया गया है। जब तक आतंकी कहां रुके थे।

    पहचान बदलने के लिए बनवाए थे फर्जी आधार कार्ड

    खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के आतंकी गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र व जश्नप्रीत सिंह ने पहचान बदलने के लिए जो फर्जी आधार कार्ड बनवाए थे, उनमें गुरविंदर का नाम मंजीत सिंह, वरिंदर का नाम कुलदीप सिंह व जश्नप्रीत का नाम हीरा सिंह अंकित किया गया था। ये तीनों मूल रूप से पंजाब के गुरदासपुर जिले के रहने वाले थे, पर फर्जी आधार कार्ड पर पता यूपी के बलिया जिले के आदर्शनगर दर्ज कराया था।

    दोपहर को जांच करने पहुंची पुलिस टीमों ने होटल हरजी का रिकॉर्ड खंगाला। मैनेजर से पूछताछ में पता चला कि उन्हें वॉट्सऐप पर आधार कार्ड की प्रति प्राप्त हुई थी। इसी आधार पर रजिस्टर में एंट्री की गई थी।

    फर्जी आधार कार्ड पर क्यों लिखा बलिया का पता?

    पुलिस की आरंभिक जांच में पता चला कि फर्जी आधार कार्ड पंजाब में बनवाए गए थे। वहां ग्रेनेड हमला करके भागे आतंकियों के पास फर्जी आधार कार्डों की मूल प्रति उपलब्ध थी। यही कारण था कि वॉट्सऐप पर फर्जी आधार कार्ड की प्रति मंगवाई गई।

    इन तीनों ने फर्जी आधार कार्ड पर अपना पता बलिया क्यों लिखा, इस बिंदु की भी जांच की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इसके दो कारण हो सकते हैं। पहला यह कि बलिया में आतंकियों के मददगार रहे हों पर इसका आधार तलाशना जरूरी है। दूसरा यह कि गच्चा देने के लिए बलिया का पता लिख दिया गया हो।

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