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नूरां सिस्‍टर्स ने खोला सू‍फियाना गायकी का राज, कहा- जब भी गाते हैं खुदा में खो जाते हैं

सुफियाना गायन के लिए मशहूर नूरां बहनें ज्‍योति और सुल्‍ताना ने अपनी गा‍यिकी का राज खोला है। उनका क‍हना है कि गाते समय वे खुदा में खो जाती हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 17 Feb 2018 12:19 PM (IST)Updated: Mon, 19 Feb 2018 01:02 PM (IST)
नूरां सिस्‍टर्स ने खोला सू‍फियाना गायकी का राज, कहा- जब भी गाते हैं खुदा में खो जाते हैं
नूरां सिस्‍टर्स ने खोला सू‍फियाना गायकी का राज, कहा- जब भी गाते हैं खुदा में खो जाते हैं

जेएनएन, चंडीगढ़। सूफी गायन के लिए लोगों के दिलोदिमाग पर छा चुकीं नूरां सिस्‍टर्स का कहना है कि जोड़ी ऊपर वाला बनता है। बस हमारी थोड़ी सुरीली बनाई है। ये सुर इसलिए हमेशा खुदा के लिए ही गाते हैं। हम दोनों जब भी गाते हैं खुद को भूल जाते हैं और खुदा में खो जाते हैं। सिर्फ खुदा का नाम ही याद रहता है। इसलिए तो 'पटाखा गुड्डी' फिल्‍म में एक ही एक्ट्रेस पर हम दोनों की आवाजें जच गई।

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नूरां सिस्टर्स यहां सेक्‍टर 18 स्थित टैगोर थिएटर में सुपर जोड़ी के सीजन -5 के फिनाले में पहुंची थीं।  दोनों बहनाें ज्योति नूरां और सुल्ताना नूरां के बीच उम्र का जो थोड़ा सा फासला है, वह  उनकी गायिकी में नहीं दिखता है। एक खास बातचीत में ज्योति नूरां ने कहा, दरअसल हम दोनों ने लगभग एक ही उम्र से गायिकी के लिए रियाज शुरू किया। उस दौरान हमें यह नहीं लगता था कि कौन बड़ा और कौन छोटा। अब तो मंच पर चढ़ते हैं और गाना शुरू कर देते हैं बस। कौन क्या शुरू करेगा इसकी बस एक छोटी सी रिहर्सल ही हो पाती है।

शादी हुई तो भी साथ हैं

सुल्तान नूरां ने कहा, शादी के बाद भी दोनों बहनें एक साथ ही परफॉर्म करती हैं। दरअसल हम अकेले प्रस्तुति दें तो बहुत अजीब लगता है। हमारी आवाज शायद एक दूसरे से इतनी मिल गई है कि अकेले गाने को मन नहीं करता। हम आगे भी ऐसे ही बढ़ना चाहते हैं। हमारी विरासत जो सूफी गायिकी से चली आ रही है, इसे ही कायम रखना चाहते हैं। आज पैसा खूब है, मगर जमीन से जुड़े रहना नहीं भूले। उसी तरह से बच्चों को बड़ा कर रहे हैं, जैसे हम दोनों बड़े हुए।

चंडीगढ़ के टैगोर थियेटर में प्रस्‍तुति देतीं नूरां बहनें।

सूफी पर कोई वाद्य यंत्र भारी नहीं हो सकता

नूरां सिस्टर्स ने गिटार से लेकर कितने ही वाद्य यंत्र में सूफी गीतों को पेश किया है। उन्होंने कहा कि सूफी गीतों के लिए वाद्य यंत्र नहीं बल्कि आपका गीत के साथ एहसास जरूरी है। फिल्मों में तो अकसर हमारे सामने वेस्टर्न इंस्ट्रूमेंट ही होते हैं, लेकिन हम फिर भी अपने ही अंदाज में सूफी गीत गाते हैं।

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डॉ. निशांत और श्वेता यागनिक की बनी सुपर जोड़ी

कनेक्ट सुपर जोड़ी सीजन-5 की विजेता रही चंडीगढ़ की डॉ. निशांत और श्वेता यागनिक की जोड़ी। यह प्रतियोगिता पंजाब भर में पिछले चार महीने से चल रही थी। इस दौरान द्वितीय स्थान बन्नी और उर्वशी तथा तीसरा स्थान भावना और धीरज महाजन ने जीता। शो के जज के रूप में कोरियोग्राफर जस के शान और दीपिका टग्गर रहे।

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