सीबीआइ जांच की अधिसूचना सरकार ने वापस ली, अब एसआइटी के हवाले बेअदबी मामला
पंजाब सरकार ने राज्य में धार्मिक ग्रंथों से बेअदबी के मामले की जांच सीबीआइ से वापस लेने के लिए कदम उठा दिया है। सरकार ने इस संबंध में जारी अधिसूचना वापस ले ली है।
जेएनएन, चंडीगढ़। विधानसभा में बेअदबी कांड की जांच सीबीआइ से वापस लेने के पारित प्रस्ताव पर अमल करते हुए पंजाब सरकार ने पूर्व में जारी की गई अधिसूचना को वापस ले लिया है। सरकार ने एक नई अधिसूचना जारी कर कहा है कि अब बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी, कोटकपूरा व बहिबलकलां में पुलिस द्वारा फायरिंग मामले की जांच विशेरूा जांच टीम (एसआइटी) करेगी। पंजाब में यह पहला मामला होगा जब प्रदेश सरकार ने केंद्रीय एजेंसी से कोई केस वापस लिया है।
बेअदबी मामलों की जांच के लिए गठित रिटायर्ड रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर विधानसभा में 28 अगस्त को हुई बहस में प्रस्ताव पारित किया गया था। इसमें कहा गया था कि गंभीर मामले की जांच तीन वर्षों से सीबीआइ के पास लंबित है और इस पर कोई कार्रवाई शुरू नहीं हुई है। अत: इसे वापस लेकर एसआइटी से जांच करवाई जाए।
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नई अधिसूचना के बाद दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टेब्लिशमेंट एक्ट-1946 की धारा 6 के अंतर्गत अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए पंजाब के राज्यपाल ने दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टेब्लिशमेंट के सभी सदस्यों को दी अपनी सहमति वापस ले ली है। सीबीआइ को बेअदबी मामले के फरीदकोट के बाजाखाना व कोटकपूरा थाने में दर्ज मामलों की जांच सौंपी गई थी। उल्लेखनीय है कि विधानसभा में सीबीआइ से केस वापस लेकर एसआइटी से जांच करवाने का प्रस्ताव पारित होने के बाद चर्चा थी कि सरकार केस वापस नहीं ले सकती है।
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बता दें कि इस मामले में पंजाब में जस्टिस रणजीत सिंह की रिपोर्ट पर हंगामा मचा हुआ है और राज्य की राजनीति में तूफान सा आ गया है। कांग्रेस इस रिपोर्ट के अाधार पर शिरोमणि अकाली दल और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को घेरने की कोश्ािश में है। कांग्रेस इस मामले में पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल को निशाने पर ले रही है और राज्य सरकार उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी बात कर रही है।
आम आदमी पार्टी के नेता भी इस मामले में अकाली दल और प्रकाश्ा सिंह बादल पर निशाना साध रही है। वरिष्ठ अाप नेता एचएस फूलका ने तो प्रकाश सिंह बादल और तत्कालीन डीजीपी सुमेध सैनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने का एेलान कर दिया है। दूसरी आेर, शिरोमणि अकाली दल इस मामले पर बचाव की मुद्रा में नजर आ रहा है। शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल इस मामले में अमरिंदर सरकार पर पंजाब का माहौल खराब करने का आरोप लगा रही है।
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