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पंजाब में सस्‍ती होगी शराब, सरकार ने नई आबकारी नीति को दी मंजूरी

पंजाब में शराब के शौकीनों के लिए अच्‍छी खबर है। राज्‍य सरकार ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। इससे शराब की कीमत में 20 फीसद की कमी होगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 14 Mar 2018 09:55 AM (IST)Updated: Wed, 14 Mar 2018 11:16 AM (IST)
पंजाब में सस्‍ती होगी शराब, सरकार ने नई आबकारी नीति को दी मंजूरी
पंजाब में सस्‍ती होगी शराब, सरकार ने नई आबकारी नीति को दी मंजूरी

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब में शराब के शौकीनों के लिए अच्‍छी खबर है। राज्‍य मे शराब सस्‍ती होगी। पंजाब सरकार की नई आबकारी नीति को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इससे राज्‍य में शराब की कीमत में 20 फीसद तक कमी होगी। कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू शराब कॉर्पोरेशन न बनाने को लेकर नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि पिछली आबकारी नीति बनाने के समय भी सरकार ने कहा था कि शराब का थोक कारोबार अपने हाथ में लेने के लिए कॉर्पोरेशन बनाई जाएगी, लेकिन ऐसा न करने से हमारा 2000 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया है।

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कैबिनेट की बैठक में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के विरोध के बावजूद आबकारी नीति पास

सिद्धू को बिफरता देखकर चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह ने मामला संभाला और कहा कि शराब कॉर्पोरेशन बनाने के लिए समय कम था। इस पर सिद्धू ने कहा कि तो अगले साल तक यह कॉर्पोरेशन बन जाए, उसके लिए एक कैबिनेट सब कमेटी का गठन ही कर दिया जाए।

कई कैबिनेट मंत्री भी आए सिद्धू के समर्थन में, लेकिन बिना कमेटी बनाए आबकारी नीति को मंजूरी

इसमें उनका साथ कई और मंत्रियों ने भी दिया, लेकिन मुख्‍यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह चुप बैठे रहे और नई आबकारी नीति को मंजूर करने को उन्होंने हरी झंडी दे दी। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने दावा किया कि नई आबकारी नीति से पंजाब सरकार को 6000 करोड़ रुपये की आमदनी होगी, जो पिछले साल के मुकाबले 900 करोड़ रुपये ज्यादा है। हालांकि, पिछले साल 5244 करोड़ रुपये का आकलन किया गया था।

84 बड़े ग्रुप तोड़कर बनाए 700 ग्रुप

नई आबकारी नीति में 84 ग्रुपों को तोड़कर इसकी जगह छोटे ग्रुपों की तरजीह दी है। अब शराब के ठेके नीलामी में लेने के लिए 700 ग्रुप बनाए जाएंगे और कोई भी व्यक्ति  दो से ज्यादा ठेके नहीं ले पाएगा। इससे सरकार को 6000 करोड़ रुपये मिलने की आस है। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने दावा किया है कि शराब के कारोबार में छोटे ग्रुपों के आने से कंपीटीशन बढ़ेगा, जिससे सरकार जहां ज्यादा रेवेन्यू मिलेगा वहीं, शराब की कीमतें भी 20 फीसद नीचे आएंगी।

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उन्होंने कहा कि पहले ठेकेदारों को दिया गया निर्धारित कोटा कभी भी पूरा नहीं होता था, जिसके चलते शराब उचंती सिस्टम (बकाया कोटा) के चलते दूसरे जिलों और राज्यों में चली जाती थी। इसके अलावा कीमतें ज्यादा होने के कारण हरियाणा, राजस्थान से स्मगलिंग होने लगती थी।

शराब का कोटा घटाया

नई नीति के तहत शराब का कोटा भी कम कर दिया है। देसी शराब का कोटा 8.44 करोड़ प्रूफ लीटर से 5.78 करोड़ लीटर, अंग्रेजी शराब का कोटा 3.71 करोड़ लीटर से कम करके 2.48 करोड़ लीटर और बीयर का कोटा 3.22 करोड़ लीटर से 2.57 करोड़ लीटर कर दिया है। ठेकों की गिनती भी 5850 से कम करके 5700 कर दी है। आवेदन फीस 18 हजार रुपये रखी गई है। लाइसेंस देते समय निर्धारित लाइसेंस फीस ली जाएगी, जो कलेक्टर कम डीईटीसी की ओर से निर्धारित की जाएगी। यह ग्रुप के कोटे और ठेके की जगह पर निर्भर करेगी।

शराब की तय होगी मिनिमम रिटेल प्राइस

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों पर अमल करते हुए सरकार ने शराब की न्यूनतम कीमत तय कर दी है जो सभी तरह के टैक्सों को मिलकर 12 फीसद लाभ पर तय की गई है। इसके अलावा अधिकतम रिटेल प्राइस भी तय की गई है।

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यह रहेंगे आबकारी ड्यूटी के रेट

सरकार ने देसी शराब पर प्रति प्रूफ लीटर 318 व 358 लीटर प्रति प्रूफ लीटर और स्ट्रांग बीयर पर 60 रुपये व लाइट बीयर पर 57 रुपये निर्धारित किए हैं। अंग्रेजी शराब पर आबकारी कर 84 रुपये से 390 रुपये लगाया गया है। स्थानीय डिस्टलरियों को प्रोत्साहित करने के लिए भी नीति में प्रावधान किए गए हैं।

गौ सेस की जगह अब लगेगी स्पेशल लाइसेंस फीस

नई आबकारी नीति में गौ सेस को खत्म करके गाय के विकास के लिए 5 रुपये प्रति प्रूफ लीटर स्पेशल लाइसेंस फीस लगाई गई है। एडीशनल चीफ सेक्रेटरी एक्साइज एंड टैक्सेशन एमपी सिंह ने बताया कि आबकारी नीति में गौ सेस की कोई व्यवस्था नहीं है यह केवल कुछ नगर पालिकाओं ने अपनी ओर से लगाया हुआ है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय को यह अधिकार नहीं है कि वह सरकार को टैक्स कलेक्ट करके उसे देने के लिए पाबंद करे। इसलिए पॉलिसी में परिवर्तन किया गया है।

मुख्‍य बिंदु

-25 फीसद और घटाया देसी और अंग्रेजी शराब का कोटा।

-सिद्धू के अनुसार कॉर्पोरेशन न बनने से 2000 करोड़ रुपये का नुकसान।

- सरकार को ई आबकारी नीति से  6000 करोड़ रुपये की आमदनी होगी।

-पिछले साल के मुकाबले 900 करोड़ रुपये ज्यादा मिलेगा राजस्‍व। 

-700 ग्रुप बनाए जाएंगे ठेके नीलामी में लेने के लिए।

-5850 से कम करके 5700 की ठेकों की संख्या।


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