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    Fauja Singh: 'वे हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे', फौजा सिंह के निधन पर CM मान ने जताया दुख

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 05:29 PM (IST)

    मशहूर मैराथन धावक फौजा सिंह जिन्होंने 100 साल की उम्र में मैराथन दौड़कर विश्व रिकॉर्ड बनाया का 114 साल की उम्र में निधन हो गया। एक सड़क हादसे में अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। फौजा सिंह टर्बनड टॉरनेडो के नाम से जाने जाते थे और उन्होंने सिख समुदाय को गौरवान्वित किया।

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    फौजा सिंह का सड़क हादसे में हो गया था निधन (फाइल फोटो)

    पीटीआई, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को मशहूर मैराथन धावक फौजा सिंह के निधन पर गहरा दुख जताया। 114 साल की उम्र में फौजा सिंह का सोमवार को जालंधर जिले के अपने गांव में एक सड़क हादसे में निधन हो गया। एक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मारी, जिसके बाद चालक फरार हो गया।

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    मुख्यमंत्री मान ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, "मशहूर पंजाबी सिख धावक फौजा सिंह जी के निधन की खबर बहुत दुखद है। दुनिया के सबसे उम्रदराज धावक फौजा सिंह ने अपनी लंबी दूरी की दौड़ से सिख समुदाय को पूरी दुनिया में गौरवान्वित किया। वे हमेशा हमारे दिलों और यादों में जिंदा रहेंगे। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।"

    पुलिस ने बताया कि टक्कर मारने वाले चालक की तलाश जारी है। फौजा सिंह के परिवार ने बताया कि उनके अंतिम संस्कार में कुछ दिन लग सकते हैं, क्योंकि उनके कई रिश्तेदार विदेश (यूके और कनाडा) में रहते हैं और उनके आने का इंतजार किया जा रहा है।

    कौन थे फौजा सिंह?

    1911 में जन्मे फौजा सिंह एक किसान परिवार से थे और चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उन्होंने 100 साल की उम्र में मैराथन दौड़ पूरी करके विश्व रिकॉर्ड बनाया। अपनी उम्र के बावजूद मैराथन दौड़ने के कारण उन्हें 'टर्बनड टॉरनेडो' (पगड़ी वाला तूफान) का नाम मिला।

    1990 के दशक में वे इंग्लैंड चले गए थे, लेकिन हाल के वर्षों में अपने गांव लौट आए थे। 2012 के लंदन ओलंपिक में वे मशाल वाहक भी बने। पिछले साल फौजा सिंह ने पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया के साथ नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए एक वॉकथॉन में हिस्सा लिया था।

    नेताओं ने जताया शोक

    पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, "114 साल की उम्र में भी फौजा सिंह जी प्रेरणा के प्रतीक थे। उनकी जिंदगी पंजाब और दुनिया के लिए गर्व का विषय है।"

    पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वाड़िंग ने भी दुख जताते हुए कहा, "फौजा सिंह जी की हादसे में मौत बहुत दुखद है। उनकी हिम्मत और जज्बा हम सभी के लिए प्रेरणा था। यह शर्मनाक है कि एक हिट-एंड-रन हादसे ने हमसे इतना कीमती जीवन छीन लिया। दोषी को जल्द पकड़ा जाए और उसे सजा मिले।"

    जालंधर कैंट से कांग्रेस विधायक और पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान परगट सिंह ने कहा, "114 साल की उम्र में भी फौजा सिंह अपनी ताकत और जज्बे से नई पीढ़ियों को प्रेरित कर रहे थे। उनका योगदान स्वस्थ और नशा-मुक्त पंजाब के लिए हमेशा याद रखा जाएगा।"

    फौजा सिंह की कहानी हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है जो उम्र या मुश्किलों को बहाना बनाता है। उनका जाना न सिर्फ पंजाब, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक बड़ी क्षति है।

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