अभी नहीं होगा फौजा सिंह का अंतिम संस्कार, लग सकते हैं तीन दिन; जानिए क्या है वजह?
जालंधर में दुनिया के सबसे उम्रदराज मैराथन धावक फौजा सिंह का 114 वर्ष की आयु में सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। उनके परिवारजन इंग्लैंड और कनाडा से आ रहे हैं जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। फौजा सिंह ने हमेशा नशे से दूर रहने का संदेश दिया था। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया।

जागरण संवाददाता, जालंधर। दुनिया के सबसे उम्रदराज मैराथन 114 वर्षीय धावक फौजा सिंह का सोमवार शाम को सड़क हादसे में निधन हो गया है। रिश्तेदार आने के बाद पोस्टमॉर्टम होने की संभावना जताई जा रही है। जबकि अंतिम संस्कार इंग्लैंड व कनाडा में रह रहे रिश्तेदारों के आने के बाद ही होगा।
अंतिम संस्कार में लग सकते हैं दो-तीन दिन
फौजा सिंह के बेटे सुखविंदर सिंह ने बताया कि अंतिम संस्कार में अभी दो-तीन दिन लग जाएंगे। रिश्तेदार इंग्लैंड व कनाडा से आ रहे है, उनके आने के बाद ही अंतिम संस्कार होगा। शुक्रवार को अंतिम संस्कार होने की संभावना जताई जा रही है।
सोमवार को फौजा सिंह दोपहर बाद साढे़ तीन बजे अपने गांव ब्यास पिंड के पास पठानकोट-जालंधर नेशनल हाईवे के किनारे सैर करने निकले थे। वह सड़क पार करने लगे, तभी तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी।
राज्यपाल ने फौजा सिंह के घर से की थी नशा मुक्त पैदल यात्रा
बता दें कि फौजा सिंह ने हमेशा नशे से दूर रहने का संदेश दिया। 10 दिसंबर, 2024 को राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया खुद ब्यास पिंड स्थित फौजा सिंह के घर पहुंचे थे। राज्यपाल ने फौजा सिंह के घर से नशा मुक्त रंगला पंजाब अभियान के तहत नशे के खिलाफ दो दिवसीय पैदल यात्रा की शुरुआत की थी।
फौजा सिंह ने इस पैदल यात्रा में भाग लिया था और राज्यपाल के साथ करीब एक किलोमीटर पैदल चले थे। इसके बाद राज्यपाल ने उन्हें सम्मानित भी किया था।
निधन पर राज्यपाल ने जताया दुख
निधन पर राज्यपाल ने जताया दुख राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने फौजा सिंह के निधन पर दुख जताया है।उन्होंने कहा कि महान मैराथन धावक और दृढ़ता व आशा के चिरस्थायी प्रतीक सरदार फौजा सिंह जी के निधन से अत्यंत दुखी हूं। 114 वर्ष की आयु में भी वे अपनी शक्ति और प्रतिबद्धता से पीढ़ियों को प्रेरित करते रहे।
मुझे दिसंबर 2024 में जालंधर स्थित उनके गांव ब्यास जाकर उनके साथ चलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उस समय भी उनकी उपस्थिति ने इस आंदोलन में अद्वितीय ऊर्जा और उत्साह का संचार किया। उन्होंने परिवार के साथ अपनी संवेदना जताई।
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