'शरीर पर कोई गोली का निशान नहीं, अंतिम संस्कार नहीं होगा', पीलीभीत में मारे गए आतंकियों के परिजनों ने उठाए सवाल
कलानौर की पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमला करने वाले तीनों आतंकियों का उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में 23 दिसंबर को पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम ने एनकाउंटर कर दिया था। यह तीनों आतंकी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स संगठन के सदस्य थे। बुधवार को तीनों मृतकों के शवों को कलानौर लाया गया जहां उनके पैतृक गांवों में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

संवाद सहयोगी, कलानौर। सीमावर्तीय क्षेत्र कलानौर की पुलिस चौकी बख्शीवाल में 18 दिसंबर की रात को ग्रेनेड हमला करने वाले तीनों आरोपितों का उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में 23 दिसंबर को पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था।
यह तीनों आतंकी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स संगठन के सदस्य थे, जिन्हें विदेश में बैठकर जगजीत सिंह उर्फ फतेह सिंह बागी कमांड दे रहा था। यह तीनों आरोपित सीमावर्ती कस्बा कलानौर के आसपास के गांव के ही रहने वाले थे।
तीनों आतंकियों का उनके पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार
जानकारी के मुताबिक आरोपित जश्नप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह (18) निवासी निक्का शहूर, गुरविंदर सिंह (25) पुत्र गुरदेव सिंह निवासी कलानौर और वरिंदर सिंह उर्फ रवि (23) पुत्र रणजीत सिंह गांव अगवान का रहने वाला था। यह तीनों काफी गरीब परिवारों से संबंधित थे।
बुधवार को तीनों मृतकों के शवों को कलानौर लाया गया। जहां पर उनके पैतृक गांवों में उनका अंतिम संस्कार किया गया। बताया जा रहा है कि यूपी से गुरदासपुर आते समय जिस एंबुलेंस में शवों को लाया जा रहा था, वह रास्ते में हादसाग्रस्त हो गई। जिसके चलते शवों को गुरदासपुर पहुचने में समय लगा।
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मृतक गुरविंदर सिंह के पिता गुरदेव सिंह ने कहा कि पंजाब में बढ़ रहे नशे के चलते नौजवान गलत रास्ते पर चल रहे है। अगर नौजवान पीढ़ी को बचाना है, तो नशे पर लगाम लगानी होगी। मृतक गुरविंदर सिंह के संस्कार से पहले उसकी चचेरी बहनों द्वारा उसे सेहरा बांधा गया। इसी तरह वरिंदर सिंह का गांव अगवान में पुलिस सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार करवा दिया गया। तीनों के पिता द्वारा उन्हें मुख्यागिन दी गई।
आधा घंटे के लिए रोका गया जश्नप्रीत सिंह का संस्कार
गांव निक्का शहूर निवासी मृतक जश्नप्रीत सिंह का शव जब परिवार को सौंपा गया, तो परिवार द्वारा शव की जांच करने के बाद उसका अंतिम संस्कार रोक दिया गया। परिवार का कहना था कि उनके बेटे के शरीर पर कोई भी गोली का निशान नहीं है। उसका फेक एनकाउंटर किया गया है। जिसके चलते उन्होंने संस्कार करने से मना कर दिया।
मामले की सूचना मिलते ही डीएसपी अमोलक सिंह मौके पर पहुंचे और परिवार को आश्वासन दिलाया कि उनके साथ है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद परिवार को इंसाफ दिलाया जाएगा। इसके बाद परिवार सहमत हुआ और मृतक का संस्कार कर दिया गया।
आतंकियों के अंतिम संस्कार के बाद क्या बोले डीएसपी?
डीएसपी अमोलक सिंह ने बताया कि तीनों आतंकियों के उनके पैतृक गांवों में पुलिस निगरानी में अंतिम संस्कार करवा दिया गया है। उक्त तीनों आतंकियों द्वारा बख्शीवाल चौकी पर ग्रेनेड फेंका गया था।
जिनका यूपी में एनकाउंटर हुआ था। परिवारों की सहमति के बाद ही तीनों का यूपी में पोस्टमार्टम हुआ था। अब अगर कोई परिवार किसी भी तरह जांच की मांग करता है, तो पुलिस प्रशासन उनके साथ है।
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