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खुला राज, इस कारण बल्‍लेबाजों के लिए कहर बन जाता है युजवेंद्र

युजवेंद्र चहल आज टीम इंडिया के विश्‍वसीनीय स्पिनर बन गए हैं। बल्‍लेबाजों के लिए खाैफ बन गए चहल मैच के लिए मैदान में उतरने से पहले वे माता-पिता का अाशीर्वाद जरूर लेते हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 05 Feb 2018 09:14 PM (IST)Updated: Wed, 07 Feb 2018 05:45 PM (IST)
खुला राज,  इस कारण बल्‍लेबाजों के लिए कहर बन जाता है युजवेंद्र
खुला राज, इस कारण बल्‍लेबाजों के लिए कहर बन जाता है युजवेंद्र

जींद, [बिजेंद्र सिंह]। दक्षिण अफ्रीका के साथ दूसरे वनडे मैच में टीम इंडिया के स्पिनर युजवेंद्र चहल छा गए।  जींद के छोरे चहल ने दक्षिण अफ्रीकी टीम के दिग्‍गज बल्‍लेबाजों को अपने फिरकी पर नचाकर रख दिया। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की बल्‍लेबाजी की बुरी गत कर दी। पिछले करीब एक साल से चहल सभी देशों के बल्‍लेबाजों को ऐसी ही हालत कर रहे हैं। इसके पीछे का राज अब उजाकर हुआ है। युजवेंद्र मैच के लिए मैदान में उतरने से ठीक पहले अपने माता-पिता से बात करते हैं और उनका अाशीर्वाद लेते हैं। यही आशीर्वाद उनकी ताकत बन जाती है और बल्‍लेबाजों की शामत।

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हरियाणा के ठेठ जाटलैंड जींद के युजवेंद्र चहल ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन में खेले गए दूसरे एक दिवसीय क्रिकेट मैच में 22 रन देकर पांच विकेट लेकर मेजबान टीम के बल्‍लेबाजाें को घुटने के बल ला दिया। मैच शुरू होने से पहले उन्होंने फोन कर माता सुनीता और पिता केके चहल का आशीर्वाद लिया था। युजवेंद्र का कहना है कि उनकी कामयाबी माता-पिता के आशीर्वाद का ही प्रतिफल है।

विकेट लेने के बाद युजवेंद्र चहल का जोश देखने लायक होता है।

युजवेंद्र चहल की बचपन से ही क्रिकेटर बनने की जिद थी। इस जिद को पूरा करने के लिए उन्‍होंने कई साल तक लगातार कड़ी मेहनत की। उनकी क्रिेकेट की प्रारंभिक ट्रेनिंग खेत में पिता द्वारा बनाई पिच पर हुई। युजवेंद्र का मन पढ़ाई में कम और खेल में ज्यादा लगता था। 2004 में पिता केके चहल ने डेढ़ एकड़ खेत में युजवेंद्र के लिए स्पेशल पिच तैयार कराई। वहां उसने प्रैक्टिस शुरू की। 2011 तक उसने खेत में ही प्रैक्टिस की। इसके बाद जूनून और मेहनत की बदाैलत वह छाते चले गए। युजवेंद्र के पिता राज्‍य स्‍तर के शतरंज खिलाड़ी रह चुके हैं। वह बार एसोसिएशन के अध्‍यक्ष भी थे। वह मूल रूप से जींद जिले के दरियावाल गांव के रहने वाले हैं।

युजवेंद्र का मैच देखते परिवार के सदस्‍य।

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आइपीएल की नीलामी में छह करोड़ में बिके युजवेंद्र चहल ने दक्षिण अफ्रीका में धूम मचाई हुई है। उनके इस शानदार प्रदर्शन से शहर में खुशी का माहौल है और अभी तक बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ था। पिछले मुकाबले में भी युजवेंद्र ने दो विकेट हासिल किए थे। रविवार को हुए मुकाबले में चहल ने अफ्रीकी बल्लेबाज डिकॉक, जेपी डुमिनी, जोंडो, क्रिस मॉरिस व मोर्ने मॉर्केल को आउट किया।

