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वेतन का इनकम टैक्स खुद भरें मंत्री व विधायक: कैप्टन अम‍रिंदर

पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने राज्‍य के मंत्रियों और विधायकों से अपील की है कि वे अपने वेतन व भत्‍तों पर देय आयकर का खुद भुगतान करें।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 06 Feb 2018 09:52 AM (IST)Updated: Tue, 06 Feb 2018 12:35 PM (IST)
वेतन का इनकम टैक्स खुद भरें मंत्री व विधायक: कैप्टन अम‍रिंदर
वेतन का इनकम टैक्स खुद भरें मंत्री व विधायक: कैप्टन अम‍रिंदर

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्‍यमंत्री राज्‍य के सभी मंत्रियों अौर विधायकों से अपील की है कि वे अपने वेतन और भत्‍तों पर देय आयकर का भुगतान खुद करें। अभी राज्‍य सरकार की ओर से इसका भुगतान किया जाता है। 14 साल पहले 2004 में उनकी सरकार ने ही विधायकों के वेतन व भत्‍ते पर बनने वाले आयकर का सरकार की ओर से भुगतान करने की व्‍यवस्‍था बनाई थी। मंत्रियों को पहले से यह सुविधा मिल रही थी।

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राज्य की वित्तीय स्थिति सुधारने को सीएम ने की अपील, 11.08 करोड़  का भुगतान करना पड़ता है हर साल

इससे पहले कैप्टन ने सभी विधायकों, मंत्रियों और बड़े किसानों से बिजली सब्सिडी सरेंडर करने की अपील की थी। राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए कैप्टन की अगुवाई में बनी मंत्रिमंडल की उप-कमेटी की मीटिंग में कैप्टन ने कहा कि पंजाब देश का एकमात्र राज्य है, जिसने सभी मंत्रियों और विधायकों के आयकर का भुगतान करने की व्यवस्था अपनाई है। इस व्यवस्था के चलते पंजाब सरकार को सालाना 11.08 करोड़ रुपये के टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। सोमवार को हुई इस बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया।

विधायकों का आयकर भुगतान 10.72 करोड़ रुपये

पंजाब सरकार के अनुसार, 11.08 रुपये में से 10.72 करोड़ रुपये विधायकों के आयकर के भुगतान पर खर्च होते हैं, जबकि शेष राशि मंत्रियों के आयकर पर खर्च होती है। यदि सुझाए गए प्रस्ताव को व्यवहार में लाया जाता है, तो इससे इस पूरी राशि की बचत होगी, जिसे सरकार राज्य के विभिन्न विकास कार्यों व ऐसी कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च किया जा सकता है, जो आवश्यक निधि की कमी के कारण अटक जाती हैं।

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3 मार्च 2004 को पास हुआ था बिल

गौरतलब है कि 3 मार्च, 2004 को विधायकों का इनकम टैक्स अदा करने का बिल भी कैप्टन अमरिंदर सिंह की ही सरकार में आया था। इसे एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने यह याचिका रद कर दी थी। उस समय हाईकोट में सरकार ने यह दावा पेश किया कि विधायकों का इनकम टैक्स अदा करने से सरकार को कोई नुकसान नहीं होगा।

करोड़पति विधायकों का टैक्स सरकार क्यों भरे?

एसोसिएशन एंड डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स ने भी इस पर सवाल उठाया है कि 117 विधायकों में से 95 विधायक पहले से ही करोड़पति हैं। ऐसे में उनके इनकम टैक्स का बोझ सरकार क्यों वहन करे। चुनाव आयोग को दिए गए एफिडेविट के अनुसार अकाली दल भाजपा के सभी 18 (अजीत सिंह कोहाड़ का निधन हो गया है। उनको मिलाकर), कांग्रेस के 67 और आम आदमी पार्टी व लोक इंसाफ पार्टी के 10 विधायक करोड़पति हैं।

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वेतन व भत्ते

-विधायक को मासिक वेतन और भत्ते: 84000 रुपये

-पेट्रोल व डीजल -90 हजार रुपये प्रतिमाह

-विधानसभा की कमेटियों में आने के 1500 रुपये प्रति सिटिंग

-मंत्री के वेतन, भत्ते: 1 लाख 25 हजार। उनके लिए पेट्रोल व डीजल की लिमिट तय नहीं है।


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