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    पंजाब में 7 साल बाद होंगे पंचायत जिला परिषद के चुनाव, 31 मई से पहले होने की संभावना; मान सरकार ने दी मंजूरी

    पंजाब सरकार ने राज्य में पंचायत जिला परिषद के चुनाव करवाने को मंजूरी दे दी है। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने इस संबंधी नोटिफिकेशन जारी कर दी है। इसमें कहा है कि ये चुनाव 31 मई से पहले करवाए जा सकते हैं। आखिरी बार सितंबर 2018 में चुनाव हुए थे। पंजाब के सभी 23 जिलों में ये चुनाव होने हैं।

    By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Thu, 13 Feb 2025 02:23 PM (IST)
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    पंजाब में होंगे पंचायत जिला परिषद के चुनाव।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य में पंचायत जिला परिषद के चुनाव करवाने को मंजूरी दे दी है। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने इस संबंधी नोटिफिकेशन जारी कर दी है।

    इसमें कहा है कि ये चुनाव 31 मई से पहले करवाए जा सकते हैं। आखिरी बार सितंबर 2018 में चुनाव हुए थे। चूंकि अप्रैल महीने में गेहूं की कटाई होती है, इसलिए इसके 20 मई के बाद ही होने की संभावना है। पंजाब के सभी 23 जिलों में ये चुनाव होने हैं।

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    सरकार ने 24-25 को बुलाया विधानसभा का विशेष सत्र

    पंजाब सरकार ने विधानसभा का 24 और 25 फरवरी को दो दिन का विशेष सत्र बुला लिया है। यह सत्र उस समय बुलाया गया है, जब मार्च महीने में बजट सत्र बुलाना प्रस्तावित है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार अभी तक सरकार की ओर से बजट तैयार नहीं किया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि यह विशेष सत्र क्यों बुलाया गया है और इसमें क्या होना है?

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    वित्तमंत्री हरपाल चीमा का कहना है कि हमारे पास कई बिल लंबित थे, जो इस सत्र के दौरान पारित किए जाएंगे। काबिले गौर है कि विधानसभा का पिछला सत्र तीन सितंबर को बुलाया गया था जो चार सितंबर तक चला था। ऐसे में छह महीने के भीतर सत्र बुलाना जरूरी होता है। यानी सरकार को हर हाल में तीन मार्च से पहले पहले सत्र बुलाना था।

    राज्यपाल का अभिभाषण नहीं होगा

    इस सत्र में केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को भेजे गए नई मंडीकरण नीति के ड्राफ्ट को रद्द किया जाएगा। हालांकि, विभागीय तौर पर इसे रद्द करके सरकार ने पहले ही केंद्र सरकार को भेज दिया है। यह फैसला उस समय लिया गया जब शंभू और खनौरी में न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने को लेकर किसान संगठनों का आंदोलन चल रहा है और 14 फरवरी को केंद्र सरकार के साथ किसान संगठनों की फिर से बातचीत शुरू होनी है।

    प्रथा के मुताबिक किसी भी नए वर्ष का पहला विधानसभा सत्र राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होता है, लेकिन इस साल विशेष सत्र के कारण यह पहला मौका होगा जब राज्यपाल का अभिभाषण नहीं होगा, बल्कि यह वर्ष 2024 में सितंबर महीने में होने वाले सत्र का हिस्सा होगा। चूंकि सरकार ने चार सितंबर को बुलाए सत्र का सत्रावसान नहीं किया है इसलिए विशेष सत्र को बुलाने के लिए राज्यपाल से मंजूरी लेने की भी जरूरत नहीं होगी। सरकार सीधे तौर पर यह सत्र बुला लेगी।

    उधर, विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि जो सरकार अपनी कैबिनेट बुलाने को चार-चार महीने लगा देती है, उस सरकार से विधानसभा का सत्र समय बुलाने की उम्मीद कैसे की जा सकती है।

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