यह भी पढ़ें: IPL में बेटे की बड़ी बोली पर खुश हैं युजवेंद्र के पिता, बोले- बेटे ने बड़ा गिफ्ट दिया

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पिता को उम्‍मीद 2019 वर्ल्‍ड कप के लिए टीम इंडिया में जरूर होगा यजुवेंद्र

युजवेंद्र के पांच विकेट लेने के बाद उनके पिता केके चहल ने बेटे को वाट्सएप पर बधाई दी। केके चहल ने बताया कि युजवेंद्र मैच से पहले उससे व अपनी मां से जरूर बात करता है और उनसे आशीर्वाद लेता है। जिस दिन मैच होता है, युजवेंद्र के माता-पिता घर पर रहकर टीवी पर मैच जरूर देखते हैं। केके चहल ने बेटे के शानदार प्रदर्शन पर खुशी जताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनका बेटा अगले साल वर्ल्‍ड कप जरूर खेलेगा। देश के लिए वर्ल्‍ड कप खेलना हर खिलाड़ी का सपना होता है।

मैदान में यजुवेंद्र का अंदाज।

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शादी के लिए मांग रखे दो साल

मां सुनीता का कहना है कि ईश्‍वर से बस इतनी प्रार्थना है कि बेटा इसी तरह कामयाबी की सीढियां चढ़ता रहे। मां की तमन्‍ना है कि अब घर में बहू आ जाए, लेकिन युजवेंद्र अभी इसके लिए तैयार नहीं है। मां का कहना है युजवेंद्र ने शादी के लिए दो साल की मोहलत मांग रखी है। अब 2020 में शादी के बारे में विचार करेंगे।

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बेटा विराट की टीम में है, यही ज्यादा खुशी

यजुवेंद्र की मां सुनीता देवी ने कहा कि उसे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि बेटे को रॉयल चैलेंर्जस बेंगलुरु ने ही खरीदा है। सुनीता ने कहा कि उसकी विराट कोहली के साथ अच्छी बनती है और आरसीबी में उसे सभी मैच खेलने को मिल जाते हैं। वह यही दुआ कर रही थी कि बेटा आरसीबी के साथ ही रहे, ताकि सभी मैचों में शानदार प्रदर्शन कर सके।

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आइपीएल में पिछले साल मिले थे 30 लाख और इस बार मिले छह करोड़

युजवेंद्र चहल को आईपीएल 2011 में मुंबई इंडियंस ने दस लाख रुपये में खरीदा था। वह 2012 और 2013  में भी इसी टीम के साथ रहा। इस दौरान उसे तीन साल में मात्र एक मैच में खेलने का मौका मिला। इसके बाद 2014 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का हिस्सा बना, लेकिन वहां भी 10 लाख रुपये ही मिले। पिछले साल आरसीबी ने उसे 30 लाख रुपये में खरीदा था। पिता ने कहा कि मुंबई इंडियंस ने उसे तीन साल प्लेइंग टीम में शामिल ही नहीं किया। आरसीबी की तरफ से ज्यादा मैच खेलने को मिले। इस बार आरसीबी ने उसे छह करोड़ रुपये में खरीदा है।

आइपीएल में शानदार प्रदर्शन की बदौलत युजवेंद्र भारतीय टीम में आया और सफलता दर सफलता हा‍सिल करता गया। अब पिछले साल वह अंतरराष्ट्रीय टी-20 में विश्व में सबसे ज्यादा 23 विकेट हासिल किए थे। इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 मैच में चार ओवर में २५ रन देकर छह विकेट लिए थे, जिसे आइसीसी द्वारा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन के तौर पर चुना गया है।

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यह भी है सफलता का राज

-वजन न बढ़े इस पर वे खास ध्यान देते हैं और काफी बैलेंस डाइट लेते हैं।

-युजवेंद्र की मां सुनीता देवी बताती हैं कि घर हो या बाहर सन्नी (यजुवेंद्र) कभी भी तली हुई चीजें नहीं खाता।

- देशी घी भी बहुत कम। उसकी खाने में सबसे फेवरिट डिश राजमा-चावल और लहसुन की चटनी होती है।

- खाने में दोनों टाइम वह लहसुन की चटनी जरूर खाता है। दूध पीने से वह कभी मना नहीं करता।


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